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ब्याज अनुदान एवं ब्याज सहायता का डेटा अपलोड करने की समय सीमा बढायी

नई दिल्ली, 15 सितम्बर (मुखपत्र)। जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समितियों (पैक्स) के माध्यम से किसानों को वितरित किये जाने वाले ब्याजमुक्त अल्पकालीन फसली ऋण के सम्बंध में भारत सरकार की ओर से देय 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान और ब्याज सहायता का डेटा पोर्टल पर अपलोड करने की समय सीमा बढ़ा दी गयी है।

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से 15 सितम्बर 2024 को इस सम्बंध में एक पत्र जारी किया गया है। मंत्रालय की ओर से देश के समस्त राज्य सहकारी बैंकों एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के नाम जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि अल्पकालीन फसली ऋण की एवज में भारत सरकार द्वारा देय ब्याज अनुदान एवं ब्याज सहायता के लिए लाभान्वित किसानों का किसान ऋण पोर्टल (KRP) पर डेटा अपलोड करने की अंतिम तिथि 15 सितम्बर थी, जिसे बढ़ाकर 21 सितम्बर 2024 कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि किसानों को दिये जाने वाले ब्याजमुक्त अल्पकालीन फसली ऋण वितरण की एजव में भारत सरकार से 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान एवं इसके अतिरिक्त ब्याज सहायता प्रदान की जाती है। भारत सरकार ने ब्याज अनुदान और ब्याज सहायता का क्लेम जारी करने के लिए एक पोर्टल केसीसी-आईएसएस (केआरपी) बनाया है, जिस पर देश भर में क्लेम से सम्बंधित सूचनाएं अपलोड की जा रही हैं। चूंकि, अल्पकालीन फसली ऋण का वितरण ग्राम सेवा सहकारी समितियों (पैक्स) के माध्यम से होता है, इसलिए समिति स्तर से ही ऋणी किसानों की सूचनाएं पोर्टल पर अपलोड करायी जा रही हैं।

वर्ष 2022-23 के फसली ऋण का ब्याज अनुदान (इंटरेस्ट सब्वेंशन) एवं समय पर ऋण का चुकारा करने वाले किसानों से सम्बन्धित ब्याज सहायता (पीआरआई) के डाटा/क्लेम किसान ऋण पोर्टल पर अपलोड किये जाने की अंतिम तिथि 15 सितम्बर 2024 थी, जिसे अब 21 सितम्बर कर दिया गया है। है। वर्ष 2023-24 के डाटा/क्लेम अपलोड करने की अंतिम तिथि में बदलाव की सूचना नहीं है, जो कि फिलहाल 15 दिसम्बर 2024 है। निर्धारित तिथि तक समिति से सम्बन्धित समस्त ऋणी कृषकों का डाटा एवं क्लेम अपलोड नहीं किये जाने की स्थिति में भारत सरकार से प्राप्त होने वाली ब्याज अनुदान राशि से वंचित होना पड़ सकता है।

 

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