सहकारिता

सहकारी बैंक कार्मिकों को वेतन समझौते का पूर्ण लाभ दिलाये जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

श्रीगंगानगर, 20 सितम्बर (मुखपत्र)। ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्प्लॉइज यूनियन और ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक ऑफिसर्स ऐसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ज्ञापन प्रेषित कर, सहकारी बैंकों के 16वें वेतन समझौते से वंचित बैंक अधिकारियों एवं कर्मचारियों को समझौते का लाभ दिलाये जाने की मांग की है।

ऑफिसर ऐसोसिएशन के जिला सचिव महेश सिरोही और एम्प्लॉइज यूनियन के जिला सचिव राजेश शर्मा की ओर से प्रेषित ज्ञापन के अनुसार, रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां राजस्थान द्वारा 06.10.2023 को 16वां द्विपक्षीय वेतन समझौता लागू किए जाने के लिए निर्देशित किया गया था। समझौता प्रलेख के बिन्दू संख्या 16 में यह अंकित है कि वेतन समझौतों को लेकर न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों से सम्बन्धित कार्मिकों को 16वें वेतन समझौते का लाभ न्यायालय द्वारा प्रकरणों में निर्णयोपरान्त देय होगा, के सम्बन्ध में विधिक राय लेकर प्रशासनिक विभाग यथा समय वित्त विभाग को निर्णय हेतु प्रेषित करायेंगे। इस बिन्दू के कारण बैंक के कुछ कार्मिकों के सम्बन्ध में बैंक की मंशा इन्हें 16वें वेतन समझौते का लाभ नहीं दिये जाने का उजागर हो रहा है।

ज्ञापन में बताया गया कि राजस्थान के सहकारी बैंकों के कार्मिकों द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर एवं जयपुर के समक्ष याचिका पूर्व की वेतन विसंगति वरिष्ठतम को कनिष्ठतम से कम वेतन प्राप्त होने से सम्बन्धित दायर की गई है, जोकि राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष निर्णय हेतु विचाराधीन है। इन याचिकाओं में बैंक अधिकारियों/कर्मचारियों को 12वें वेतन समझौते में लिपिक वर्ग को देय वेतनमान की वेतन श्रृंखला 2530-10895 का लाभ सही रूप से नहीं मिला है, परन्तु समस्त सहकारी बैंकों में 13वां, 14वां एवं 15वां वेतन समझौता लागू कर दिया गया है, परन्तु 16वें वेतन समझौते के मांगपत्र के बिन्दू पर बनी सहमति के सम्बन्ध में निष्कर्ष में वेतन समझौते की कमेटी द्वारा जो किसी भी यूनियन के मांगपत्र का बिन्दू था ही नहीं, उसको हठधर्मीता से जोड़ते हुए न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों से सम्बन्धित बिन्दू को जोड़ दिया गया।

ज्ञापन के अनुसार, न्यायालय में जो प्रकरण लम्बित हैं, उस पर किसी भी प्रकार का स्टे नहीं है एवं ना ही कर्मचारियों से किसी भी प्रकार की वसूली या आर्थिक दायित्व या जवाब देही निर्धारित होनी है। इसके बावजूद आज तक लगभग 1 साल व्यतीत होने के बाद भी अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु लागू नहीं किया, जिससे काफी आक्रोष है।

ज्ञापन में एक और महत्वपूर्ण बिन्दू का उल्लेख करते हुए बताया गया कि कर्मचारी यूनियन/ऑफिसर ऐसोसिएशन द्वारा 16वें वेतन समझौते के मांगपत्र में पूर्व में देय 15वें वेतन समझौते में प्रदान की गई वेतन वृद्धि तथा इसके साथ अतिरिक्त रूप से दी जाने वाली वृद्धि प्रस्तावित कर 16वें वेतन समझौते हेतु की मांग की गई थी, किन्तु मांग पत्र में प्रस्तावित 16वें वेतन समझौते में बैंक कर्मचारियों/अधिकारियों को मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्था से कोर्स/डिग्री करने पर अतिरिक्त रूप से प्रस्तावित विशेष वेतन वृद्धि दिए जाने पर वित्त विभाग द्वारा सहमति प्रदान नहीं की गई है। जबकि वेतन समझौते की पालना में जिला केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़, जोधपुर, बारां और सवाईमाधोपुर द्वारा 15वें वेतन समझौते में देय लागू पुर्वानुसार शैक्षणिक योग्यता का लाभ दिया गया है।

गंगानगर केन्द्रीय सहकारी बैंक में 15वें वेतन समझौते में पूर्व में प्राप्त देय वेतन वृद्धियों का लाभ भी विलोपित किए जाने हेतु लम्बित रख कर 16वां वेतन समझौता दिया जा रहा। जबकि 16वें वेतन समझौते हेतु अतिरिक्त प्रस्तावति वेतन वृद्धियों को वित्त विभाग द्वारा असहमति जाहिर की गई है। ज्ञापन में बताया गया कि 15वें वेतन समझौते में बैंक कर्मचारियों/अधिकारियों को मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्था से कोर्स/डिग्री करने पर देय विशेष वेतन वृद्धियों का लाभ नहीं हदेकर 16वें वेतन समझौते के विपरीत दूषित रूप से लागू किया जा रहा है। संगठन की ओर से सरकार से मांग की गयी है कि न्यायालय में लम्बित प्रकरण और मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्था से कोर्स/डिग्री से सम्बंधित बिन्दूओं का संज्ञान लिया जाकर कार्मिकों को वेतन समझौते का पूर्ण लाभ दिलाया जाये।

 

 

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