2027 तक देश की प्रत्येक पंचायत में एक पैक्स होगा – अमित शाह
नई दिल्ली, 8 मार्च। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि साल 2027 तक देश की प्रत्येक ग्राम पंचायत पर ग्राम सेवा सहकारी समिति लि. (प्राथमिक कृषि ऋण समिति/पैक्स) होगी। वे शुक्रवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के लोकार्पण और राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस 2023: एक रिपोर्ट के विमोचन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा और सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अमित शाह ने कहा कि हमने 20 नई गतिविधियों को पैक्स के साथ जोड़ा है, जिससे पैक्स लाभ अर्जित कर सकते हैं। पैक्स के कम्प्यूटरीकरण से इनके विकास की कई सम्भावना खुलीं और ये तय किया गया कि 2027 से पहले देश की हर पंचायत में एक पैक्स होगा। शाह ने कहा कि इस निर्णय के बाद समस्या आई कि हमें ये पता नहीं था कि गैप कहां है और तब इस डेटाबेस का विचार आया, जिसके द्वारा गैप की पहचान कर विस्तार किया जाएगा। राष्ट्रीय डेटाबेस सहकारिता क्षेत्र के विकास को कम्पास की भांति दिशा दिखाएगा।
राज्यों ने स्वीकार किये पैक्स के मॉडल बायलॉज
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि 60 के दशक के बाद ये ज़रूरत महसूस की गई कि एक राष्ट्रीय सहकारिता नीति के तहत हर राज्य के सहकारिता आंदोलन के बीच समन्वय हो। भारत सरकार द्वारा सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद से पिछले दो साल में देश के सभी पैक्स कम्प्यूटराइज़्ड हो गए हैं, उनके कारोबार में वृद्धि करने के लिए कॉमन बायलॉज़ सभी राज्यों ने स्वीकार किए हैं और आज सभी पैक्स विकास की दिशा में बढ़ रहे हैं। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने एडवाइजऱी के स्वरूप में मॉडल बायलॉज़ बनाए, जिनके तहत पैक्स बहुआयामी बने और कई काम कर सकते हैं। देश के सभी राज्यों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इन मॉडल बायलॉज़ को स्वीकार किया, इसी से पैक्स के विस्तार का रास्ता खुला है।