अपेक्स बैंक और राज्य भूमि विकास बैंक में नया वेतन समझौता हस्ताक्षरित, सहकारी बैंक कार्मिकों के वेतन में 20 प्रतिशत से अधिक बढोतरी
जयपुर, 9 अक्टूबर (मुखपत्र)। प्रदेश के दोनों शीर्ष सहकारी बैंकों – राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (अपेक्स बैंक) और राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड (एसएलडीबी) में प्रबंधन और कर्मचारी संगठनों के मध्य 16वां वेतन समझौता हस्ताक्षरित हो गया है। अपेक्स बैंक की ओर से प्रशासक श्रीमती श्रेया गुहा आईएएस, प्रबंध निदेशक भोमाराम ने तथा कर्मचारी संगठनों की ओर से, ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्प्लाइज यूनियन और ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव सूरजभान सिंह आमेरा, गोलाराम मीणा, राकेश गुर्जर, निधि खंडेलवाल, लालूराम मीणा, नीरज शर्मा, नेमीचन्द मीणा, नेहा खंडेलवाल तथा सहकारी बैंक कर्मचारी संघ के शिवचरण गुर्जर ने हस्ताक्षर किये जबकि राज्य भूमि विकास बैंक की ओर से प्रशासक श्रीमती शिल्पी पाण्डे व प्रबंध निदेशक विजय कुमार शर्मा ने तथा एम्प्लाइज यूनियन और ऑफिसर्स एसो. की ओर से महासचिव सूरज भान सिंह आमेरा, मुकेश कुमार पीपलीवाल, भंवर सिंह बोसाना, धनश्याम शर्मा द्वारा हस्ताक्षर किये गये।
वेतन समझौते में शत प्रतिशत डी.ए. मर्ज करके मूल वेतन में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है, जो अब तक की सर्वाधिक बतायी जा रही है।
उच्च वेतन शृंखला को चार साल तक खोला गया
बैंक में लम्बे सेवाकाल के पूर्व में नियोजित कर्मचारियों, अधिकारियों को अपनी वेतन शृंखला के अंतिम पायदान पर पहुंच जाने एवं सेवाकाल शेष रहने के कारण उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि से संचित होना पड़ रहा है, जिसके आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए उनकी वेतन शृंखला की अंतिम स्टेज को 4 स्टेज तक खोला जायेगा। इससे कर्मचारी वर्ग में सहायक कर्मचारी (39 वर्ष) व वाहन चालक संवर्ग (34 वर्ष) के साथ-साथ अधिकारी संवर्ग की वेतन शृंखला (प्रबंधक 24 साल, वरिष्ठ प्रबंधक 22 वर्ष, सहायक महाप्रबंधक 19 साल, उप महाप्रबंधक 13 साल व महाप्र्रबंधक 11 साल) को विस्तारित किया जायेगा। इससे प्रत्येक वर्ग को दो अतिरिक्त वेतन वृद्धियों का लाभ मिलेगा और सेवाकाल के अंतिम वर्ष तक नियमित वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा जबकि इससे पूर्व वेतन शृंखला के अधिकतम स्तर पर पहुंचने के कारण दो साल में एक बार वेतन वृद्धि का लाभ मिलता था।
रजिस्ट्रार की ओर से जारी आदेशानुसार, समझौते की शर्तों के अनुरूप, गत तीन वित्त वर्ष में लाभ में संचालित एवं संचित लाभ वाले समस्त सहकारी बैंकों – यथा, राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड और जिला प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक के कर्मचारियों को वेतन समझौते का लाभ एवं एरियर मिलेगा।
वेतन समझौते के मूल बिन्दू
– 16वां वेतन समझौता 1 जनवरी 2019 से 31 दिसम्बर 2023 की पूर्ण 5 वर्ष की अवधि के लिए लागू होगा।
– जनवरी 2019 से वेतन समझौता हस्ताक्षरित होने तक की तिथि की अवधि का वेतन में बढोतरी एरियर का एममुश्त नगद भुगतान किया जायेगा।
– दिसम्बर 2018 पर अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 1471 क ो मूल वेतन में शत-प्रतिशत मर्ज किया गया है।
– नया महंगाई भत्ता (डी.ए.) फार्मूला दर .08 तय की गयी है, जो देश के बैंकिंग उद्योग आईबीए की दर .07 से अधिक है, जिसका संचयी लाभ सेवानिवृत्ति तक मिलेगा।
– दिसम्बर 2018 को शत-प्रतिशत डी.ए. मर्ज करने के बाद, नवीन मूल वेतन शृंखला पर 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी का लाभ।
रजिस्ट्रार द्वारा जारी आदेशानुसार, 11 प्रतिशत की बढोतरी करते हुए, 16वें वेतन समझौते के तहत अब नवीनतम वेतन शृंखला अब इस प्रकार होगी –
सहायक कर्मचारी
23060-680/7-27820-770/5-31670-990/2-33650-1230/14-50870-1460/11-66930 (39 वर्ष)
वाहन चालक/टेलीफोन ऑपरेटर/इलेक्ट्रिशियन
24450-1460/6-33210-1710/6-43470-2060/4-51710-2840/4-63070-3430/14-111090 (34 वर्ष)
बैंकिंग सहायक
25910-1460/5-33210-1710/6-43470-2060/4-51710-2840/4-63070-3430/15-114520-3610/2-121740 (36 वर्ष)
प्रबंधक
51710-2840/4-63070-3430/15-114520-3610/5-132570-3810/4-147810 (28 वर्ष)
वरिष्ठ प्रबंधक
66500-3430/14-114520-3610/5-132570-3810/7-159240 (26 वर्ष)
सहायक महाप्रबंधक
83650-3430/9-114520-3610/5-132570-3810/9-166860 (23 वर्ष)
उप महाप्रबंधक
104670-3820/5-123770-4210/3-136400-4580/9-177620 (17 वर्ष)
महाप्रबंधक
113080-4210/2-121500-4980/13-186240 (15 वर्ष)
ऐतिहासिक वेतन समझौता : आमेरा
ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्प्लाइज यूनियन और ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव सूरजभान सिंह आमेरा ने 16वें वेतन समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए दावा किया कि इस समझौते में अब तक के सभी वेतन समझौतों में सर्वाधिक 25 प्रतिशत बढ़ोतरी का लाभ एवं एरियर का नकद भुगतान मिलेगा। बैंकिंग सहायकों को हर स्तर पर वेतन में 22 से 25 प्रतिशत की नकद बढ़ोतरी मिलेगा, जो आज तक कभी नहीं मिली। बैंकिंग सहायकों का मूलवेतन अब 25910 रुपये होगा। पांच साल की सर्विस पूर्ण होने पर मूल वेतन 31750 रुपये, दस साल की सर्विस के बाद 40050 रुपये और 15 वर्ष की सेवा के उपरांत मूल वेतन 49650 रुपये होगा।
एचआरए में दोगुनी से अधिक बढोतरी
उन्होंने बताया कि हाउस रेंट अलाउंटस (एचआरए) में दोगुनी से भी अधिक बढ़ोतरी हुई है, जिसका सेवाकाल में संचयी लाभ मिलेगा। वाई श्रेणी केे शहरों में मूल वेतन का 16 प्रतिशत, जैड श्रेणी के कस्बों/शहरों में मूल वेतन का 8 प्रतिशत मकान किराया भत्ता मिलेगा। महंगाई भत्ता 25 प्रतिशत से अधिक होने पर एचआरए वाई श्रेणी के लिए 18 प्रतिशत व जैड श्रेणी के लिए 9 प्रतिशत होगा। चूंकि, वर्तमान में सहकारी बैंक कार्मिकों का महंगाई भत्ता 40 प्रतिशत से अधिक है, इसलिए एचआरए क्रमश: 18 प्रतिशत व 9 प्रतिशत ही मिलेगा और भविष्य में महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से अधिक होने पर एचआरए वाई और जैड श्रेणी के शहरों के लिए क्रमश: 20 प्रतिशत एवं 10 प्रतिशत मिलेगा।
एक माह में हस्ताक्षरित करना होगा वेतन समझौता
सहकार नेता आमेरा ने बताया कि पहली बार वेतन समझौते को एक निश्चित अवधि में लागू करने का प्रावधान किया गया है। रजिस्ट्रार द्वारा वेतन समझौता आदेश जारी करने के उपरांत, एक माह की अवधि में सभी बैंकों में प्रबंधन एवं कर्मचारी यूनियन में वेतन समझौता हस्ताक्षरित करने के लिए पाबंद किया गया है।
वित्त विभाग की मनमानी का विरोध
सहकार नेता सूरज भान सिंह आमेरा ने समझौते में सक्षम वार्ता कमेटी के साथ कई दौर की वार्ता के बाद द्वि-पक्षीय वार्ता से बैंकिंग सहायक को डी.ए. लिंक, 10 प्रतिशत लिपिकीय भत्ता देने, शैक्षणिक योग्यता पर प्रस्तावित अतिरिक्त वेतन वृद्धि व अन्य सुविधाओं को वित्त विभाग द्वारा एकतरफा निर्णय लेते हुए अस्वीकृत करने पर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय वेतन समझौता कमेटी में दो आईएएस (प्रमुख शासन सचिव,सहकारिता और रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां राजस्थान) के साथ वित्त विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल थे, जिनमें विभिन्न बिन्दुओं पर सहमति के उपरांत, समझौते की पत्रावली वित्त विभाग को भेजी गयी थी, इसके बाद वित्त विभाग द्वारा एकतरफा कार्यवाही करते हुए, कमेटी के साथ चर्चा किये बिना ही, उपरोक्त मुद्दों को अस्वीकृत करना तानाशाही रवैये का प्रतीक है, जिसका हम कठोर शब्दों में विरोध करते हैं।
वित्त विभाग का आचरण सक्षम समझौता कमेटी व बैंक कार्मिक संगठनों के साथ द्विपक्षीय वार्ता के उपरांत बनी सहमति की पवित्रता को दूषित करने वाला और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत पर हमला है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति तब है जब, वेतन समझौते को लेकर राज्य सरकार पर किसी प्रकार का वित्तीय प्रभाव नहीं आता। आमेरा ने वित्त विभाग की इस मनमानीपूर्ण कार्यवाही के खिलाफ मजबूत विरोध के लिए आह्वान किया है।