मुखपत्र

सहकारिता विभाग में कैडर अथोरिटी के गठन से पहले स्क्रीनिंग प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी

स्क्रीनिंग में कानूनी बाधा दूर करने के लिये विविध राय ली जायेगी

 स्क्रीनिंग से वंचित पैक्स कर्मियों को एक अवसर और मिलेगा

जयपुर, 17 नवम्बर (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समितियां (PACS) के कार्मिकों के नियमितिकरण (स्क्रीनिंग) की प्रक्रिया शीघ्र ही पुन: आरंभ किये जाने की संभावना है। सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतमकुमार दक और प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल के निर्देशानुसार एवं संयुक्त संघर्ष समिति के साथ हुई सहमति के अनुरूप, सहकारिता विभाग ने कैडर अथोरिटी के गठन से पहले नियमितिकरण की प्रक्रिया पुन: आरंभ करने के लिए कानूनी बाधा को दूर करने की कार्यवाही शुरू कर दी है। कानूनी बाधा को दूर कर, स्क्रीनिंग प्रक्रिया पुन: आरंभ किये जाने के लिए सहायक महाधिवक्ता (AAG) की विधिक राय हेतु रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल के समक्ष पत्रावली प्रस्तुत की गयी है।

विदित रहे कि संयुक्त संघर्ष समिति के प्रस्ताव पर, सहकार नेता सूरजभान सिंह आमेरा के प्रयास से गत 6 अक्टूबर 2025 को सहकारिता विभाग और संयुक्त संघर्ष समिति के मध्य हुई साथ सफल वार्ता में जिन चार बिन्दुओं पर सहमति बनी थी, उसमें स्क्रीनिंग प्रक्रिया पुन: आरंभ किये जाने का मुद्दा भी शामिल है। सहकारिता मंत्री गौतमकुमार दक और रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल द्वारा भी स्पष्ट निर्देश हैं कि कैडर अथोरिटी के गठन से पूर्व नियमानुसार प्रत्येक पात्र पैैक्स व्यवस्थापक/सहायक व्यवस्थापक को स्क्रीनिंग का लाभ मिलना चाहिये।

उल्लेखनीय है कि अजमेर और बूंदी जिले में पैक्स कार्मिकों के एक-एक प्रकरण में स्क्रीनिंग प्रक्रिया पर उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश पारित किया हुआ है। तब सहकारिता विभाग ने एएजी के परामर्श के अनुरूप, राज्यभर में स्क्रीनिंग प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इस साल अक्टूबर में हुए पैक्स कर्मियों के असहयोग आंदोलन के पश्चात द्विस्तरीय वार्ता में कैडर अथोरिटी का गठन, स्क्रीनिंग सहित चार मुख्य बिन्दुओं पर दोनों पक्षों में सहमति बन गयी थी।

मंत्री व रजिस्ट्रार का सकारात्मक रुख

जयपुर. सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतमकुमार दक (बायें) और रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल (दायें)

सहकारिता मंत्री व रजिस्ट्रार के निर्देश के उपरांत, कैडर अथोरिटी के गठन और स्क्रीनिंग को लेकर सहकारिता विभाग के रुख में सकारात्मक परिवर्तन आया है। अब सरकार भी चाहती है कि पैक्स कर्मियों के नियमित वेतन की माकूल व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। स्वयं सहकारिता मंत्री गौतम दक ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के जयपुर में आयाजित कार्यक्रम में पैक्स कर्मियों के नियमित वेतन का मुद्दा उठाया था। रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने भी सहकार सदस्यता अभियान के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के समक्ष पैक्स कार्मिकों के लिए कैडर अथोरिटी के गठन की पुरजोर वकालत की थी।

पुन: कानूनी राय ली जायेगी

बदली हुई आशानुकूल परिस्थितियों के दृष्टिगत सहकारिता विभाग ने अब पुन: सहायक महाधिवक्ता से पुन: कानूनी राय लेने का फैसला किया है। इसी के तहत ही अब पत्रावली को आगे बढ़ाया जा रहा है। अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि यदि सहायक महाधिवक्ता, स्क्रीनिंग प्रक्रिया पर उच्च न्यायालय के स्टे ऑर्डर की प्रभावशीलता को अजमेर एवं बूंदी जिलों तक सीमित मानते हैं, तो फिर दो जिलों को छोडक़र, अन्य जिलों में नियमितिकरण की प्रक्रिया को अविलम्ब आरंभ कर दिया जायेगा और अजमेर व बूंदी के लिए स्टे वेकेंट करवाने की कार्यवाही आरंभ की जायेगी। इसके विपरीत यदि सहायक महाधिवक्ता की कानूनी राय में अजमेर व बूंदी जिलों में स्क्रीनिंग प्रक्रिया पर पारित हाईकोर्ट के स्थगनादेश का प्रभाव, समूचे राजस्थान के लिए माना जाता है, तब स्टे वेकेंट करवाने के लिए आवश्यक कानूनी प्रक्रिया अपनायी जायेगी और तदोपरांत नियमितिकरण की प्रक्रिया को आरंभ किया जायेगा।

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