राज्यसहकारिता

पोकरण की सहकारी सोसाइटियों में गबन-घोटालों का मुद्दा विधानसभा में गूंजा, क्या जैसलमेर सहकारी बैंक की पोकरण ब्रांच तक आयेगी जांच की आंच?

जयपुर, 16 जुलाई (मुखपत्र)। पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी द्वारा जैसमलेर जिले के पोकरण विधानसभा क्षेत्र में सहकारी सोसाइटियों में गबन-घोटालों के माध्यम से किसानों का हक मारने का मुद्दा उठाये जाने के बाद, पोकरण फाइल फिर से खुलने की संभावना है।

विधायक ने पोकरण क्षेत्र की सहकारी सोसाइटियों द्वारा किसान के नाम पर फर्जी ऋण उठाने और वित्तीय गड़बड़ी की आशंका जताते हुए जांच करवाये जाने का आग्रह किया। पोकरण राजस्थान का दुर्गम मरुस्थल वाला विधानसभा क्षेत्र है, जो जैसलमेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के क्षेत्राधिकार में आता है। मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान महंत प्रतापपुरी ने पोकरण विधानसभा क्षेत्र की मुख्य मांगों व जनसमस्याओं को सदन के समक्ष रखा। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार और सहकारी समितियों द्वारा किसानों का हक मारने, किसानों के नाम पर सोसाइटियों में गबन व विृत्तीय गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए, राज्य सरकार की एजेंसी से जांच करवाये जांच का अनुरोध किया।

विधायक प्रतापपुरी की ओर से जिस गंभीरता के साथ विधानसभा में पोकरण क्षेत्र की सहकारी सोसाइटियों में गबन-घोटाले का मुद्दा उठाया गया, उससे प्रतीत होता है कि वे इसे लेकर फिक्रमंद है। यदि सहकारी सोसाइटियों में हुए घोटाले की जांच होती है, तो जांच की आंच जैसलमेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की पोकरण ब्रांच तक भी आयेगी, जिसके अंदर करोड़ों रुपये के कई एफडीआर घोटालों का विशाल कब्रिस्तान है, लेकिन बैंक प्रबंधन की संदिग्ध खामोशी का इत्र इन घोटालों की सड़ांध को बाहर नहीं आने देना चाह रहा और बैंक प्रबंधन का यह कृत्य आरोपितों के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहा है।

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