राज्यसहकारिता

कार्य संस्कृति में सुधार के लिए रजिस्ट्रार एक्टिव मोड पर, आदेश जारी कर अधिकारियों को बतायी उनकी ड्यूटी

जयपुर, 12 फरवरी (मुखपत्र)। मुख्य सचिव सुधांश पंत की सक्रियता के दृष्टिगत सहकारिता विभाग, विशेषकर प्रधान कार्यालय और खंडीय कार्यालयों में कार्य संस्कृति में व्यापक सुधार के लिए सहकारिता रजिस्ट्रार अर्चना सिंह एक्टिव मोड में आ गयी है। विभाग और संस्थाओं में पर्यवेक्षण और निरीक्षण व्यवस्था को चुरुस्त दुरस्त बनाये रखने हेतु रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, अर्चना सिंह ने आदेश जारी कर, समस्त विभागीय अधिकारियों को इसकी पालना सुनिश्चित करने के लिए पाबंद किया है।

रजिस्ट्रार ने खंडीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि अधिनियम अंतर्गत कार्यों, विभागीय योजनाओं, बजट घोषणाओं, केपीआई आदि के अंतर्गत प्रगति की समीक्षा हेतु खंड स्तर पर मासिक बैठकों का आयोजन करें और प्रत्येक बैठक का कार्यवाही विवरण जारी किया जाये। खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रारों को प्रत्येक तीन माह में अपने अधीन कार्यालयों का निरीक्षण कर, निरीक्षण रिपोर्ट जारी करने के लिए पाबंद किया गया है।

कार्य संस्कृति बहाल करने का प्रयास

सहकारिता रजिस्ट्रार अर्चना सिंह ने प्रधान कार्यालय में कार्य संस्कृति में सुधार के लिए समस्त कार्यालय अध्यक्षों को स्वयं के कार्यालय की साप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित कर, बैठक का कार्यवाही विवरण जारी करने और कार्यालय में समय पर उपस्थित होकर, उपस्थिति पंजिका में अपनी व अधिनस्थ स्टाफ की उपस्थिति दर्ज करने के लिए पाबंद किया है। साथ ही, कार्यालय समय में अध्यक्ष व स्टाफ की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये भी कहा है। रजिस्ट्रार ने समस्त फंक्शनल अधिकारियों को पाबंद किया है कि वे अनुभाग स्तर पर इस आदेश की पालना सुनिश्चित करवायें।

साल में खत्म हो गयी कार्य संस्कृति

उल्लेखनीय है कि पिछले सवा साल में, सहकारिता मुख्यालय से लेकर, निचले पायदान तक, वर्क कल्चर में भारी गिरावट और शिथिलता देखने को मिली। पर्यवेक्षण के अभाव में हालात इस कदर खराब हो गये थे कि प्रधान कार्यालय से जारी आदेश का निचले स्तर पर क्या अंजाम हुआ, किसी ने सुध नहीं ली। दूसरी ओर, निचले स्तर पर विभागीय कार्यालयों या सहकारी संस्थाओं द्वारा प्रधान कार्यालय से जब किसी प्रकरण में मार्गदर्शन मांगा जाता, जो नियमानुसार कार्यवाही करें का उत्तर देकर टरकाऊ व्यवस्था खड़ी कर दी गयी। इस अव्यवस्था के चलते इकाई कार्यालयों से लेकर खंडीय कार्यालयों और प्रधान कार्यालय में अनेक पत्रावलियां लम्बित हो गयी।

जनप्रतिनिधियों को पूरी तजज्जो मिले

रजिस्ट्रार ने अधिकारियों को आदेशित किया है कि जनप्रतिनिधयों को पूरा महत्व दिया जाये। मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव, शासन सचिव और जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों का 7 दिवस में निस्तारण कर, सम्बंधित को सूचित किया जाये।

गौरतलब है कि मुख्य सचिव सुधांश पंत ने राजकीय कार्यालयों में कार्य संस्कृति में सुधार के लिए 3 जनवरी को समस्त उच्चाधिकारियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें कार्य संस्कृति में सुधार के लिए राजकीय कार्यालयों में कार्मिकों की समय पर उपस्थिति और वर्क पेंडेंसी को लेकर व्यापक दिशा-निर्देश दिये गये थे।

 

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