राज्यसहकारिता

रेगुलेटरी मापदंडों का पालन करते हुए, अपेक्स बैंक को वाणिज्यिक बैंकों के समकक्ष लाया जाये – श्रेया गुहा

राजस्थान राज्य सहकारी बैंक का 71वां स्थापना दिवस हर्षोल्लासपूर्वक मनाया

जयपुर, 14 अक्टूबर (मुखपत्र)। राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (आरएससीबी/अपेक्स बैंक) जयपुर का 71वां स्थापना दिवस, शनिवार को बैंक प्रशासक एवं सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा की अध्यक्षता में समारोहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर श्रीमती गुहा ने बैंक की उत्तरोतर प्रगति, निरंतर लाभ अर्जित करने, सुदृढ़ आर्थिक स्थिति के लिए बैंक स्टाफ को बधाई दी और कहा कि आरबीआई एवं नाबार्ड द्वारा निर्धारित रेगुलेटरी मापदंडों का गंभीरता से पालन करते हुए, राज्य सहकारी बैंक को वाणिज्यिक बैंकों के समकक्ष लाया जाये।

प्रशासक ने कहा कि बैंक अधिकारी अपने व्यवहार में व्यावसायिक दृष्टिकोण लायें और ग्राहकों के प्रति अच्छा आचरण अपनायें, जिससे बैंक की साख एवं व्यवसाय में सकारात्मक बढोतरी दर्ज हो। उन्होंने अपेक्स बैंक एवं राज्य के समस्त केंद्रीय सहकारी बैंकों के कर्मचारियों के संस्था के साथ जुड़ाव की आवश्यकता पर जोर दिया।


राष्ट्रपिता ने किसानों की साख व्यवस्था को महत्वपूर्ण माना – रतनू

सहकारिता रजिस्ट्रार मेघराज सिंह रतनू ने कहा कि देश की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है, जिनमें से अधिकांश की आजीविका कृषि पर निर्भर है। इसी के दृष्टिगत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जनकल्याण की भावना से किसानों की साख व्यवस्था को महत्वपूर्ण माना, इसी के चलते सहकारी बैंकों का गठन किया गया। उन्होंने स्थापना दिवस पर बैंक के अधिकारियों, कर्मचारियों को बधाई देते हुए, इजराइल के उदाहरण को सामने रख, बैंक से जुड़ाव की अपेक्षा की।

एमडी भोमाराम ने बैंक की स्थापना की जानकारी दी

राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भोमाराम ने स्वागत उद्बोधन में बैंक की स्थापना, बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करने के घटनाक्रम पर प्रकाश डाला और भारत सरकार, नाबार्ड, एनसीयूआई एवं नैफ्सकॉब द्वारा समय-समय पर बैंक को दिये गये पुरस्कारों के सम्बंध में जानकारी दी।

नाबार्ड डीजीएम आशुतोष सरदाना ने अपने उद्बोधन में सहकारिता को चार चरण में विभक्त करते हुए वर्ष 1904 में पहला सहकारी अधिनियम बनाये जाने, 1934 में दीर्घकालीन साख संरचना और नाबार्ड के गठन आदि के सम्बंध में महत्वपूर्ण तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायी। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों का कुल साख में हिस्सा, वाणिज्यिक एवं ग्रामीण बैंकों की तुलना में काफी कम हो गया है, जिसे बढ़ाये जाने की महत्ती आवश्यकता है।

आमेरा ने जताया आभार

इससे पूर्व, अपेक्स बैंक कर्मचारी – अधिकारी प्रतिनिधि के रूप में सहकार नेता सूरज भान सिंह आमेरा ने समारोह को सम्बोधित करते हुए बताया कि राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड का पंजीयन 14 अक्टूबर 1953 को सहकारी अधिनियम के तहत सहकारिता रजिस्ट्रार द्वारा किया गया। उन्होंने बैंक की 70 वर्ष की सफल गौरवपूर्ण यात्रा और 16वें शानदार बेहतर वेतन समझौते की साथी कार्मिकों को बधाई देते हुए व्यवसाय विविधिकरण, रिटेल बैंकिंग कारोबार बढ़ाने, बैंक प्रोडक्ट मार्केटिंग स्किल डवल्प करने का आह्वान किया और शीर्ष बैंक के रूप में सीसीबी व पैक्स के लिए उत्तरदायित्वपूर्ण मार्गदर्शक की मजबूत भूमिका निभाने की जरूरत बताई।

आमेरा ने अपने उद्बोधन में सहकारी बैंकों की आर्थिक मजबूती व कार्मिकों की बेहतर सेवा सुरक्षा के लिए ट्रेड यूनियन के साथ संगठित व अनुशासित रहने का आह्वान किया। आमेरा ने सहकारिता प्रबंधन, भारतीय रिजर्व बैंक एवं नाबार्ड द्वारा बैंक को निरंतर प्रदान किये गये मार्गदर्शन के लिए आभार प्रकट किया। महाप्रबंधक (प्रशासन) राजेंद्र कुमार मीणा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सहकारिता विभाग के सीनियर एडिशनल रजिस्ट्रार राजीव लोचन शर्मा, कॉनफैड एमडी श्रीमती शिल्पी पांडे, अतिरिक्त रजिस्ट्रार जितेंद्र प्रसाद शर्मा, एडिशनल रजिस्ट्रार संजय पाठक, बैंक डीजीएम एवं ज्वाइंट रजिस्ट्रार अनिल मित्तल भी शामिल हुए।

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