पदस्थापन की प्रतीक्षा में चल रहे हैं सहकारिता सेवा के 11 अधिकारी, आखिर कब मिलेगी पोस्टिंग
– दो शीर्ष संस्थाओं में सीईओ और रजिस्ट्रार कार्यालय में तीन अनुभागों को अधिकारी का इंतजार
– मुख्य कार्यकारी अधिकारी की बाट जोह रहे हैं 23 सहकारी बैंक
जयपुर, 26 अगस्त (मुखपत्र)। महीनों से पदस्थापन की प्रतीक्षा में चल रहे राजस्थान सहकारिता सेवा के अधिकारियों का पदस्थापन का इंतजार समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा। इसमें से कुछ अधिकारी तो 6 माह से अधिक समय से एपीओ हैं। पदस्थापन की प्रतीक्षा में चल रहे अधिकारियों में सहकारिता सेवा के सीनियर एडिशनल रजिस्ट्रार कैडर से लेकर सहायक रजिस्ट्रार कैडर के 11 अधिकारी शामिल हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में सहकारिता की दो शीर्ष संस्थाओं, 3 शीर्ष पदों और 23 बैंकिंग सहकारिताओं में मुख्य कार्यकारी के पद लम्बे समय से रिक्त हैं। इनमें कॉनफैड में एमडी एवं राइसेम में डायरेक्टर पद के अलावा एडिशनल रजिस्ट्रार (बैंकिंग), एडिशनल रजिस्ट्रार (मार्केटिंग) और जोधपुर में एडिशनल रजिस्ट्रार अपील्स का पद शामिल है। इसके अलावा 11 केंद्रीय सहकारी बैंक और 12 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद लम्बे समय से रिक्त हैं। जिला सहकारी उपभोक्ता भंडारों में महाप्रबंधकों के रिक्त पदों और उप रजिस्ट्रार/विशेष लेखा परीक्षक के रिक्त पदों की स्थिति इससे भी बदतर है।
हालांकि, जुलाई माह में ही मंत्रियों को सीएमओ से यह मैसेज मिल गया था कि चूंकि, विधानसभा चुनावों को बहुत कम समय बचा है, ऐसे में तबादलों की आड़ में होने वाले लेनदेने से बदनामी से बचने के लिए स्थानांतरण से प्रतिबंध हटाये जाने की सम्भावना नगण्य है, तथापि समक्ष स्तर से अनुमति लेकर रिक्त पदों पर एपीओ अधिकारियों को पोस्टिंग दी जा सकती है। सूत्र बताते हैं कि रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा एपीओ चल रहे अधिकारियों के पदस्थापन की अनुशंसा की गयी है, जिसकी पत्रावली प्रमुख शासन सचिव के कार्यालय से होते हुए सहकारिता मंत्री तक पहुंच चुकी है, लेकिन पदस्थापन का आदेश कब जारी होगा, यह कहना मुश्किल है।
ये अधिकारी चल रहे एपीओ
जो विभागीय अधिकारी पिछले कुछ माह से एपीओ चल रहे हैं, उनमें एडिशनल रजिस्ट्रार धनसिंह देवल, संयुक्त रजिस्ट्रार दिनेश कुमार शर्मा, रायसिंह मोजावत व केदारमल मीणा, उप रजिस्ट्रार आर.पी. मीणा, हरीश सिवासिया व कृष्ण कुमार मीणा, सहायक रजिस्ट्रार राजीव थानवी, सुलोचना देवी, राजेंद्र दायमा शामिल हैं। इसके अलावा सीनियर एडिशनल रजिस्ट्रार पंकज अग्रवाल हाल ही में उस समय एपीओ की श्रेणी में आ गये जब उन्हें को-ऑपरेटिव ट्रिब्यूनल में एमपी यादव के स्थान पर सदस्य लगाया गया था, लेकिन अपने स्थानांतरण के विरुद्ध यादव रैट से स्टे लेने में कामयाब हो गये। सहायक रजिस्ट्रार प्रकाश मीणा को भी सरकार ने एपीओ किया था, लेकिन वे इस आदेश के विरुद्ध स्थगनादेश ले आये और पुन: ज्वाइन कर लिया। इनके अलावा दर्जनभर से अधिक सहकारी निरीक्षक भी एपीओ चल रहे हैं।
इन केंद्रीय सहकारी बैंकों में एमडी का पद रिक्त
अजमेर जोन में नागौर, बीकानेर जोन में श्रीगंगानगर, कोटा जोन में बारां व बूंदी, भरतपुर में जोन में भरतपुर, अलवर व सवाईमाधोपुर, जोधपुर जोन में जालौर व सिरोही तथा उदयपुर जोन में डूंगरपुर व बांसवाड़ा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड (डीसीसीबी) शामिल हैं।
सचिव विहीन पीएलडीबी की सूची
राज्य के दो तिहाई से अधिक प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक पहले से ही नाजुक वित्तीय स्थिति से गुजर रहे हैं। इस साल चुनावों के कारण वसूली प्रभावित हुई, सो अलग। इसके बावजूद, भीलवाड़ा, हिंडोन, बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा, जालौर, पाली, सिरोही, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और राजसमंद जैसे पीएलडीबी में कई महीनों से सचिव के पद रिक्त हैं।