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पैक्स कार्मिकों की वर्ष 2016 और 2010 की स्क्रीनिंग निरस्त करने का आदेश

जयपुर, 14 सितम्बर (मुखपत्र)। राज्य सहकारिता सेवा के बहुचर्चित सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. एम.आर. खन्ना के कार्यकाल में दि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक में साल 2016 और इससे पूर्व मधसूदन कुमार शर्मा के कार्यकाल में साल 2010 में आयोजित स्क्रीनिंग प्रक्रिया को निरस्त करने का निर्देश दिया गया है। रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समितियां के मुख्य कार्यकारी (व्यवस्थापक/सहायक व्यवस्थापक) के नियमितिकरण के लिए 2016 में आयोजित स्क्रीनिंग प्रक्रिया को गलत मानते हुए, 150 व्यवस्थापक/सहायक व्यवस्थापक/सेल्समैन की स्क्रीनिंग को निरस्त करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, 2010 की स्क्रीनिंग प्रक्रिया से लाभान्वित 174 व्यवस्थापकों, सहायक व्यवस्थापकों के नियमितिकरण की अनुशंसा का आदेश भी निरस्त करने के लिए निर्देशित किया गया है।

डॉ. एमआर खन्ना के विरुद्ध विभिन्न वित्तीय अनियमितताओं, नियमों/आदेशों के उल्लंघन के मामले में राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 55 के अंतर्गत पुन: जांच के निष्कर्ष के आधार पर, कार्यालय, रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां द्वारा जारी किये गये जांच परिणाम में 150 पैक्स कार्मिकों की स्क्रीनिंग निरस्त करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस मामले में आगामी कार्यवाही गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा की जायेगी। खन्ना के प्रबंध निदेशकीय कार्यकाल की धारा 55 के अंतर्गत पुन: जांच क्षेत्रीय अंकेक्षण अधिकारी, बीकानेर रणवीर सिंह द्वारा की गयी थी।

अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंङ्क्षकंग) सुरेंद्र सिंह राठौड़ की ओर से जारी जांच परिणाम के अनुसार, दि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, श्रीगंगानगर में प्रबंध निदेशक रहते हुए डॉ. एमआर खन्ना के कार्यकाल में हुई स्क्रीनिंग प्रक्रिया में, इस कार्य के लिए निर्धारित नियमों/दिशा-निर्देशों की पालना नहीं की गयी। खन्ना के कार्यकाल में हुई 150 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग को निरस्त किया जाये। स्क्रीनिंग संबंधी नियमों की पालना नहीं करने कर, गलत ढंग से स्क्रीनिंग करने पर, खन्ना के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये।

2010 की स्क्रीनिंग वाले पैक्स कार्मिक भी प्रभावित

वर्ष 2010 की स्क्रीनिंग से जिन व्यवस्थापकों/सहायक व्यवस्थापकों की स्क्रीनिंग के आदेश रद्द किये गये थे, जिसे कुछ व्यवस्थापकों द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी थी। न्यायालय ने इनकी याचिकाओं का निपटारा करते हुए निर्देश दिया गया था कि सक्षम अधिकारी द्वारा सुनकर इनका निर्णय किया जाये। खन्ना ने स्वयं सुनवाई करते हुए 174 व्यवस्थापकों/सहायक व्यवस्थापकों के नियमितिकरण के अनुशंसा कर, आदेश जारी किये गये थे। जांच अधिकारी एवं जांच परिणाम में खन्ना के इन आदेशों को उनके आधिक्य से बाहर माना गया, परिणामस्वरूप इन 174 पैक्स कार्मिकों के नियमितिकरण के आदेश निरस्त करने का निर्देश दिया गया है।

अगस्त में जारी हुए थे जांच परिणाम

जांच परिणाम में यह स्पष्ट किया गया है कि वर्ष 2010 की स्क्रीनिंग के मामले में उच्च न्यायालय के दिनांक 21 मार्च 2014 के आदेश की अनुपालना में करते हुए सक्षम स्तर पर सुनवाई का अवसर देते हुए निर्णय किया जाये और इस मामले में नियमों की पालना नहीं करने पर तत्कालिन प्रबंध निदेशक एमआर खन्ना के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। यह जांच परिणाम 29 अगस्त 2025 को जारी किये गये।

 

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