राज्यसहकारिता

अपेक्स बैंक ने पैक्स कम्प्यूटरीकरण परियोजना की धीमी गति के लिए केंद्रीय सहकारी बैंकों के 95 ब्रांच मैनेजर को कारण बताओ नोटिस थमाये

जयपुर, 22 जून (मुखपत्र)। राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (APEX BANK) प्रबंधन द्वारा भारत सरकार प्रवर्तित पैक्स कम्प्यूटरीकरण परियोजना (PACS computerization project) की मंद गति के लिए, राजस्थान के 29 में से 27 डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक (DCCB) के 95 शाखा प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर, स्पष्टीकरण मांगा गया है और सात दिन में संतोषप्रद कारण नहीं बताने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गयी है। नोटिस का उचित कारण बताते हुए उत्तर देने की अंतिम तिथि आज यानी 22 जून है।

राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के लैटरपैड रहित नोटिस में कहा गया है कि सहकारिता विभाग, नाबार्ड एवं अपेक्स बैंक के स्तर पर नियमित निर्देश दिये जाने के उपरांत भी ईआरपी ट्रायल रन पर आ चुकी आपकी शाखा से सम्बंधित कतिपय पैक्स द्वारा अनुमोदित कुल ट्रांजेक्शन्स में से कोई भी ट्रांजेक्शन नहीं वर्तमान तक नहीं किये गये हैं। यह स्थिति आपके कर्तव्यों की घोर लापरवाही, उदासीनता व उच्च स्तर के निर्देशों की अवहेलना का प्रतीक है। अत: आप सात दिवस में अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें, कि आप द्वारा सम्बंधित पैक्स से ईआरपी ट्रायल रन पर टांजेक्शन क्यों नहीं करवाये गये हैं। यथासमय जवाब प्राप्त नहीं होने अथवा जवाब संतोषप्रद नहीं होने की स्थिति में आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। अपेक्स बैंक के कार्यवाहक प्रबंध निदेशक धनसिंह देवल की ओर से 27 डीसीसीबी के 95 शाखा प्रबंधकों को यह नोटिस, सम्बंधित डीसीसीबी के प्रबंध निदेशक की मार्फत दिया जाना अंकित है।

कार्यवाही पर उठे सवाल

दूसरी ओर, अपेक्स बैंक की इस कार्यवाही पर बैंक कार्मिकों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि पैक्स कम्प्यूटरीकरण के लिए अब जो भी काम बकाया है, वो समिति स्तर पर है और शाखा प्रबंधक का समिति कार्मिक पर कोई प्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं है। शाखा प्रबंधकों का कहना है कि अपेक्स बैंक, सीधे उन्हें नोटिस देने के लिए अधिकृत नहीं है क्योंकि अपेक्स बैंक न तो हमारा नियोक्ता है, न ही अपीलीय संस्थान, न ही नियंत्रक। हमारे विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का अधिकार नियोक्ता होने के नाते, केवल डीसीसीबी प्रबंधन को ही है।

शाखा प्रबंधकों के अनुसार, पैक्स कम्प्यूटरीकरण के अंतिम चरण में ईआरपी ट्रालय रन वाली ग्राम सेवा सहकारी समितियों को गो-लाइव करने के लिए वाउचर फीड करने का कार्य किया जाता है, जिसके लिए रिकार्ड का मिलान आवश्यक है, जो कि सोसाइटी स्तर का काम है। कुछ सोसाइटी के मुख्य कार्यकारी इस काम को अंजाम नहीं दे रहे, जिसका कारण गबन या अधूरा रिकार्ड हो सकता है। सोसाइटी का व्यवस्थापक, सोसाइटी का कर्मचारी होने के कारण, उस पर बैंक का नियंत्रण नहीं है और अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए सोसाइटी का बोर्ड ही अधिकृत है या प्रबंध निदेशक, उप रजिस्ट्रार की मार्फत बोर्ड को निर्देशित कर सकता है।

दो महीने पहले स्थानांतरित हो चुके बीएम को भी नोटिस

अजमेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पांच शाखा प्रबंधकों को बाइनेम कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इनमें से एक, विजयनगर शाखा प्रबंधक दिलीप जाग्रत का अप्रेल 2024 में शाखा से प्रधान कार्यालय स्थानांतरण हो चुका है जबकि उन्हें कारण बताओ नोटिस 15 जून को जारी किया गया।

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