सहकारिता

सहकारिता विभाग का अधिकारी और निरीक्षक पांच लाख रुपये की घूस लेते गिरफ्तार, बतौर रिश्वत पांच लाख रुपये पहले वसूल चुके थे

जूनियर सहायक रजिस्ट्रार होते हुए भी 29 महीने से राजधानी की सबसे हॉट सीट पर बैठा था देशराज

जयपुर, 11 जुलाई (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग के उप रजिस्ट्रार जयपुर (शहर) देशराज यादव और सहकारी निरीक्षक अरुण प्रताप सिंह को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने मंगलवार को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने बताया कि एसीबी की विशेष अनुसंधान इकाई, जयपुर को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि को-ऑपरेटिव सोसायटी के किरायेशुदा कार्यालय पर सहकारिता विभाग की टीम द्वारा डाली गई रेड की कार्यवाही में मदद करने की एवज में देशराज यादव उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियाँ – शहर, जयपुर एवं अरूण प्रताप सिंह निरीक्षक, सहकारी समितियां, जयपुर द्वारा 20 लाख रुपये रिश्वत राशि की मांग कर परेशान किया जा रहा है।

इस पर एसीबी जयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस रणधीर सिंह के सुपरवीजन में एसीबी विशेष अनुसंधान इकाई, जयपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बजरंग सिंह शेखावत के निर्देशन में शिकायत का सत्यापन किया जाकर आज मंगलवार को पुलिस निरीक्षक रघुवीर शरण द्वारा मय टीम के ट्रेप कार्यवाही करते हुये देशराज यादव पुत्र रामजीलाल यादव निवासी 15, सरस्वती नगर – ए, गैटार रोड, मालवीय नगर, जयपुर हाल उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियाँ जयपुर शहर अरूण प्रताप सिंह पुत्र श्याम सिंह निवासी फ्लेट नं. 808, आशियाना ग्रीन वुड, जगतपुरा, जयपुर हाल निरीक्षक, सहकारी समितियाँ, जयपुर को परिवादी से 5 लाख रूपये की रिश्वत राशि लेते हुये गिरफ्तार किया गया है।

पांच लाख रुपये की रिश्वत पहले वसूल चुके थे

प्रियदर्शी ने बताया, दोनों आरोपी, इस प्रकरण की एसीबी में शिकायत करने से पूर्व भी शिकायतकर्ता से 5 लाख रुपये रिश्वत राशि के रूप में वसूल कर चुके थे। उन्होंने बताया कि एसीबी के महानिरीक्षक सवाई सिंह गोदारा के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ जारी है।

सरकार की विशेष कृपा रही है देसराज पर

कोई दो साल पहले सहकारी निरीक्षक से प्रमोट होकर सहायक रजिस्ट्रार बनाये गये देशराज यादव पर सरकार की अपार कृपा रही है। सहकारिता विभाग में दर्जनों काबिल उप रजिस्ट्रारों और कैडर के अनुरूप पदस्थापन करने के हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर, राज्य सरकार ने, देसराज को उप रजिस्ट्रार जयपुर (शहर) के अत्यंत महत्वपूर्ण पद पर लगा रखा था। वह लगभग 29 महीने से इस सीट पर है। उप रजिस्ट्रार जयपुर शहर और उप रजिस्ट्रार जयपुर ग्रामीण, ये दोनों ही विभाग में हॉट सीट मानी जाती हैं क्योंकि गड़बड़झाले वाली सैकड़ों गृह निर्माण सहकारी समितियां इन दोनों के कार्यक्षेत्र में आती हैं।

इनमें जयपुर शहर वाली सीट का आकर्षण अधिक है क्योंकि शहरी क्षेत्र में आने के कारण बैकडेट में पट्टे जारी करने के खेल में समितियां करोड़ों के वारे-न्यारे करती हैं। दर्जनों ऐसी सोसाइटीज हैं, जो लिक्विडेशन में आ चुकी हैं, लेकिन वे बैकडेट में पट्टे जारी कर रही हैं। इस कार्य के लिए उन्हें उप रजिस्ट्रार और जेडीए वालों को भी उपकृत करना होता है।

24 जून को भी दो सोसाइटियों के कार्यालयों में देसराज ने मारा था छापा

उप रजिस्ट्रार देशराज यादव के नेतृत्व में सहकारिता विभाग, जेडीए और पुलिस की संयुक्त टीम ने 24 जून 2023 को राजपार्क एरिया में दो गृहनिर्माण सहकारी समितियों के कार्यालयों पर छापामारी की थी। इनमें एक सिधूनगर गृह निर्माण सहकारी समिति थी, जिसके कार्यालय के दो कमरे सीज कर दिये गये थे। तब यादव ने मीडिया को बताया था कि बैकडेट में भूखंडों के पट्टे जारी करने की शिकायत पर सिधू गृह निर्माण सहकारी समिति और मदरामपुरा गृह निर्माण सहकारी समिति के कार्यालयों में छापेमारी की गयी थी।

सिधू नगर वाले मामले में तो स्पष्ट हो गया कि 20 लाख रुपये की मांग की गयी थी, जिसमें आज एसीबी ने कार्यवाही की। मदरामपुरा समिति से क्या निकलकर आया, यह अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, अब यह सवाल उठने लगा है कि सिधूनगर की भांति मदरामपुरा वाले प्रकरण में छापेमारी के पीछे भी क्या यादव एंड कम्पनी की यही नीयत रही होगी?

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