जबरन टैगिंग के विरोध में इफको के उत्पादों की खरीद का बहिष्कार जारी, सहकारी समितियों ने दी उर्वरक लाइसेंस सरेंडर करने की चेतावनी
उपस्थित सोसाइटी अध्यक्षों ने सहकारी समिति कर्मचारी यूनियन के आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की
श्रीगंगानगर, 25 अगस्त (मुखपत्र)। सहकारी क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी रायायनिक उर्वरक उत्पाद संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड यानी इफको (IFFCO )द्वारा दानेदार यूरिया, डीएपी और एनपीके साथ नैनो उत्पादों (नैनो यूरिया और नैनो डीएपी) की जबरन टैंगिंग के खिलाफ ग्राम सेवा सहकारी समितियां ने आरपार का मोर्चा खोल दिया है। श्रीगंगानगर जिले में पिछले सप्ताह से सहकारी समितियां इफको के उत्पाद नहीं खरीद रही।
श्रीगंगानगर सहकारी समितियां कर्मचारी यूनियन के बैनर तले सोमवार को श्रीगौड़ ब्राह्मण महासभा धर्मशाला, श्रीगंगानगर में समिति व्यवस्थापकों और सोसाइटी अध्यक्षों की अभूतपूर्व संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें स्पष्ट शब्दों में संदेश दिया गया कि यदि इफको की जोर-जबरदस्ती पर जिला प्रशासन, कृषि विभाग एवं सहकारिता विभाग ने कोई अंकुश नहीं लगाया तो जिले की समस्त ग्राम सेवा सहकारी समितियां उर्वरक बिक्री के लाइसेंस सरेंडर कर देंगी। ऐसे में इस पीक सीजन में किसानों को डीएपी, एनपीके सहित अन्य उर्वरक उपलब्ध कराने की सोसाइटियों की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
टैंगिंग पर कृषि विभाग की रोक, तो इफको पर अंकुश क्यों नहीं?
ग्राम सेवा सहकारी समिति तामकोट के अध्यक्ष सुखविंद्रसिंह, राजियासर स्टेशन जीएसएस के अध्यक्ष कालूराम गोदारा, 6 डीडब्ल्यूएम जीएसएस के अध्यक्ष ओमप्रकाश गेदर, बीरमाना जीएसएस के अध्यक्ष मोहनलाल माहर, हरदासवाली जीएसएस के अध्यक्ष चंद्रभान, सिंगरासर जीएसएस के अध्यक्ष श्रवण स्वामी, मोकलसर जीएसएस के अध्यक्ष बाबूसिंह और अध्यक्ष रामदेव ढाका ने धर्मशाला के खचाखच भरे हाल में उपस्थित सोसाइटी कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए इफको की टैंगिंग को गलत बताया। इन्होंने कहा कि एक ओर तो कृषि विभाग ने किसानों को डीएपी, यूरिया के साथ किसी भी उत्पाद की टैंगिंग के खिलाफ आदेश जारी कर रखा है, वहीं दूसरी ओर इफको, सहकारी समितियों को बिना टैंगिंग के रासायनिक उर्वरक (खाद) उपलब्ध नहीं करवा रहा। जब से नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की लॉन्चिंग हुई है, तब से यह जोर-जबरदस्ती चल रही है।

अध्यक्षों ने कहा, हम सोसाइटी कर्मचारियों के साथ
अध्यक्षों ने कहा कि इफको से टैंगिंग के साथ प्राप्त उत्पाद जब सोसाइटियों द्वारा किसानों को दिया जाता है, वे कृषि विभाग के आदेश को दिखाते हुए सोसाइटियों कर्मचारियों के साथ झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे में सोसाइटियां टैंगिंग वाले उत्पादों को क्या करें? यदि बेचें तो कृषि विभाग व किसान खिलाफ, नहीं बेचें तो माल खराब होने से सोसाइटी को घाटा और यदि टैंगिंग नहीं लें, तो इफको खाद नहीं देती। अध्यक्षों ने सोसाइटी कर्मचारियों को विश्वास दिलाया कि वे इफको की मनमानी के खिलाफ इस संघर्ष में यूनियन के साथ हैं।
इफको किसानों की संस्था है, किसी व्यक्ति की निजी कम्पनी नहीं
जिला सचिव वीरेंद्र यादव ने कहा कि वे इफको के साथ टकराव नहीं चाहते, लेकिन इफको के वर्तमान अधिकारी सोहनलाल का व्यवहार, सहकारी सोसाइटियों के साथ बहुत खराब है। वे समिति व्यवस्थापकों के साथ कटु व्यवहार करते हैं और बात-बात पर एक दाना भी यूरिया-डीएपी का सहकारी समितियों को नहीं देने की धमकी देते हैं। उन्होंने कहा कि इफको, सोहनलाल की निजी कम्पनी नहीं, किसानों की संस्था है। इसकी नींव को किसानों और सहकारी संस्थाओं ने सींचा है। लेकिन जबरदस्ती टैंगिंग स्वीकार नहीं है।
इफको के अधिकारी धमका रहे हैं, भविष्य में खाद नहीं देंगे
यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रगटसिंह ने पिछले दिनों हुए घटनाक्रम और इफको के अधिकारी सोहनलाल के साथ हुई कई दौर की बातचीत का विस्तार से ब्यौरा देते हुए सोहनलाल के धमकी भरे व्यवहार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इफको की ओर से समिति अध्यक्षों और व्यवस्थापकों को धमकी दी जा रही है कि यदि सहकारी सोसाइटियों ने बहिष्कार समाप्त नहीं किया तो भविष्य में किसी सोसाइटी को खाद नहीं देंगे। जिलाध्यक्ष ने कहा कि रासायनिक उर्वरक की खरीद-बिक्री का काम सोसाइटियों के लिए विशेष लाभ का सौदा नहीं है, फिर भी किसानों की सेवा के लिए वर्षों से सोसाइटियां सहर्ष इस काम को करती आ रही हैं और भविष्य में भी करती रहेंगी, परन्तु, वर्तमान में इफको के अधिकारियों के अहंकारी व्यवहार ने हमें बहुत आहत किया है।
स्थायी हल निकलने तक बहिष्कार जारी रहेगा
उन्होंने सबके समर्थन एवं सहयोग से घोषणा की कि जब तक टैंगिंग का स्थायी समाधान नहीं निकलता, तब तक श्रीगंगानगर जिले की कोई सहकारी सोसाइटी इफको के उत्पाद नहीं खरीदेगी, न ही बेचेगी। प्रगटसिंह ने यूनियन की एकता से बाहर जाकर, इफको के उत्पाद खरीदने वाली दो सोसाइटियों के कर्मचारियों को यूनियन से पृथक करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जो कोई यूनियन की एकता को भंग करेगा, यूनियन उसका कोई सहयोग नहीं करेगी। उन्होंने कृषि विभाग और सहकारिता विभाग ने इस मामले में समितियां का सहयोग किये जाने की अपेक्षा की।

एकजुटता से ही हल निकलेगा
मंच संचालन करते हुए व्यवस्थापक राजकुमार ने इफको द्वारा की जाने वाले जबरन टैगिंग से सोसाइटियों को होने वाली हानि और ऐसे उत्पादों की बिक्री के समय किसानों के साथ तनाव की घटनाओं का जिक्र करते हुए, सबसे अपील की कि वे यूनियन के साथ रहें। उन्होंने यूनियन का सहयोग एवं समर्थन करने पर अध्यक्षों का आभार व्यक्त किया। बैठक में जिले की ग्राम सेवा सहकारी समितियों के लगभग 200 व्यवस्थापक एवं समिति अध्यक्ष उपस्थित रहे।
जिला प्रशासन से की मुलाकात
बैठक के बाद समस्त सोसाइटी अध्यक्ष और व्यवस्थापक जिला कलेक्टर से मिलने पहुंचे। कलेक्टर की व्यवस्तता के कारण, एडीएम सुभाषचंद्र ने लगभग आधा घंटा तक समितियों की बात सुनी और टैगिंग के मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने का आश्वासन दिया। इसके उपरांत अध्यक्ष और व्यवस्थापक गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक संजय गर्ग और कृषि विभाग से अधिकारियों से मिले और उन्हें पूरे घटनाक्रम से अवगत कराते हुए सहयोग की अपेक्षा की।