मुखपत्र

रजिस्ट्रार कार्यालय ने बड़े सहकारी नेता की कोऑपरेटिव सोसाइटी की जांच कराने का निर्देश दिया

जयपुर, 18 सितम्बर (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग ने गंगानगर जिले की 4-ओ ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड में वित्तीय अनियमितताओं/गबन की जांच कराने का निर्णय लिया है। गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक से सम्बद्ध श्रीकरणपुर शाखा क्षेत्र की 4-ओ ग्राम सेवा सहकारी समिति, पिछले कई वर्षों से लगातार लखविंद्रसिंह लखियां के नेतृत्व वाले बोर्ड के निर्देशन में काम कर रही है। लखियां, गंगानगर जिले के बड़े सहकारी नेता हैं और दर्जनभर केंद्रीय एवं प्राइमरी कोऑपरेटिव सोसाइटियों से जुड़े हुए हैं। लखियां ने राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ (कॉनफैड) के चुनाव को लेकर प्रमुख शासन सचिव (सहकारिता) और रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां के खिलाफ उच्च न्यायालय, जोधपुर में अवमानना याचिका भी दायर रखी है।

विजयकुमार (बीकानेर) द्वारा मुख्यमंत्री, प्रमुख शासन सचिव (सहकारिता) एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां को शिकायत प्रेषित कर, समिति में संचालित मिनी बैंक में 91 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता और गबन का आरोप लगाया गया है। शिकायत के साथ साक्ष्य के रूप में 9 साल की ऑडिट रिपोर्ट की प्रमाणित प्रतिलिपियां संलग्न की गयी हैं।

रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा इस बात की पुष्टि की गयी है कि सहकारिता विभाग ने शिकायत के तथ्यों को गंभीर मानते हुए जांच कराने का निर्णय लिया है। प्रधान कार्यालय, जयपुर के बैंकिंग अनुभाग की ओर से बीकानेर खंड के खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार को इस प्रकरण जांच कराने के लिए निर्र्देेशित किया गया है।
शिकायत में समिति कार्मिकों/प्रबंधन के साथ-साथ सोसाइटी का वार्षिक निरीक्षण करने वाले बैंक अधिकारियों और समिति के वित्तीय लेखों की ऑडिट करने वाले सीए/सीए फर्म की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किये गये हैं।

वर्ष दर वर्ष वित्तीय अनियमितता

(ऑडिट रिपोर्ट आधार पर)

वित्तीय वर्ष 2015-16 में 38 लाख 57 हजार 640 रुपये का ऋणात्मक अंतर

वित्तीय वर्ष 2016-17 में 69 लाख 90 हजार 424 रुपये का ऋणात्मक अंतर

वित्तीय वर्ष 2017-18 में 5 लाख 32 हजार 763 रुपये का धनात्मक अंतर

वित्तीय वर्ष 2018-19 में 79 लाख 72 हजार 642 रुपये का ऋणात्मक अंतर

वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1 करोड़ 16 लाख 81 हजार 657 रुपये का ऋणात्मक अंतर

वित्तीय वर्ष 2020-21 में 83 लाख 27 हजार 443 रुपये का ऋणात्मक अंतर

वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1 करोड़ 13 लाख 1 हजार 127 का ऋणात्मक अंतर

वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1 करोड़ 30 लाख 8 हजार 403 रुपये का ऋणात्मक अंतर

वित्तीय वर्ष 2023-24 में 91 लाख 22 हजार 462 रुपये का ऋणात्मक अंतर

ऋणात्मक का तात्पर्य लेनदारी कम और देनदारी अधिक होना है।

धनात्मक अंतर पर उठाये सवाल

शिकायत में पिछले दस वर्ष में, केवल एक वित्तीय वर्ष 2017-18 में, 5 लाख 32 हजार 763 रुपये के धनात्मक अंतर को भी मेनुप्लेटेड बताया गया है। जबकि इससे पहले और बाद के प्रत्येक वर्ष में क्रमश: 69 लाख 90 हजार और 79 लाख 72 हजार रुपये का ऋणात्मक अंतर रहा।

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