सहकारिता

सीएम भजनलाल के गृहजिले भरतपुर में सहकारी बैंक के लिए सरकार के पास योग्य सहकारी अफसर नहीं!

– भरतपुर केंद्रीय सहकारी बैंक में 5 साल में 14 प्रबंध निदेशक आये और गये

जयपुर, 8 दिसम्बर (मुखपत्र)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृहक्षेत्र भरतपुर में स्थित भरतपुर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड और इसका स्टाफ, लम्बे अर्से से एक अदद स्थायी प्रबंध निदेशक की बाट जोह रहे हैं। आज की तारीख में राजस्थान सरकार के पास एक भी एक योग्य सहकारी अफसर नहीं है, जिसे सीएम के होमटाउन में फुलफ्लैज एम.डी. के रूप में केंद्रीय सहकारी बैंक की कमान सौंपी जा सके। तीन जिलों – भरतपुर, धौलपुर और डीग में किसानों की कृषि संबंधी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिये स्थापित-संचालित भरतपुर केंद्रीय सहकारी बैंक में पिछले पांच साल में 15 प्रबंध निदेशक लगाये-हटाये जा चुके हैं।

इनमें भी 6 प्रबंध निदेशक अतिरिक्त कार्यभार के रूप में सेवाएं देकर गये। वर्तमान में भी ज्वाइंट रजिस्ट्रार रोहित सिंह के पास भरतपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार है, जो मूल रूप से दौसा केंद्रीय सहकारी बैंक में प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। दौसा जिला मुख्यालय से भरतपुर जिला मुख्यालय की दूरी 122 किलोमीटर है और सडक़ मार्ग से इस दूरी को तय करने में कम से कम 2 घंटे लगते हैं।

5 साल में 14 सहकारी अफसरों को आजमाया

भरतपुर सीसीबी का पिछले पांच साल का इतिहास बताता है कि यहां फरवरी 2019 से आज दिनांक तक 14 सहकारी अधिकारी प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त हुए हैं। इनमें ज्वाइंट रजिस्ट्रार बिजेंद्र कुमार शर्मा का पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यकाल एक वर्ष से अधिक (14 माह) का रहा है अन्यथा, इसके बाद स्वयं बिजेंद्र कुमार शर्मा केवल 6 दिन, आरपी मीणा 6 माह, इंदरसिंह 6 दिवस, अवतारसिंह मीणा 4 माह, पुन: आरपी मीणा 6 माह, सत्येंद्र मीणा 3 माह और शिवदयाल मीणा 4 माह ही पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक के रूप में सेवाएं दे पाये।

सहायक रजिस्ट्रार उमेश चंद्र शर्मा ने बैंक में अधिशासी अधिकारी के रूप में पदस्थापन के पश्चात, 2 वर्ष 1 माह तक इस बैंक में कार्यवाहक प्रबंध निदेशक के रूप में सेवाएं दी। उनके अलावा, योगेंद्रकुमार जैन मात्र 2 दिन, वी.के. वर्मा 5 माह, दुर्गालाल बलाई 3 माह और इन्दर सिंह 1 माह ही कार्यवाहक प्रबंध निदेशक ही रह पाये। दौसा वाले रोहित सिंह, जून 2025 से अब तक एक्स्ट्रा चार्ज में सेवाएं दे रहे हैं।

तीन जिलों के किसान हो रहे प्रभावित

सहकार नेता सूरजभान सिंह आमेरा ने भरतपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लि. में पिछले 5 वर्षों से पूर्णकालिक स्थायी योग्य प्रबंध निदेशक का पदस्थापन नहीं होने के कारण बैंक की लगातार गिरती आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि तीन जिलों के सहकारी बैंक में पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक नहीं होने से भरतपुर, धौलपुर एवं डीग जिले के किसानों को सहकारी साख सुविधा में भारी परेशानी हो रही है, साथ ही जिले का सहकारी साख आंदोलन चौपट हो रहा है।

कमजोर हो रही बैंक की वित्तीय स्थिति

आमेरा के अनुसार, गत 5 वर्षों में बैंक में पूर्णकालिक नियमित प्रबंध निदेशक के अभाव में समस्त प्रशासनिक, दैनिक कार्य बाधित होने के साथ-साथ बैंक की राज्य/भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं एवं ऋण वितरण/वसूली का कार्य भी प्रभावित रहा हैं। परिणामस्वरूप, बैंक की वित्तीय स्थिति साल-दर-साल कमजोर होती जा रही है। बैंक क्षेत्राधीन समिति कृषकों को भी महत्वपूर्ण योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ रहा हैं। बैंक के एनपीए/अवधिपार ऋणों में लगातार वृद्धि हो रही है, वर्तमान में बैंक पर वित्तीय संकट उत्पन्न हो गया है। बैंक के भविष्य तथा वर्तमान वित्तीय संकट एवं बैंक क्षेत्राधीन कृषक जनहित को दृष्टिगत रखते हुए बैंक में नियमित प्रबंध निदेशक का कार्यरत होना अन्यंत आवश्यक है। अन्यथा स्थिति में बैंक के बैंकिंग लाइसेंस पर संकट खड़ा हो सकता है।

बैंक को बचाना है तो पूर्णकालिक एमडी लगाया जाये

ऑल राजस्थान कोऑपरेटिव बैंक एम्प्लाइज यूनियन, ऑल राजस्थान कोऑपरेटिव बैंक ऑफिसर्स के महासचिव सूरजभान सिंह आमेरा द्वारा आर्थिक रूप से डूबने की कगार पर पहुंच चुके भरतपुर केंद्रीय सहकारी बैंक का लाइसेंस बचाने और वित्तीय स्थिति में सुधार कर, तीन जिले के किसानों को आर्थिक राहत पहुंचाने के लिए अविलम्ब किसी योगय अधिकारी को पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक लगाये जाने की मांग मुख्यमंत्री से की गयी है।

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