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किसान अपने बैंक खाते से नहीं निकाल सकेंगे पीएम किसान सम्मान निधि की अतिरिक्त राशि

शीर्ष सहकारी बैंक ने इस उपाय से अपने करोड़ों रुपये बचा लिये

जयपुर, 27 जून (मुखपत्र)। राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (APEX BANK) प्रबंधन ने अपनी गलती में सुधार करते हुए अंतत: अपनी भारी-भरकम धनराशि को सुरक्षित करने के उपाय शुरू कर दिये हैं। प्रदेश के शीर्ष सहकारी बैंक द्वारा राजस्थान के लगभग 71 हजार किसानों के खातों में अतिरिक्त राशि की निकासी पर रोक लगाकर, फिलहाल अपनी 14 करोड़ रुपये से कुछ अधिक राशि को सुरक्षित कर लिया गया है, ऐसा दावा किया जा रहा है, परन्तु ये 14 करोड़ रुपये अपेक्स बैंक को वापिस कब मिलेंगे, इसे लेकर बैंक या सहकारिता विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। बैंक के अधिकारी ‘होल्ड’ की गयी राशि को ही रिकवरी के रूप में प्रचारित करते हुए, सहकारिता मंत्री व उच्चाधिकारियों का कोपभाजन बनने से बचाने के लिए प्रयासरत हैं, हालांकि, बैंक में छोटे कार्मिक रूपी सिपाहियों की बलि चढ़ाकर, वजीर और हाथी-घोड़ों रूपी सैकिंड लाइन केअफसरों को बचाने के लिए शतरंज बिछ गयी है।

विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि 18 जून को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त की डबल राशि देर शाम को ही किसानों के खातों में पहुंची थी, जिसकी निकासी का क्रम 19 को शुरू होने के कुछ ही समय पश्चात, बाड़मेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक व जोधपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के स्टाफ से अपेक्स बैंक को गड़बड़ी का पता चल गया था। इसलिए, ब्रांचों को सीधे ही सम्मान निधि की राशि का किसानों को भुगतान करने से रोक दिया गया, तब तक दोनों बैंकों के प्रबंध निदेशक इस घटना से अनभिज्ञ थे। दोनों केंद्रीय सहकारी बैंकों के उच्चाधिकारियों को 25 जून को घटनाक्रम का पता चला, जब खातों को ‘होल्ड’ कर दिया गया। बाद में, बवाल मचने पर केवल अतिरिक्त राशि को ‘होल्ड’ किया गया।

बैंक अधिकारियों का कहना है कि अपेक्स बैंक द्वारा बाड़मेर और जोधपुर के जिन लगभग 71 हजार खातों में पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त का डबल भुगतान हो गया है, उनमें से बहुत अधिक राशि की निकासी नहीं हुई है। जिन किसानों ने दोनों किश्तों की राशि निकाल ली है, उन खातों को ओवरड्राफ्ट कर दिया गया है, ताकि उनमें किसान से रिकवरी करने योग्य राशि जमा होते ही ‘होल्ड’ हो जाये। शेष लगभग 70 हजार खातों में दो हजार रुपये तक की राशि को ‘होल्ड’ कर दिया गया है। किसान अब यह राशि नहीं निकाल सकते, हालांकि वे अपने खाते में जमा इससे अधिक राशि की निकासी कर सकेंगे और राशि जमा भी करवा सकेंगे यानी अब लेनदेन पर कोई रोक नहीं है, ऐसे दावा अपेक्स बैंक के अधिकारी कर रहे हैं।

इस कवायद के बावजूद, लगभग 14 करोड़ रुपये की राशि को 70 हजार से अधिक किसानों के बचत खातों से वापिस अपेक्स बैंक के खाते में कैसे लाया जाये, इसका उपाय बैंक अफसरों को नहीं सूझ रहा। हालांकि अपेक्स बैंक के अधिकारियों ने ‘होल्ड’ की गयी राशि को रिकवरी के रूप में प्रचारित करना आरम्भ कर दिया है। अब सवाल यह है कि जब तक 14 करोड़ रुपये वापिस अपेक्स बैंक में खाते में नहीं आते, तब तक इस भारी-भरकम राशि पर प्रतिदिन ब्याज का जो नुकसान हो रहा है, उसकी भरपाई कैसे और किससे की जायेगी?

दूसरी ओर, इस अप्रत्याशित और बैंक की साख व वित्त को गम्भीर धक्का पहुंचाने वाले घटनाक्रम के उपरांत बैंक में नोटिस-नोटिस का क्रम गुुरुवार को आरम्भ हो गया। डीजीएम स्तर के एक अधिकारी द्वारा अपने अधिनस्थ कार्मिक को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है, हालांकि, भारत सरकार द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि के लिए उपलब्ध करायी गयी डिजिटल फाइल को, अपेक्स बैंक में डाउनलोड करने से पहले ही टीसीएस (TCS) को बाड़मेर व जोधपुर के लगभग 71 हजार किसानों के खातों में सम्मान निधि की किश्त की राशि ट्रांसफर करने के लिए क्यों कहा गया, इसे लेकर बैंक के जिम्मेदार अधिकारी मुंह खोलने से बच रहे हैं।

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