राज्यसहकारिता

सहकार कर्मियों के नये संगठन का पंजीकरण, मदनलाल मेनारिया प्रदेश अध्यक्ष, महिपाल सिंह प्रदेश महासचिव और बलदेवाराम गेट कोषाध्यक्ष होंगे

जयपुर, 22 अगस्त (मुखपत्र)। तमाम आलोचकों और तथाकथित प्रतिद्वंद्वी संगठनों के कथित पदाधिकारियों को करारा जवाब देते हुए जालौर के सक्रिय सहकारी नेता हनुमान सिंह राजावत प्रदेश के ग्राम सेवा सहकारी समिति कार्मिकों के नये राज्यस्तरीय संगठन का पंजीकरण करवाने में सफल हो गये हैं, जिसे राजस्थान मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी एम्प्लाइज यूनियन जयपुर नाम दिया गया है । पैक्स कार्मिकों की राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश प्रवक्ता रह चुके हनुमान सिंह राजावत को नये संगठन के पंजीकरण की जिम्मेदारी मात्र 11 दिन पूर्व ही सौंपी गयी थी, उस समय नये संगठन के औचित्य और पंजीकरण में बहुत लंबा समय लगने की बात कहते हुए सहकारी कर्मचारियों की एकता पर प्रश्नचिन्ह लगाये गये थे, परन्तु राजावत ने मात्र 11 दिन में नये संगठन का श्रम विभाग में ट्रेड यूनियन एक्ट के तहत पंजीकरण करवाकर, प्रतिद्वंद्वियों और आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है। ये वही हनुमान सिंह राजावत हैं, जो सहकारिता विभाग के चंद अधिकारियों द्वारा स्क्रीनिंग प्रक्रिया की जांच के नाम पर ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों/सहायक व्यवस्थापकों के शोषण के षड्यंत्र को विफल करते हुए, स्क्रीनिंग की जांच के खिलाफ मई, 2024 में जोधपुर उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश लाये थे।

राजावत ने ‘मुखपत्र’ को बताया कि श्रम विभाग द्वारा राजस्थान मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी एम्प्लॉइज यूनियन जयपुर के नाम से पंजीयन करते हुए रजिस्ट्रेशन नंबर (टीयू/2024/14/132550) जारी कर दिया गया है और आगामी 15 दिन में पंजीकरण प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया जायेगा। नये संगठन का प्रदेश अध्यक्ष मदन मेनारिया, उदयपुर, प्रदेश महासचिव महिपाल सिंह दवेला, बांसवाड़ा एवं कोषाध्यक्ष बलदेवाराम गेट, नागौर को बनाया गया है जबकि कार्यकारिणी में हनुमान सिंह राजावत, जालौर, सत्यनारायण तिवारी, भीलवाड़ा, देवेंद्र कुमार सैदावत, अलवर और पवन कुमार पूनिया, चूरू को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।

उल्लेखनीय है कि 1 अगस्त को जयपुर में आयोजित सहकार कर्मियों की बैठक में, प्रदेशभर में एक संगठन के बैनर तले संघर्ष करने की भावना के साथ संपूर्ण राजस्थान को एकजुट करने की जिम्मेदारी जालोर के हनुमान सिंह राजावत, श्रीगंगानगर के जसवंत पचार, दौसा के रमेश भारद्वाज, नागौर के बलदेवराम गेट और बारां के संदीप बामला को सौंपी गयी थी। इन पांचों सहकारजनों ने प्रदेश पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों, जिला पदाधिकारियों आदि से वार्ता कर, सबको एकजुट किया और फिर 11 अगस्त को जयपुर में आयोजित प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की बैठक में राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के दोनों गुटों (नंदलाल वैष्णव गुट एवं एसएन तिवारी गुट) के पदाधिकारियों द्वारा सहकारकर्मियों के हितों में अपने-अपने पदों से त्यागपत्र देते हुए एवं टीएसपी संघर्ष समिति द्वारा विलय की घोषणा के साथ नये संगठन के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया।

इसमें तय किया गया कि नये संगठन की प्रदेश कार्यकारिणी और जिला कार्यकारिणी में किसी सेवानिवृत्त व्यवस्थापक को शामिल नहीं किया जायेगा। इसी बैठक में नये संगठन के पंजीकरण की जिम्मेदारी हनुमान सिंह राजावत को सौंपी गयी थी। उसके बाद से सोशल मीडिया के विभिन्न ग्रुपों में नये संगठन के पंजीकरण को लेकर सवाल उठाये जाने लगे थे कि इस प्रक्रिया में तो दो साल लग जायेंगे, ऐसे में सहकार कर्मियों का भला कैसे होगा। फिलहाल, आलोचकों का मुंह बंद हो गया है।

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