हाईकोर्ट ने क्रय विक्रय सहकारी समिति का चुनाव परिणाम घोषित करने पर रोक लगायी, याचिकाकर्ताओं को वोट डालने की इजाजत दी
जोधपुर, 6 अप्रेल (मुखपत्र)। राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली की एकल पीठ ने श्रीगंगानगर की गंगानगर किसान क्रय विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड का चुनाव परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है, साथ ही, अदालत में वोटिंग राइट को लेकर याचिका दायर करने वाले समिति के चार सदस्य किसानों को चुनाव में मतदान किये जाने की सशर्त छूट प्रदान की है।
गंगानगर किसान केवीएसएस के चार सदस्यों – बलजीत सिंह पुत्र गुरमेल सिंह निवासी चक अबोरिया, जगदेव सिंह पुत्र हकम सिंह निवासी चक महाराजका, सुखमीत सिंह पुत्र गुरदीप सिंह निवासी 24 एसटीजी (पीलीबंगा/हनुमानगढ़) और सोहन लाल पुत्र करतार चंद निवासी जमीयतसिंह वाला,ने उच्च न्यायायल में याचिका दायर कर यह तथ्य पेश किया कि संस्था के उपनियमों के अनुसार, चुनाव वाले वर्ष से पूर्व वित्त वर्ष में निर्धारित 5 हजार रुपये की खरीद किये जाने के बावजूद, उनके नाम अंतिम मतदाता सूची में नहीं जोड़े गये।
याचिका में कहा गया कि चुनाव अधिकारी द्वारा प्रस्तावित मतदाता सूची का प्रकाशन 27 मार्च 2023 को तथा अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 2 अप्रेल 2023 को किया गया। वादियों द्वारा चुनाव में अपने मतदाधिकार का प्रयोग भी (10 अप्रेल 2023) वित्त वर्श 2023-24 में किया जाना है। इस तिथि के आधार पर पिछला वित्त वर्ष 2022-23 होता है।
याचिका में बताया गया कि रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां के दिनांक 28.04.2014 के आदेश की पालना में उनके द्वारा चुनाव वाले वित्त वर्ष से पिछले वित्तवर्ष में 27.03.2023 से पहले निर्धारित पांच हजार रुपये के सामान की सोसाइटी से खरीद कर ली गयी थी, इसलिए उनके द्वारा आपत्ति किये जाने के बावजूद अंतिम मतदाता सूची में नाम नहीं जोड़ा गया, जो कि न्यायोचित नहीं है।
याचिका में, प्रमुख शासन सचिव सहकारिता विभाग, राजस्थान राज्य सहकारिता चुनाव प्राधिकरण, रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, राजस्थान, जयपुर और गंगानगर किसान क्रय विक्रय सहकारी समिति लि. के चुनाव अधिकारी को प्रतिवादी बनाते हुए, मताधिकार का उपयोग करने की अनुमति दिये जाने का अनुतोष चाहा गया।
प्रतिवादियों को नोटिस जारी, अगली तारीख तक परिणाम की घोषणा पर रोक लगायी
एकल पीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने तथा याचिकाकर्ताओं को 10 अप्रेल 2023 को होने वाले चुनाव के दौरान वोट डालने की अनुमति देने का निर्देश दिया, हालांकि, अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के वोट अलग रखे जाएंगे और चुनाव का परिणाम अगली तारीख तक घोषित नहीं किया जाए।
high court order
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