उप-रजिस्ट्रार और विशेष लेखा परीक्षक भी पैक्स कम्प्यूटरीकरण परियोजना की निगरानी करेंगे
रजिस्ट्रार ने चार सदस्यीय जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया
जयपुर, 16 नवम्बर (मुखपत्र)। ग्राम सेवा सहकारी समितियों के स्तर पर पैक्स कम्प्यूटराइजेशन के प्रति शिथिलता बरत जाने से इस केंद्रीय परियोजना की धीमी गति से सहकारिता विभाग को भी परेशानी में डाल दिया है। शुरूआत के महीनों में, सहकारिता विभाग और अपेक्स बैंक द्वारा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCB) के माध्यम से ही सहकारी समितियों को पैक्स कम्प्यूटरइाजेशन प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जा रहा था, लेकिन पिछले कुछ माह से डीसीसीबी की पकड़ धीली होने के कारण, प्रदेश में पैक्स कम्प्यूटरइाजेशन प्रोजेक्ट की प्रगति बिल्कुल धीमी पड़ गयी है। कुछ जिलों में समितियों द्वारा रिकार्ड का मिलान एवं ऑडिट नहीं करवाये जाने के कारण भी पैक्स, लैम्प्स को गो-लाइव करने में दिक्कत आ रही है।
पैक्स कम्प्यूटरइाजेशन प्रोजेक्ट की जिला स्तर पर प्रोपर मोनेटरिंग के लिए रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल द्वारा पहली बार, इस योजना में विभागीय कार्यालयों/अधिकारियों को सक्रिय रूप से शामिल किया गया है। रजिस्ट्रार द्वारा परियोजना की नियमित समीक्षा एवं पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक जिले में चार सदस्यीय जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें जिले के उप रजिस्ट्रार/सहायक रजिस्ट्रार को अध्यक्ष, सम्बंधित बैंक के अधिशासी अधिकारी को सदस्य सचिव तथा विशेष लेखा परीक्षक एवं जिला कॉर्डिनेटर, सिस्टम इंटीग्रेटर को सदस्य बनाया गया है।
कमेटी की जिम्मेदारी
जिला स्तरीय कमेटी पैक्स कम्प्यूटराइजेशन परियोजना में सम्मिलित पैक्स की साप्ताहिक आधार पर प्रत्येक शुक्रवार (अवकाश की स्थिति में आगामी कार्य दिवस) को निम्न बिन्दुओं पर समीक्षा बैठक आयोजित कर सम्बंधित खण्डीय रजिस्ट्रार एवं प्रबन्ध निदेशक, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक को रिपोर्ट अनुशंसा प्रस्तुत करेगी-
1. विशेष लेखा परीक्षक द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय को सूचित्त अंकेंक्षित पैक्स की ऑडिट रिपोर्ट की केंन्द्रीय सहकारी बैंक स्तर पर प्राप्ति की स्थिति।
2. समस्त पात्र पैक्स की ऑडिट की स्थिति।
3. ऑडिट रिपोर्ट्स के समिति रिकार्ड एवं एफआईजी से मिलान की स्थिति।
4. दिनांक 31.03.2023 के आधार पर जीसीटी पूर्ण पैक्स की ईआरपी सॉफ्टवेयर पर ईयर एंड की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए ऑनलाइन ऑडिट की स्थिति।
5. पैक्स की एफवीआर (फील्ड वेरिफिकेशन रिपोर्ट) पूर्ति की स्थिति।
6. डीसीटी हेतु वांछित समस्त रिकॉर्ड पैक्स से सिस्टम इंटीग्रेटर को उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करना।
7. ईआरपी रन ट्रायल पर सिस्टम इंटीग्रेटर के सहयोग से पैक्स द्वारा कट-ऑफ-डेट से करंट डेट तक के बाउचर्स की फीलिंग की स्थिति।
8. गो-लाइव के पश्चात दैनिक आधार पर वाउचर फीडिंग एवं डे-एण्ड की सुनिश्चितता की समीक्षा।
रजिस्ट्रार ने पूरी की प्रबंध निदेशकों की मांग
इस कमेटी के गठन से केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेेशकों को निश्चित तौर पर बड़ी राहत मिलने वाली है। बैंकों के एमडी, लम्बे समय से यह मांग करते आ रहे थे कि उप-रजिस्ट्रार एवं विशेष लेखा परीक्षक की भी सक्रिय भूमिका निश्चित की जाये, क्योंकि, व्यवस्थापकीय सेवा नियम 2022 लागू होने के पश्चात, केंद्रीय सहकारी बैंकों को ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर नियंत्रण काफी हद तक कम हो गया है जबकि सहकारी निरीक्षकों की भूमिका प्रभावी हो गयी है। वित्तीय अनियमितता को छोडक़र अन्य किसी भी प्रकार से, समितियों को नियंत्रित करने के लिए उप रजिस्ट्रार से ही मदद लेनी पड़ रही है। इसलिए, जो समितियां, वाउचर फीडिंग या ऑडिट नहीं करवा रही, जिसके चलते पैक्स कम्प्यूटराइजेशन में बाधा उत्पन्न हो रही है, उन पर कार्यवाही के लिए उप रजिस्ट्रार की भूमिका को प्रभावी बनाना होगा।