राज्यसहकारिता

RGHS में सहकारी भंडारों का राज्य सरकार की ओर 270 करोड़ रुपये बकाया, भंडार अध्यक्षों ने मंत्री को विकट आर्थिक स्थिति से अवगत कराया

जयपुर, 25 सितम्बर (मुखपत्र)। राजस्थान जिला सहकारी उपभोक्ता थोक भंडार समन्वय समिति की ओर से बुधवार को सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक से मुलाकात कर, आरजीएचएस (RGHS) योजना में करोड़ों रुपये के बकाया राशि रिलीज करवाने के लिए ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन देने वालों में समन्वय समिति के अध्यक्ष सुरेश चंद झंवर (अध्यक्ष, चित्तौडग़ढ़ भंडार), महासचिव शिवदयाल गुप्ता (अध्यक्ष, श्रीगंगानगर किसान केवीएसएस), संयोजक नगेंद्रपाल सिंह शेखावत (अध्यक्ष, बीकानेर भंडार), उपाध्यक्ष बजराम मीणा (अध्यक्ष, सवाईमाधोपुर भंडार), सचिव संजीव कुमार शर्मा (अध्यक्ष, जालौर भंडार), सचिव श्रीमती सरोज चौधरी (अध्यक्ष, नागौर भंडार) और विद्याधर साहू (उपाध्यक्ष, झुंझुनूं भंडार) शामिल रहे।

ज्ञापन में मुख्य रूप से, सहकारिता को सम्बल प्रदान करने के लिए आरजीएचएस योजना के अंतर्गत लाभान्वित को केवल सहकारी दुकानों से ही दवा खरीद की छूट दिये जाने, ‘एक योजना एक नीति’ के अंतर्गत सहकारी व निजी मेडिकल दुकानों को एक ही सॉफ्टवेयर से योजना का संचालन किये जाने, दवा आपूर्ति व बिलों के पुनर्भरण तथा प्रशासनिक प्रभार की दरें समान रखे जाने, वर्ष 2021 से नवम्बर 2023 की बकाया राशि के पुनर्भरण व भुगतान के लम्बित प्रकरण को प्राथमिकता से निस्तारित कराये जाने, आरजीएचएस योजना में निपटाए गए सभी दावों की जानकारी सॉफ्टवेयर के माध्यम से देने का प्रावधान करने और अधिकृत निजी बिक्री केन्द्रों की दवा दरों, निरंतर भुगतान, चिकित्सकों के निजी घरों में खोले गये केन्द्रों के निरीक्षण व समीक्षा करने की मांग की गयी है।

ज्ञापन के अनुसार, आरजीएचएस योजना के प्रारम्भ में, उपभोक्ता सहकारिता की अपेक्स संस्था – कॉनफेड (CONFED) के माध्यम से 16 अगस्त 2023 तक दवाओं के पुनर्भरण की व्यवस्था थी। 16 अगस्त 2023 के पश्चात से दवा वितरण का पुनर्भरण आरजीएचएस से सीधे भण्डारों को किए जाने की व्यवस्था शुरू की गई। किन्तु न तो पूर्व में दी गई दवाओं की राशि का पुनर्भरण नियमित हुआ और न ही 17 अगस्त के पश्चात दी गई दवाओं का भी नियमित भुगतान प्राप्त हो रहा है। इसके चलते 16 अगस्त 2023 से पूर्व में राजस्थान के सहकारी उपभोक्ता भण्डारों का  105.16 करोड़ रुपये बकाया हैं और 17 अगस्त से आदिनांक तक 165 करोड़ रुपये, कुल 270 करोड़ रुपये आरजीएचएस में बकाया है।

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