राज्यसहकारिता

सरपंच ने सहकारिता मंत्री को सौंपा ज्ञापन, अजमेर सीसीबी की विजयनगर ब्रांच और पैक्स में भारी भ्रष्टाचार का आरोप, जांच की मांग

जयपुर, 21 फरवरी। अजमेर जिले की पड़ागा ग्राम पंचायत के सरंपच बालचंद जैन ने सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतक कुमार दक को एक शिकायती पत्र सौंपकर, अजमेर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की विजयनगर शाखा में वर्षों से भ्रष्टाचार व्याप्त होने का आरोप लगाते हुए, जांच करवाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है।

जैन का आरोप है कि अजमेर सैन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की बिजयनगर शाखा में लम्बे समय में भ्रष्टाचार पनप रहा हैं। इसकी 10 वर्षों की जांच कराकर दोषियों को सजा दिलाई जाये। जैन के अनुसार, सुरेश चन्द शर्मा 35 वर्षोंे से विजयनगर शाखा की आधा दर्जन से ज्यादा समितियों का चार्ज अपने पास लेकर हर समिति में गबन व अनियमितता कर करोड़ों रुपये खा गया है व करोड़ों रुपयों की अवैध सम्पत्ति खुद के एवं परिवार के सदस्यों के नाम से बना ली है। बाड़ी में अपने बेटे अमित शर्मा को लगवाकर 50 लाख रुपये का गबन कराया व केवल 13 लाख रुपये समिति में जमा करवाकर मामला रफा दफा कर दिया, इस मामले में अमित शर्मा पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। जैन ने आरोप लगाया कि अमित को अब पडांगा सोसाइटी में लगा दिया गया है क्योंकि गबन के बाद अन्य कहीं भी उसको लगा नहीं सकते। पडांगा की आडिट में अमित का नाम है।

जैन ने यह आरोप भी लगाया कि सुरेश चन्द शर्मा ने पडांगा में दुर्गेश सिंह, पूर्व शाखा प्रबन्धक के साथ मिलकर किसानों से फसली ऋण की अलटी-पलटी में 2 परसेन्ट कमीशन लेता रहा। इस पैसे से दोनों ने कई सम्पत्तियां बना ली। दुर्गेश सिंह लगभग 10 साल तक बिजयनगर ब्रांच में मैनेजर की पोस्ट पर जमा रहा। कहीं ओर ट्रांसफर होता तो थोड़े समय बाद दोबारा वह बिजयनगर लग जाता। दुर्गेश सिंह ने अपने कार्यकाल में किसी समिति का निरीक्षण नहीं किया।

सरपंच बालचंद जैन ने मंत्री से मांग की कि ग्राम सेवा सहकारी समिति सथाना, बाड़ी, पडांगा की गत 10 वर्षों की विस्तृत जाँच, अजमेर जिले के बाहर से अतिरिक्त रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी से करवायी जाये, क्योंकि यहां के सब अधिकारी दोनों से मिले हुए हैं। जैन ने पड़ांगा समिति में करोड़ों रुपये का फर्जी लोन वितरित करने, बोगस एफडी पर लोन देने और खाद व सुपर मार्केट के स्टॉक में भारी गबन का आरोप भी लगाया है। जैन का कहना है कि लक्ष्मीनाथ पीसांगन समिति की तरह इस समिति के किसानों की जमाएं भी डूबने की कगार पर हैं क्योंकि सदस्यों की एफडी व अन्य बचत भुगतान का पैसा समिति ने बोगस लोन बांट दिया। अब समिति दिवालिया होने की कगार पर है।

 

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