सहकारिता

समर्थन मूल्य पर खरीद प्रक्रिया में बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया जाए – सहकारिता मंत्री

दलहन-तिलहन की खरीद के लिए राजफेड की समीक्षा बैठक का आयोजन

जयपुर, 18 सितम्बर (मुखपत्र)। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतमकुमार दक ने कहा कि खरीफ-2025 सीजन में समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत आगामी दलहन-तिलहन खरीद के लिए अभी से सभी आवश्यक तैयारी पूरी कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आवश्यकता के अनुरूप खरीद केन्द्रों की संख्या में वृद्धि की जाए, जिससे किसानों को अपना माल तुलवाने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। श्री दक गुरूवार को राजस्थान राज्य सहकारी क्रय-विक्रय संघ (RAJFED) कार्यालय में संस्था से संबंधित गतिविधियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने राजफेड अधिकारियों को निर्देश दिए कि मूंग, मूंगफली, उड़द और सोयाबीन खरीद की प्रक्रिया समयबद्ध रूप से शुरु करने के लिए पूरी तैयारी रखी जाए। एक्टिव पैक्स को खरीद केन्द्रों के रूप में अधिसूचित किया जाए। किसानों की बायोमेट्रिक पहचान की प्रक्रिया को भी इसी माह पूरा कर आगामी खरीद से लागू कर दिया जाए।

उन्होंने कहा कि पिछली बार की खरीद में जिन स्थानों से शिकायतें प्राप्त हुई, वहां पर नया टेंडर करने एवं हैण्डलिंग एवं परिवहन के टेंडर में नये लोगों को अवसर देने के लिए आवश्यक कदम उठायें। उन्होंने कहा कि प्राप्त शिकायतों के निस्तारण के लिए प्रभावी सिस्टम तैयार किया जाए।

खरीद में शामिल एजेंसियां पूरी पारदर्शिता से कार्य करें

सहकारिता मंत्री ने कहा कि खरीद प्रक्रिया में शामिल एजेंसियां पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य करें। कृषि विभाग से प्राप्त उत्पादन के आंकड़ों के अनुरूप आकलन कर पर्याप्त संख्या में खरीद केन्द्र स्थापित किये जाएं, जिससे किसानों को लाइन में नहीं लगना पड़े। खरीद की संभावित मात्रा के अनुरूप बारदाने का भी पर्याप्त इंतजाम रखा जाए। समितियों को भुगतान के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाते हुए समय सीमा निर्धारित की जाए।

राजफेड नई गतिविधियां आरंभ करे

सहकारिता मंत्री ने राजफेड द्वारा नई गतिविधियां शुरू करने पर भी जोर देते हुए कहा कि राजफेड की उपलब्ध भूमियों का विवरण तथा उनके बेहतर उपयोग से संबंधित कार्ययोजना तैयार की जाए। मंत्री ने बैठक में दलहन-तिलहन खरीद की कार्ययोजना, खरीद केन्द्रों की स्थिति, भण्डारण व्यवस्था, बारदाना की उपलब्धता, विगत वर्षों में दलहन-तिलहन की खरीद, हैण्डलिंग एवं परिवहन व्यवस्था, वित्त व्यवस्था और नवाचारों के संबंध में विस्तार से जानकारी ली।

तिलम संघ की सोसाइटियों से भी खरीद कराई जाये

प्रमुख शासन सचिव (सहकारिता) एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने कहा कि तिलम संघ की साफ-सुथरी पृष्ठभूमि वाली एक्टिव सोसायटियों को भी खरीद प्रक्रिया में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि खरीद कार्य करने वाली समितियों को समय पर भुगतान हो, इसके लिए राजफेड को संवेदनशील होकर कार्य करने की आवश्यकता है।

विजिलेंस टीम का गठन

राजफेड के प्रबंध संचालक टीकमचन्द बोहरा ने बताया कि खरीद प्रक्रिया निर्बाध रूप से सम्पन्न करने के लिए आवश्यक तैयारी जारी हैं। बारदाना के लिए ऑर्डर दे दिया गया है। शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही के लिए विजिलेंस टीम का गठन किया हुआ है। प्राप्त शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही की जाएगी।

बारदाने के लिए राजफेड द्वारा फर्मों का इम्पैनलमेंट

बैठक में अवगत कराया गया कि बारदाने की पर्याप्त आपूर्ति सुचारू रखने के लिए इस बार राजफेड के स्तर पर भी फर्मों को इम्पैनल किया गया है, जिनसे आवश्यकता पडऩे पर बारदाना की खरीद की जा सकेगी। संस्था में लगभग तीन दशक बाद नये पदों पर भर्ती हुई है, जिसका असर कार्यप्रणाली पर दिखेगा। रिक्त 18 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव शीघ्र सहकारी भर्ती बोर्ड को भिजवाया जाएगा। नई पशु आहार फैक्ट्री के लिए डीपीआर तैयार करवाई जा रही है। संस्था द्वारा उत्पादित पशु आहार की मार्केटिंग भी करवाई जा रही है। राजफेड द्वारा गैस एजेंसी का सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है।

बैठक में संयुक्त शासन सचिव प्रह्लादसहाय नागा सहित एनसीसीएफ, नैफेड, तिलम संघ एवं राजफेड के अधिकारी उपस्थित रहे।

जयपुर, 15 सितम्बर (मुखपत्र)। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) द्वारा महिला सशक्तीकरण की दिशा में ठोस कदम बढ़ाते हुए राजस्थान महिला निधि क्रेडिट कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड को 3000 करोड़ रुपये का शॉर्ट टर्म वर्किंग कैपिटल लोन स्वीकृत किया गया है।

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के दिल्ली स्थित मुख्यालय में एनसीडीसी के उप प्रबंध निदेशक रोहित गुप्ता ने महिला निधि क्रेडिट कोऑपरेटिव फैडरेशन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूजा शर्मा को स्वीकृति पत्र और डमी चेक प्रदान किया। इस अवसर पर एनसीडीसी, जयपुर के क्षेत्रीय निदेशक सुनीलकुमार छापोला, निदेशक विकास उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।

छापोला ने बताया कि ‘एनसीडीसी को अनुदान सहायता’ केंद्रीय योजना के तहत महिला निधि क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी को ऋण स्वीकृत किया गया है। इस राशि का उपयोग, भारत सरकार की लखपति दीदी परिकल्पना को साकार करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह स्वीकृति केवल वित्तीय सहायता नहीं है, अपितु महिलाओं को सशक्त बनाने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है।

स्वीकृत राशि से महिला निधि द्वारा राज्य की लगभग 3 लाख महिला लाभार्थियों को एक लाख रुपये तक का ऋण वितरित किया जा सकेगा।

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