राष्ट्रीयसहकारिता

देश के हर जिले में केंद्रीय सहकारी बैंक और जिला दुग्ध उत्पादक संघ की स्थापना की जाएगी – अमित शाह

नई दिल्ली, 6 जुलाई। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को गांधीनगर (गुजरात)में 102वें अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित “सहकार से समृद्धि” कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी और सहकारिता मंत्रालय के सचिव आशीष कुमार भूटानी, सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय ने सहकारिता क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने लक्ष्य रखा है कि कि देश में कोई राज्य या जिला ऐसा ना हो जहां एक वायबल जिला सहकारी बैंक और वायबल जिला दुग्ध उत्पादक संघ न हो। ऐसा करके ही हम सहकारिता का विस्तार बढ़ा सकेंगे और हर ग्रामीण और गरीब को समृद्ध बना सकेंगे। इसके लिए सहकारिता युक्त पंचायत की कल्पना की गयी है। उन्होंने कहा कि देश में आज भी 2 लाख पंचायत ऐसी हैं, जहां एक भी कोऑपरेटिव संस्था नहीं है। हमने लक्ष्य रखा है कि अगले 5 साल में इन दो लाख पंचायत में मल्टीपर्पज़ पैक्स बनाने का काम करेंगे।

सहकारिता मंत्री ने नाबार्ड और देशभर के सभी राज्य सहकारी बैंकों से आग्रह किया कि प्रत्येक प्राथमिक कृषि ऋणदात्री समिति (पैक्स) और अन्य सहकारी संस्थाओं को अपना खाता जिला सहकारी बैंक या राज्य सहकारी बैंक में खुलवाना चाहिए, जिससे सहकारिता क्षेत्र तो मजबूत होगा ही, साथ ही पूंजी और आत्मविश्वास भी बढ़ेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार ने पैक्स के मॉडल बायलॉज़ भी बनाए हैं और पैक्स राज्य का विषय होने के बावजूद हर राज्य ने इन मॉडल बायलॉज को स्वीकार किया है। सरकार ने पैक्स को बहुद्देश्यीय बनाने का भी काम किया है और आज देश के कार्यशील 65000 में से 48000 पैक्स ने किसी न किसी नई गतिविधि को अपने साथ जोडक़र वायबल बनने की दिशा में पहल की है।

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