सहकारिता सेवा के अधिकारी की वीआरएस मंजूरी को वापिस लेने के आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगायी
जोधपुर, 4 दिसम्बर (मुखपत्र)। राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी पृथ्वीपाल सिंह (पी.पी. सिंह) की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के आदेश को वापिस लेने के राजस्थान सरकार के आदेश को स्टे कर दिया है। हाईकोर्ट जोधपुर के न्यायाधीश अरुण मोंगा की अदालत ने राज्य सहकारिता सेवा (Cooperative Service) के एडिशनल रजिस्ट्रार कैडर के अधिकारी पी.पी. सिंह की रिट पटीशन पर सुनवाई करते हुए, 28 नवम्बर 2024 के आदेश, जिसमें वीआरएस के ऑर्डर को रिकॉल किया गया था, की क्रियान्विति पर रोक लगा दी।
सिंह की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट एन.आर. बुडानिया से अदालत को बताया कि पी.पी. सिंह की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के आवेदन को राज्य सरकार द्वारा 5 नवम्बर 2024 को मंजूरी दी गयी थी, जिसके आधार पर सहकारिता विभाग द्वारा 26 नवम्बर 2024 को एक आदेश जारी कर, सिंह को 29 नवम्बर को राजकीय सेवा से कार्यमुक्त किये जाने का आदेश जारी किया गया, लेकिन कार्यमुक्ति से एक दिन पहले, 28 नवम्बर को ही सरकार ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मंजूरी के आदेश को वापिस ले लिया। जिस शिकायत को वीआरएस ऑर्डर रिकॉल करने का आधार बनाया गया है, वह बहुत पहले से विभाग के पास मौजूद है। उसमें किसी प्रकार के नये तथ्य नहीं जुड़े हैं।
सरकार की ओर से अदालत में पेश हुए एडवाकेट समीर श्रीमाली ने अदालत को बताया कि पी.पी. सिंह की अनुकम्पा नियुक्ति से सम्बंधित एक शिकायत की जांच विभाग के पास लम्बित है, इसलिए ऑर्डर रिकॉल किया गया है।
अदालत ने पाया कि यह शिकायत बहुत पहले से सहकारी विभाग के पास लम्बित है और उस पर किसी प्रकार का निर्णय नहीं हुआ है, इसलिए, ऐसा प्रकरण जो लम्बे समय से विचाराधीन है, और जो कि वीआरएस स्वीकृत किये जाने एवं राजकीय सेवा से कार्यमुक्त किये जाने के आदेश के समय लम्बित था, जिसमें कोई नया तथ्य सामने नहीं आया है, उसके आधार पर वीआरएस मंजूरी के आदेश को रिकॉल नहीं किया जा सकता। इसलिए, 28 नवम्बर 2024 के रिकॉल ऑर्डर को स्टे किया जाता है।
एडवोकेट एनआर बुडानिया के अनुसार, 28.11.2024 के आदेश पर स्थगनोदश जारी किये जाने की स्थिति में, 26.11.2024 का विभागीय आदेश प्रभावी हो गया है, हालांकि, रिट पटीशन फिलहाल अदालत में विचाराधीन है।