धारा 55 एवं 57 के लम्बित प्रकरणों की जांच निर्धारित अवधि में पूर्ण की जाये – मंजू राजपाल
पुराने प्रकरणों के निस्तारण में देरी करने वाले अधिकारियों को मिलेंगे नोटिस
जयपुर, 13 जून (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम-2001 की धारा 55 एवं 57 के तहत लम्बित प्रकरणों की जांच निर्धारित अवधि में पूरी कर, जांच परिणाम जारी किए जाएं। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने लम्बित पुराने प्रकरणों के निस्तारण में देरी कर रहे अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
वे शुक्रवार को को नेहरू सहकार भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिनियम अंतर्गत लम्बित प्रकरणों की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने पुराने प्रकरणों के निस्तारण में हो रही देरी पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारी अपनी कार्यशैली में बदलाव लाकर प्रकरणों का शीघ्र निपटारा करें। स्पष्ट निर्देश के बावजूद लापरवाही बरत रहे अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि केवल बार-बार नोटिस देकर प्रकरण को लम्बित नहीं रखा जाए। साथ ही, जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट तत्काल सबमिट की जाए।
तीन माह में करें प्रकरणों का निस्तारण
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि सहकारी समितियों में अनियमितताओं के प्रकरणों से आमजन का सहकारिता में विश्वास कम होता है। इसलिए जांच अधिकारी ऐसे प्रकरणों में पूरी ईमानदारी से जांच कर अपनी रिपोर्ट दें। वरिष्ठ अधिकारी भी यह ध्यान रखें कि पर्यवेक्षणीय लापरवाही नहीं हो। श्रीमती राजपाल ने निर्देश दिए कि नये प्रकरणों का भी मुख्यालय से जारी परिपत्र के अनुसार तीन माह की अवधि में आवश्यक रूप से निस्तारण किया जाए। साथ ही, न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों का भी शीघ्र निस्तारण करवाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि अधिक लम्बित प्रकरणों वाले तीन खण्डों (जयपुर, जोधपुर एवं बीकानेर) की अगले माह (जुलाई 2025) में पुन: समीक्षा की जाएगी।
अधिनियम अंतर्गत जांच के 869 प्रकरणों का निस्तारण
बैठक में एक वर्ष से कम, एक से तीन वर्ष, तीन से पांच वर्ष एवं पांच वर्ष से अधिक समय से लम्बित प्रकरणों की खण्डवार समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बैठक में अवगत कराया कि वर्ष 2024-25 में कुल 869 प्रकरणों का निस्तारण किया गया, जिनमें धारा 55 के 249, धारा 57 (1) के 342 एवं धारा 57 (2) के 278 प्रकरण शामिल हैं। इसी प्रकार, वर्ष 2025-26 में 31 मई तक 94 प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है, जिनमें धारा 55 के 20, धारा 57 (1) के 42 एवं धारा 57 (2) के 32 प्रकरण शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जयपुर, बीकानेर, जोधपुर एवं भरतपुर खण्ड में प्रकरणों के निस्तारण की प्रगति अच्छी रही है।
वीसी रूम में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रथम) श्रीमती शिल्पी पांडे, संयुक्त रजिस्ट्रार (नियम) अजय उपाध्याय एवं सहायक रजिस्ट्रार (मॉनिटरिंग) शिरीष चांदे मौजूद रहे। सभी जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार, जिला उप रजिस्ट्रार एवं संबंधित केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक वीसी के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
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