शहरी सहकारी बैंकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जायेगा – गौतम कुमार दक
जयपुर, 19 जून (मुखपत्र)। सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने कहा कि राजस्थान के शहरी क्षेत्रों में अरबन को-ऑपरेटिव बैंक्स का बहुत बड़ा योगदान है। ये बैंक स्थानीय नागरिकों, वरिष्ठजनों से उनकी बचत की राशि एकत्रित करती हैं तथा इस राशि की सुरक्षा एवं ब्याज के रूप में आकर्षक प्रतिफल प्रदान करती हैं, जिससे उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त होती है। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य की अरबन को-ऑपरेटिव बैंकों के कार्यों में बाधक समस्याओं का शीघ्र निपटारा किया जायेगा।
दि राजस्थान अरबन को-ऑपरेटिव बैंक्स फैडरेशन लि., जयपुर के स्थापना दिवस पर 18 जून को होटल गोल्डन ट्यूलिप में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री दक ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि अरबन को-ऑपरेटिव बैंकों में जमा धनराशि को ऋण के रूप में वितरित कर राज्य के विकास में ही उपयोग किया जाता है, जिससे स्वरोजगार को बढ़ावा मिलता है क्योंकि ये बैंके छोटे-छोटे व्यवसाईयों की छोटी-छोटी मांगों को पूरा करती हैं। उनके विभाग के अधिकारी सहकारी संस्थाओं के हित में कार्य करने को सदैव तत्पर रहते हैं। उन्होंने फैडरेशन के पदाधिकारियों से कहा कि यूसीबी के सम्बंध में कोई भी समस्या हो, उनके ध्यान में लायें। वे अपने स्तर से उनका समाधान कराने का पूर्ण प्रयास करेंगे। ।
समारोह को सम्बोधित करते हुए जल संसाधन मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने अपने विभाग से सम्बंधित समस्याओं के समाधान के लिए हर सम्भव सहयोग का आश्वासन दिया। समारोह के विशिष्ट अतिथि राज्य सभा सांसद एवं फैडरेशन के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र गहलोत ने अरबन बैंकों की समस्याओं की विस्तृत जानकारी दी तथा सहकारिता मंत्री से उनके समाधान करने का आग्रह किया।
फैडरेशन अध्यक्ष मोहन पाराशर ने सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक, जल संसाधन मंत्री कन्हैया लाल चौधरी एवं राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत का शॉल ओढ़ाकर व माल्यार्पण कर अभिनंदन किया और फैडरेशन के स्थापना दिवस समारोह में पधारने के लिये सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने बताया कि फैडरेशन राज्य के सभी अरबन को-ऑपरेटिव बैंकों की अग्रणी शीर्ष संस्था है। राज्य में 34 अरबन को-ऑपरेटिव बैंक, अपनी 236 शाखाओं के साथ कार्यरत हैंं। समग्र रूप से बैकों की अमानतें 8500 करोड़ रुपये है, जो जनता के विश्वास की परिचायक है। बैंकों द्वारा 4800 करोड़ रुपये ऋण के रूप में वितरित किये गये हैं।
श्री पाराशर ने आशा व्यक्त की कि केन्द्र सरकार की भांति राज्य सरकार के स्तर पर भी सहकारिता आंदोलन को बढ़ावा देने के लिये हर संभव सहयोग प्रदान किया जायेगा। फैडरेशन के उपाध्यक्ष सतीश सरीन ने सभी का आभार व्यक्त किया एवं अरबन को-ऑपरेटिव बैंकों की स्थानीय समाज के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया।