कॉलोनाइजर मुकेश शाह का कोऑपरेटिव एक्ट की पावर को नमन, जमीन की रजिस्ट्री शून्य घोषित होने पर कर्ज की सम्पूर्ण राशि बैंक में जमा करायी
श्रीगंगानगर, 18 नवम्बर (मुखपत्र)। इलाके के सबसे बड़े और नामी कॉलोनाइजर मुकेश शाह (डायरेक्टर, सिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड) ने को-ऑपरेटिव एक्ट की ताकत के समक्ष नतमस्तक होते हुए सोमवार को बकाया कर्ज की सम्पूर्ण राशि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड में जमा करवा दी। सहकारिता विभाग द्वारा सिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्रा. लि. की खरीदशुदा कृषि भूमि की रजिस्ट्री एवं विक्रय विलेख को शून्य घोषित किये जाने के 10 दिन के अंदर ही, कम्पनी की ओर से सम्पूर्ण ऋण राशि का चुकारा कर दिया गया। इस प्रकार, राजस्थान के सहकारी बैंकों के टॉप टेन डिफाल्डर अकाउंट्स में से एक, जगमन सिंह एवं सर्वजीत कौर का ऋण खाता आज क्लीयर हो गया।
मामला, रामनगर पटवार हलके के चक 6 जैड में स्थित 2.007 हेक्टयर कृषि भूमि से जुड़ा है, जिसे जगमन सिंह एवं उसकी मां सर्वजीतसिंह द्वारा सिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड जरिये डायरेक्टर मुकेश शाह को लगभग 96 लाख रुपये में बेचा गया था। जमीन के सौदे का विक्रय विलेख एवं रजिस्ट्री, सब-रजिस्ट्रार कार्यालय, श्रीगंगानगर में 11 अगस्त 2020 में दर्ज की गयी थी, जबकि यह कृषि भूमि मां-पुत्र द्वारा 12 जुलाई 2017 को गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की सुखाडिय़ा सर्किल शाखा में रहन रखकर, इस पर किसान सहकार कल्याण योजना के अंतर्गत 20 लाख रुपये का लोन (लिमिट) लिया गया था।
चूंकि, उस समय बंधक सम्पत्ति के रहन ऑफलाइन दर्ज होते थे, इसलिए बैंक द्वारा उपरोक्त कृषि भूमि का 10 जुलाई 2017 को रहन दर्ज करवाने के पश्चात ही ऋण दिया गया। बाद में, रेवेन्यू रिकार्ड ऑनलाइन होने पर, राजस्व विभाग द्वारा जगमन सिंह व सर्वजीत कौर की उपरोक्त कृषि भूूमि पर बैंक का ऑनलाइन रहन दर्ज नहीं किया, जिसका अनुचित लाभ उठाते हुए, जगमन सिंह एवं सर्वजीत कौर ने एक अन्य को-ऑपरेटिव बैंक – प्राथमिक सहकारी भूूमि विकास बैंक लिमिटेड, श्रीगंगानगर में इसी भूमि को गिरवी रखकर 16 लाख रुपये का लोन ले लिया। भूूमि विकास बैंक ने इस जमीन पर अपना रहन ऑनलाइन दर्ज करवा लिया।
मुकेश शाह के साथ जमीन का सौदा होने पर, वहां से अग्रिम के रूप में प्राप्त राशि को सहकारी भूमि विकास बैंक को चुकाकर, जगमन सिंह एवं सर्वजीत कौर ने नो-ड्यूज प्रमाण पत्र ले लिया और उसके आधार पर जमीन को रहनमुक्त करवाकर, इसकी रजिस्ट्री रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्रा. लि. जरिये डायरेक्टर मुकेश शाह के नाम करवा दी।
इस पूरे घटनाक्रम की भनक गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक के अफसरों को नहीं लगी और वे अपनी ऋण की वसूली के लिए जगमन सिंह एवं सर्वजीत कौर को समय-समय पर नोटिस जारी करते रहे। 2 मई, 2024 तक जगमन सिंह एवं सर्वजीत कौर की ओर बैंक का ऋण बकाया 35 लाख 61 हजार 446 रुपये हो गया। जगमन सिंह से ऋण की वसूली के प्रयास के बीच, जब बैंक अधिकारियों के संज्ञान में आया कि बैंक में गिरवी रखी गयी कृषि भूमि को बैंक का कर्ज चुकाये बिना, जगमन सिंह एवं सर्वजीत कौर ने रिद्धि-सिद्धि होम डवल्पर्स प्रा. लि. को बेच दिया है, तब बैंक के प्रबंध निदेशक संजय गर्ग द्वारा राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 के तहत कार्यवाही के लिए यह प्रकरण खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, खंड बीकानेर, बीकानेर को प्रेषित कर दिया गया। खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार राजेश टाक ने दोनों पक्षों को सुनवाई का पूरा अवसर देने के पश्चात, 8 नवम्बर 2024 को राजस्थान सहकारी सोसाइटी एक्ट 2001 की धारा 39(ग) के अन्तर्गत रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया।
शाह ने 37.77 लाख रुपये जमा कराये
इस निर्णय के दृष्टिगत, कानूनी विकल्प पर गौर करने के पश्चात, कॉलोनाइजर मुकेश शाह ने सोमवार को बैंक के प्रधान कार्यालय पहुंचकर, प्रबंध निदेशक संजय गर्ग से मुलाकात की और जगमन सिंह एवं सर्वजीत कौर की बकाया ऋण राशि चुकाने की इच्छा जाहिर की। बैंक द्वारा मुकेश शाह को बताया गया कि आज तक जगमन सिंह की ओर बैंक का 37 लाख 77 हजार 392 रुपये बकाया है। दोपहर बाद, मुकेश शाह की रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते ये यह पूरी रकम, गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक की सुखाडिय़ा सर्किल ब्रांच में जगमन सिंह एवं सर्वजीत कौर के ऋण खाते में आरटीजीएस के माध्यम से जमा करवा दी गयी।
धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज
गौरतलब है कि ऋण राशि चुकाये बिना, बैंक में गिरवी जमीन का बेचान किये जाने पर बैंक की ओर से जगमन सिंह और उसकी मां सर्वजीत कौर के विरूद्ध धोखाधड़ी का प्रकरण भी कोतवाली थाना में दर्ज कराया जा चुका है, यह प्रकरण बैंक के अधिशासी अधिकारी भैरूसिंह पालावत की ओर से दर्ज कराया गया। हालांकि, धोखाधड़ी का शिकार हुए मुकेश शाह की ओर से फिलहाल, जगमन सिंह के खिलाफ आदिनांक तक कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गयी है।
(समाचार में प्रकाशित चित्र प्रतीकात्मक है, जो कि रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स द्वारा विकसित किसी अन्य आवासीय परियोजना का है।)