ये है सहकारिता की शक्ति! को-ऑपेरटिव एक्ट में जमीन की रजिस्ट्री शून्य घोषित, सहकारी बैंक का कर्ज चुकाये बिना नामी कॉलोनाइजर को बेच दी थी कृषि भूमि
कॉलोनाइजर मुकेश शाह की रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम सवा दो साल पुराना विक्रय विलेख और जमीन की रजिस्ट्री शून्य घोषित
बीकानेर, 13 नवम्बर (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग द्वारा सहकारी अधिनियम अंतर्गत ऐतिहासिक कार्यवाही करते हुए श्रीगंगानगर के एक बड़े कॉलोनाइजर मुकेश शाह से सम्बद्ध रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आवासीय कॉलोनी विकसित करने के उद्देश्य से क्रय की गयी कृषि भूमि की रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया गया है। इस कृषि भूमि को गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की सुखाडिय़ा सर्किल शाखा में रहन रख कर, 20 लाख रुपये का लिमिट लोन लिया गया था, जिसे ऋणी ने चुकाये बिना ही, साल 2022 में रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड (जरिये डायरेक्टर मुकेश शाह) को बेच दिया गया था और कृषि भूमि की रजिस्ट्री खरीदार के नाम करवा दी गयी थी। सहकारिता विभाग के खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, बीकानेर खंड, बीकानेर राजेश टाक की ओर से, दोनों पक्षों को सुनवाई को मौका दिये जाने के बाद, 8 नवम्बर 2024 को राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2001 की धारा 39(ग) के अन्तर्गत रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया गया।
मामले के अनुसार, चक 6 जैड, श्रीगंगानगर निवासी सर्वजीत कौर पत्नी सतनाम सिंह एवं उसके पुत्र जगमन सिंह द्वारा चक 6 जैड, पटवार हलका रामनगर तहसील श्रीगंगानगर में स्थित 2.007 हैक्टेयर नहरी कृषि भूमि, जो पुरानी आबादी क्षेत्र में मियों की ढाणी से भरतनगर की ओर जानी वाली सडक़ पर स्थित है, में से 2.05 हैक्टेयर कृषि भूमि 11 अगस्त 2020 को रिद्धी-सिद्धी होम डवल्पर्स प्रा. लि. जरिए डायरेक्टर मुकेश शाह पुत्र शिव प्रसाद शाह को लगभग 96 लाख रुपये में बेच दी गयी थी। इस कृषि भूमि की रजिस्ट्री करवाते समय जगमन सिंह व उसकी मां सर्वजीत कौर की ओर से यह तथ्य अंकित किया गया कि उपरोक्त कृषि भूमि पर किसी भी बैंक, सरकार, वित्तीय संस्थान, न्यायालय, पुलिस विभाग या अन्य किसी भी प्रकार के सरकारी, गैर-सरकारी एवं निजी विभाग का या किसी व्यक्ति विशेष का किसी भी प्रकार का कोई ऋण, रहन, गारंटी, लिमिट या प्रतिभूमि भार शेष नहीं है। जबकि जगमन व उसकी मां सर्वजीत कौर द्वारा 10 जुलाई 2017 को इस भूमि का गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक के पक्ष में प्रत्याभूति निष्पादन करते हुए 12 जुलाई 23017 को सुखाडिय़ा सर्किल शाखा से सहकार किसान कल्याण योजनान्तर्गत कृषि ऋण लिया गया था और जिस समय यह कृषि भूमि रिद्धि-सिद्धि होम डवल्पर्स प्रा. लि. को बेची गयी, उस समय जगमन सिंह और सर्वजीत कौर, दोनों की ओर बैंक का लाखों का कर्ज बकाया था।
समय पर ऋण का चुकारा नहीं करने पर 2 मई 2024 तक यह कर्ज बढक़र 35 लाख 61 हजार 446 रुपये हो गया और जगमन सिंह से ऋण की वसूली के प्रयास के बीच, जब बैंक अधिकारियों के संज्ञान में आया कि उनके बैंक में गिरवी रखी गयी, कृषि भूमि को बैंक का कर्ज चुकाये बिना, जगमन सिंह एवं सर्वजीत कौर ने रिद्धि-सिद्धि होम डवल्पर्स प्रा. लि. को बेच दिया है, तब बैंक के प्रबंध निदेशक संजय गर्ग द्वारा राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 के तहत कार्यवाही के लिए यह प्रकरण खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, खंड बीकानेर, बीकानेर को प्रेषित कर दिया गया।
इस मामले में कार्यावही शुरू करते हुए खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, बीकानेर राजेश टाक ने 28 अगस्त 2024 को जगमन सिंह, सर्वजीत कौर एवं रिद्धि-सिद्धि होम डवल्पर्स प्रा. लि. जरिये डायरेक्टर मुकेश शाह को राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 39(ग) के अंतर्गत नोटिस जारी कर, 12 सितम्बर 2024 तक स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। धारा 39(ग) के अनुसार, ‘कोई भी सदस्य खण्ड (क) के अधीन की गई घोषणा में विनिर्दिष्ट स्थावर सम्पत्ति को पूर्णत: या उसके किसी भाग को तब तक अन्य संक्रांत नहीं करेगा, जब तक सदस्य द्वारा उधार ली गयी सम्पूर्ण रकम का, उस पर के ब्याज सहित संदाय पूर्ण रूप से न कर दिया जाये और इस खण्ड के उल्लंघन में किया गया सम्पत्ति का कोई भी अन्य संक्रामण शून्य होगा।’
दोनों पक्षों की ओर से निर्धारित समय पर जवाब प्रस्तुत कर, ऋण एवं जमीन की रजिस्ट्री बाबत स्थिति स्पष्ट करते हुये प्रकरण को खारिज किये जाने की मांग की, साथ ही बैंक पर मिथ्या दोषारोपण का आरोप लगाया गया। जगमन सिंह एवं सर्वजीत कौर द्वारा डाक के माध्यम से प्रस्तुत संयुक्त स्पष्टीकरण तथा रिद्धि सिद्धि की ओर से भी डाक द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण, जिसमें बैंक अधिकारियों पर गंभीर आक्षेप लगाये गये, के आधार पर खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार द्वारा गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक से अपना पक्ष एवं तथ्य प्रस्तुत करने के लिए कहा गया, जिस पर बैंक ने अपने जवाब में जगमन सिंह, सर्वजीत कौर एवं रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्रा. लि. की ओर से प्रस्तुत जवाब में अंकित तथ्यों को मिथ्य एवं आधारहीन बताया गया।
दोनों पक्षों की ओर से प्रस्तुत उत्तर एवं तथ्यों का अवलोकन करने के पश्चात, खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, बीकानेर द्वारा राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 के अध्याय 6 ‘सहकारी सोसाइटियों के विशेषाधिकार’ की धारा 39(ग) में दिये गये प्रावधानों के अनुसार एवं सहकारिता विभाग, राजस्थान सरकार, जयपुर द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 13.03.2024 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रथम पक्षकार विक्रेता (जगमन सिंह एवं सर्वजीत कौर) एवं द्वितीय पक्षकार क्रेता (रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड, जरिये डायरेक्टर मुकेश शाह) के मध्य कृषि भूमि चक 6 जैड, खाता संख्या 71/9 की 2.579 हैक्टेयर भूमि में से 2.007 हैक्टेयर भूमि का दिनांक 04.08.2020 को किया गया विक्रय विलेख तथा दिनांक 10.08.2020 को उप पंजीयक, श्रीगंगानगर में प्रस्तुत आवेदन रसीद संख्या 202002103017863 के क्रम में दिनांक 11.08.2020 को पुस्तक संख्या 1 जिल्द संख्या 1476 में पृष्ठ संख्या 192 क्रम संख्या 202003103103477 पर पंजीबद्ध एवं अतिरिक्त पुस्तक संख्या 1 जिल्द संख्या 3395 के पृष्ठ संख्या 440 से 450 पर चस्पा कर दिनांक 11.08.2020 को किए गए पंजीकरण को शून्य घोषित कर दिया गया। (समाचार में प्रदर्शित चित्र प्रतीकात्मक है और रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्रा.लि. द्वारा विकसित एक कॉलोनी का है।)