मुखपत्र

सहकारिता में विपणन और ब्रांडिंग की मत्वपूर्ण भूमिका

टांटिया युवा शक्ति विकास सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण-जागरुकता संगोष्ठी का आयोजन

श्रीगंगानगर, 12 नवम्बर (मुखपत्र)। नवगठित ‘टांटिया युवा शक्ति विकास सहकारी समिति लिमिटेड’ द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के अंतर्गत चल रहे कार्यक्रमों की शृंखला में दो दिवसीय प्रशिक्षण-जागरुकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वाइस चेयरपर्सन डॉ. मोहित टांटिया के निर्देशन में, नेशनल कॉपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया (NCUI), टांटिया यूनिवर्सिटी और सहकारिता विभाग के सहयोग से आयोजित संगोष्ठी के दूसरे दिन नई धान मंडी स्थित दी गंगानगर ट्रेडर्स एसोसिएशन भवन में हुए कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों ने विचार रखे।

टांटिया समूह के महाप्रबंधक डॉ. विकास सचदेवा ने बताया कि सहकारिता विभाग के उप पंजीयक दीपक कुक्कड़, राजीविका के जिला परियोजना प्रबंधक व जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिराम चौहान, ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भूपेंद्र आहुजा ने संगोष्ठी का विधिवत शुभारंभ किया। विषय विशेषज्ञ डॉ. अतुलकुमार साहुवाला, सी.ए. निशित अग्रवाल, प्रवेश पाराशर, राजीविका के जिला प्रबंधक चंद्रशेखर द्वारा लीगल कम्पलाइंसेज, ब्रांडिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग आदि के बारे में उपयोगी जानकारी दी गयी। वक्ताओं ने कहा कि सहकारिता से समृद्धि की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है और लोग उदाहरण बनकर प्रस्तुत हो रहे हैं।

उप रजिस्ट्रार दीपक कुक्कड़ ने कहा कि सहकारिता में विपणन और ब्रांडिंग का बहुत महत्व है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि टांटिया समूह एवं वाइस चेयरपर्सन डॉ. मोहित टांटिया सहकारिता के लिए निरंतर सक्रिय रहकर कार्य कर रहे हैं। परियोजना प्रबंधक हरिराम चौहान ने कहा कि आत्मविश्वास बढ़ाने की बहुत आवश्यकता है। एक-एक कदम बढ़ाकर ही हम काम में निखार ला सकते हैं। डॉ. अतुलकुमार साहुवाला ने कॉपीराइट, पेटेंट, उद्यम रजिस्ट्रेशन, बीआर रजिस्ट्रेशन, डिजिटल मार्केटिंग, एमएसएमई समाधान केंद्र आदि के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि टांटिया यूनिवर्सिटी में संचालित लीगल एड क्लिनिक के माध्यम से भी निशुल्क जानकारी ली जा सकती है। जिला प्रबंधक चंद्रशेखर ने लखपति दीदी योजना के बारे में बताया। उन्होंने मिर्जेवाला मॉडल की भी चर्चा की।

राजीविका अधिकारी विजयलक्ष्मी एवं पारस कंवर ने भी विचार रखे। संचालन सेमिनार समन्वयक राजकुमार जैन ने किया। इस मौके पर वाहिद हुसैन काजी, शीतल चौधरी, रिलेशनशिप ऑफिसर हिमांशु खटक, को-ऑर्डिनेटर (सोशल एक्टिविटीज) सरिता शर्मा, सिलाई सेंटर की प्रशिक्षिका ममता, निशांत गर्ग आदि उपस्थित रहे।

इससे पूर्व, मंगलवार को संगोष्ठी के प्रथम दिन टांटिया यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली से वर्चुअल जुड़े सहकारिता विभाग में पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर (पीपीआर) के कार्यक्रम अधिकारी अभिषेक अग्रवाल ने डिजिटल लिटरेसी एंड साइबर सिक्योरिटी विषय पर बोलते हुए कहा कि हर जगह आधार कार्ड नहीं देना चाहिए। अगर हम सजग रहेंगे तो साइबर क्राइम की संख्या सिमट सकती है। ऐप डाउनलोड करते समय सावधानी रखें। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. समरपाल सिंह ने इंटीग्रेटिड फारमिंग पर चर्चा करते हुए फसल विविधीकरण, एकीकृत कृषि प्रणाली, प्राकृतिक खेती, जीवाणुओं की खेती, मिट्टी स्वास्थ्य, जीवामृत, बीज चुनाव और पराली प्रबंधन इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया, कृषि निवेश पर भी बात की और जिज्ञासाओं का समाधान किया।

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