निवेशकों का धन हड़पने वाली मल्टी स्टेट क्रेडिट सोसायटियों की संपत्ति होगी कुर्क
जयपुर, 21 मार्च (मुखपत्र)। सहकारिता रजिस्ट्रार मेघराज सिंह रतनू ने कहा कि आमजन की गाढी कमाई हड़पने वाली विभिन्न मल्टी स्टेट क्रेडिट सोसायटियों की सम्पत्ति को शीघ्र ही चिन्ह्ति कर, कुर्क करने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि लोगों का धन गबन करने वाली ऐसी सोसायटियों के खिलाफ इस्तगासा दायर करने में भी तत्परता बरती जाए।
श्री रतनू मंगलवार को सहकार भवन में मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के अवसायकों की समीक्षा बैठक को वीसी के द्वारा संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अवसायक धोखाधड़ी करने वाली सोसायटियों की सम्पत्ति का पता करने के लिए पीडि़त लोगों से भी सम्पर्क करें एवं सम्पत्ति के बारे में जानकारी ले। उन्होंने कहा कि लेनदारियों एवं देनदारियों की भी विस्तृत सूचना तैयार करें।
1.10 लाख शिकायतें, इस्तगासे 10 हजार
उन्होंने कहा कि राज सहकार पोर्टल पर 1 लाख 10 हजार 523 शिकायतें प्राप्त हुई है तथा 10 हजार 636 इस्तगासे न्यायालय में प्रस्तुत किये गए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि इस्तगासा दायर करने में शीघ्रता लाए और जिन पीडि़त लोगों को अभी तक सूचित नही किया है, उन्हें सूचित करें। उन्होंने उप रजिस्ट्रार, सिरोही एवं उप रजिस्ट्रार, जयपुर द्वारा तीन-तीन सोसायटियों की निरीक्षण रिपोर्ट नहीं भेजने को गंभीरता से लिया।
दो उप रजिस्ट्रार को नोटिस
रजिस्ट्रार ने इस्तगासा दायर करने एवं सम्पत्ति कुर्क करने में लापरवाही बरतने पर बाड़मेर और जोधपुर के उप रजिस्ट्रार को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिन सोसायटियों का निरीक्षण नहीं हुआ है, उनका निरीक्षण करें एवं ऑडिट रिपोर्ट विभाग को भिजवायें।
निवेशक बड्स एक्ट में कार्यवाही करें
सहकारिता विभाग की ओएसडी महेन्द्र सिंह राघव ने कहा कि बड्स (बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपोजिट स्कीम्स) एक्ट 2019 के लागू होने की तिथि 21 फरवरी, 2019 को या इसके पश्चात यदि कोई मल्टी स्टेट क्रेडिट सोसायटी नॉन वोटिंग मेंबर से निवेश लेती है, तो निवेशक सम्बंधित पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406 एवं बड्स एक्ट की धारा 3/21 के तहत सीधे एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि दोषी सोसायटीज की संपत्ति को कुर्क कर नीलाम करने का अधिकार सरकार द्वारा अधिसूचित अधिकारियों को प्राप्त हैं। अत: किसी सोसायटी की चल/अचल संपत्ति की जानकारी आमजन को है, तो इसकी सूचना जिला उप रजिस्ट्रार/रजिस्ट्रार सहकारी समितियां को दे सकते हैं। बैठक में सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।