ग्राम सेवा सहकारी समिति कर्मचारियों की मुख्य मांगों पर सहमति बनी, जानिये किस आधार पर बनी सहमति
जयपुर, 6 अक्टूबर (मुखपत्र)। ग्राम सेवा सहकारी समितियां कर्मचारियों की संयुक्त संघर्ष समिति और सहकारिता विभाग के अधिकारियों के बीच तीसरे दौरे की वार्ता सफल रही है। सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतमकुमार दक के निर्देश पर सोमवार को नेहरू सहकार भवन स्थित अतिरिक्त रजिस्ट्रार-द्वितीय के कक्ष में दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता में मुख्य मांगों पर सहमति बन गयी है।
वार्ता में सहकारिता विभाग की ओर से अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक संजय पाठक, एडिशनल रजिस्ट्रार-द्वितीय संदीप खंडेलवाल, एडिशनल रजिस्ट्रार (बैंकिंग) सुरेंद्रसिंह राठौड़, संयुक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) प्रेमचंद जाटव, सहकार नेता सूरजभान सिंह आमेरा (सहकारी साख समितियां एम्प्लाइज यूनियन राजस्थान), हनुमानसिंह राजावत (राजस्थान बहुउद्देशीय सहकारी सोसायटी कर्मचारी यूनियन), मदन मेनारिया (राजस्थान सहकारी कर्मचारी विकास मंच) और कुलदीप जंगम (राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ, भामस) शामिल हुए।
सहमति के उपरांत दोनों पक्षों ने सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल की उपस्थिति में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये। उल्लेखनीय है कि रजिस्ट्रार मंजू राजपाल ने चार दिन पहले ही सहकार सदस्यता अभियान के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में पैक्स व्यवस्थापकों के कॉमन कैडर के गठन की मांग को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के समक्ष भी रखा था।
इन मांगों पर बनी सहमति
सहकारिता विभाग की ओर से उपलब्ध करायी गयी अधिकृत जानकारी के अनुसार निम्नलिखित मांगों पर सहमति बन गयी है :-
1. कैडर अथोरिटी का गठन
प्रमुख शासन सचिव सहकारिता/रजिस्ट्रार,सहकारी समितियां, राजस्थान द्वारा इस पर सहमति प्रकट की गई है। भारत सरकार के स्तर पर भी पैक्स हेतु मानव संसाधन नीति को अंतिम रूप दिया जाना प्रक्रियाधीन है। यह विषय पूर्व में भी राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। इस क्रम में पुन: परीक्षण कर कैडर अथोरिटी गठन के ड्राफ्ट कार्यवाही कमेटी में वार्ताकार चारों संगठनों के एक-एक प्रतिनिधि सम्मिलित करते हुए तीन माह में कैडर अथोरिटी गठन हेतु सकारात्मक कार्यवाही की जावेगी।
2. नियमितीकरण (स्क्रीनिंग)
वार्ता के दौरान संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने अवगत करवाया कि गत स्क्रीनिंग के समय राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग की कार्यवाही नहीं हुई थी। अत: राज्य में स्क्रीनिंग की नियमानुसार पारदर्शी कार्यवाही करवाई जाए। इस पर ज्वाइंट रजिस्ट्रार बैंकिंग प्रेमचंद जाटव द्वारा बताया गया कि स्क्रीनिंग के संदर्भ में उच्च न्यायालय के स्तर से दो याचिकाओं में स्टे है। चर्चा उपरांत इस बात पर सहमति बनी हुई कि विधिक स्थिति पर पुन: राय ली जाकर एक माह में स्क्रीनिंग हेतु कार्यवाही की जाने पर सहमति बनी। स्क्रीनिंग के नियमों का पुन: परीक्षण कर सकारात्मक कार्यवाही की जाने पर सहमति बनी। स्क्रीनिंग में पूर्व में दी गई समिति में नियुक्ति के लिए एक बारीय आयु सीमा में शिथिलता 18 वर्ष से 40 वर्ष अनुसार की मांग की गई, जिस पर परीक्षण करवाकर कार्यवाही की जाने की सहमति बनी।
3. बैंकिंग सहायक भर्ती एवं बैंक ऋण पर्यवेक्षक पद पर चयन
विभाग की ओर से संयुक्त संघर्ष समिति के वार्ताकारों को बताया गया कि बैंकिंग सहायक पदों पर 20 प्रतिशत मुख्य कार्यकारी पैक्स व्यवस्थापक से सीधी भर्ती एवं ऋण पर्यवेक्षक (एल.एस.) पद पर शत-प्रतिशत पैक्स व्यवस्थापक से चयन के संबंध में सूचना प्राप्त हो गई है, इस संदर्भ में भर्ती बोर्ड से शीघ्र भर्ती की त्वरित सकारात्मक कार्यवाही की जाने पर सहमति बनी। वार्ताकार संगठन प्रतिनिधियों द्वारा यह सुझाव दिया गया कि बैंकिंग सहायक सीधी भर्ती एवं ऋण पर्यवेक्षक पद पर चयन के लिए सेवाकाल अनुभव के आधार पर बोनस अंकों का प्रावधान किया जाना चाहिए।इस पर परीक्षण कर कार्यवाही किये जाने पर सहमति बनी।
4. सहकारी पैक्स कर्मियों की अन्य मांगों पर भी परीक्षण कर कार्यवाही किये जाने पर सहमति बनी।
संयुक्त संघर्ष समिति की घोषणा का इंतजार
सहकारिता विभाग की ओर से बताया गया है कि वार्ता में मुख्य मांगों पर सहमति बन जाने के उपरांत चारों संगठनों द्वारा वर्तमान में जारी आंदोलन को स्थगित/समाप्त किये जाने एवं सहकार सदस्यता अभियान में सक्रिय सहयोग किये जाने का निर्णय लिया गया, हालांकि अभी तक चारों संगठनों के प्रांतीय पदाधिकारियों और संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से सहमति बनने या आंदोलन स्थगित/समाप्त किये जाने को लेकर कोई अधिकृत घोषणा नहीं की गयी है।