किसानों को केवल 5 प्रतिशत ब्याज दर पर मिलेगा कृषि ऋण, सहकारी बैंकों को 130 करोड़ रुपये के लक्ष्यों का आवंटन
15 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों को कई साल बाद मिला ऋण वितरण का लक्ष्य
जयपुर, 7 फरवरी (मुखपत्र)। वेंटीलेटर पर अंतिम श्वास ले रही दीर्घकालीन साख संरचना में, राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से पुनर्वित्त मिलने के पश्चात प्राण लौटने लगे हैं। अब राज्य के सभी जिलों के किसानों और लघु उद्यमियों को सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से राज्य सरकार की ब्याज अनुदान वाली योजनाओं में दीर्घकालीन कृषि ऋण एवं अकृषि ऋण उपलब्ध हो पाएंगे। राज्य भूमि विकास बैंक द्वारा प्रदेश के 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों को 130 करोड़ रुपये के दीर्घकालीन ऋण वितरण के लक्ष्य आवंटित किये गए हैं।
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने बताया कि कृषकों और लघु उद्यमियों को यह ऋण राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप क्रमश: 7 प्रतिशत एवं 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना के तहत उपलब्ध करवाये जाएंगे। उन्होंने बताया कि नाबार्ड से पुनर्वित्त के अभाव में काफी समय से अधिकांश भूमि विकास बैंकों द्वारा उक्त योजनाओं के अंतर्गत ऋण वितरण नहीं हो पा रहा था। विगत दिवस नाबार्ड द्वारा पुनर्वित्त जारी करने एवं एनसीडीसी द्वारा ब्याज दरों में कमी किये जाने के परिणामस्वरूप अब ऋण वितरण सम्भव हो सकेगा।
श्री दक ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ब्याज अनुदान उपलब्ध करवाये जाने के फलस्वरूप भूमि विकास बैंकों द्वारा वितरित दीर्घकालीन कृषि ऋण मात्र 5.05 प्रतिशत एवं दीर्घकालीन अकृषि उत्पादक ऋण मात्र 7.05 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध होगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के उन 15 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों को भी ऋण वितरण का लक्ष्य दिया गया है, जहां पिछले 5-6 वर्ष से दीर्घकालीन ऋण वितरण नहीं किया जा रहा था। इन बैंकों में अजमेर, केकड़ी, टोंक, हिण्डौन, सवाईमाधोपुर, जालौर, पाली, सिरोही, बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर पीएलडीबी शामिल हैं। प्रदेश की दीर्घकालीन सहकारी साख संरचना के पुनरूद्धार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
साझा प्रयास रंग लाये
गौरतलब है कि सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती मंजू राजपाल और प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के अध्यक्ष लम्बे समय से नाबार्ड से पुनर्वित्त प्राप्त करने के लिए प्रयासरत थे। इस सिलसिले में पीएलडीबी अध्यक्षों ने पिछले दिनों लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम दक ने मिलकर, पुनर्वित्त सुविधा बहाल करने के साथ-साथ, राज्य सरकार के आर्थिक सहयोग आधारित ऋण एकमुश्त समझौता योजना लागू करने और सहकारी बैंकों में रिक्त पदों पर भर्ती की मांग की थी।