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पीएम किसान सम्मान निधि के डबल भुगतान का मामला विधानसभा में गूंजेगा, पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने एक दर्जन से अधिक सवाल पूछे

जयपुर, 19 जुलाई (मुखपत्र)। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त के डबल भुगतान को लेकर हुई घोर लापरवाही के चलते राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (APEX BANK), जयपुर के 14 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि 70 हजार लाभार्थी किसानों के बचत खातों में फंस गयी है, जो कि जोधपुर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड और बाड़मेर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के खाताधारक हैं। इस प्रकरण में, राशि की रिकवरी और दोषियों पर कार्रवाई को लेकर बैंक प्रबंधन एवं सहकारिता विभाग की उदासीनता, राज्य विधानसभा में सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। पक्ष-विपक्ष के कई विधायकों ने विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर प्रश्न तीखे पूछे हैं। सवाल पूछने वालों में डेगाना विधायक अजय सिंह किलक (पूर्व सहकारिता मंत्री), बायतु विधायक हरीश चौधरी, शाहपुरा (जयपुर) विधायक मनीष यादव, आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित, शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़, मारवाड़ जंक्शन विधायक केसाराम चौधरी, लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, केकड़ी विधायक शत्रुघ्न गौतम आदि की ओर से पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं। दिलचस्प ये है कि प्रश्न पूछने वाले अधिकांश विधायक सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के हैं।

पूर्व सहकारिता मंत्री अजयसिंह किलक ने सीधा सवाल दागा है कि राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (अपेक्स बैंक) द्वारा 70 हजार किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का डबल भुगतान किया गया है, इस प्रकरण में कौन-कौन लोग दोषी ठहराये गये हैं? सरकार इस प्रकरण को किस प्रकार दुरुस्त करेगी और भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए क्या कार्ययोजना तैयार की गयी है? अजय सिंह के इस तारांकित सवाल को 28 जून 2024 को पंजीकृत किया गया, जिस पर सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक को विधानसभा में उत्तर देना होगा।

बायतु विधायक हरीश चौधरी ने पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त के डबल भुगतान को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करने के लिए तीखे सवाल पूछे हैं। चौधरी ने पूछा है कि पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त के डबल भुगतान के पश्चात, अपेक्स बैंक द्वारा बाड़मेर, बालोतरा और जोधपुर जिले के कितने लाभार्थी किसानों के सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंकों में संचालित खातों में लेन-देन पर रोक लगायी गयी है? विधायक ने सवाल किया कि, चूंकि ब्याजमुक्त अल्पकालीन फसली ऋण का चुकारा करने की अंतिम तिथि 30 जून 2024 थी, ऐसे में जिन किसानों के बैंक खातों पर लेन-देन को लेकर रोक लगायी है, वे यदि 30 जून तक ऋण नहीं चुका पाये तो ऐसे किसानों ऋण खातों पर लगने वाली पैनल्टी और ब्याज का भार कौन वहन करेगा?

विधायक चौधरी ने अपेक्स बैंंक द्वारा फ्रीज किये गये खातों को मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि से जोड़ते हुए एक और प्रश्न किया है कि ऐसे कितने खाते हैं, जिनका फ्रीत किये जाने के कारण, उनमें मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि जमा नहीं हो पायी है? विधायक ने किसानों को सूचित किये बिना उनके बचत बैंक खाते फ्रीज करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों पर की गयी कार्यवाही को लेकर भी सवाल किया है। विधायक हरीश चौधरी के ये तारांकित प्रश्न 3 जुलाई 2024 को पंजीकृत हुए हैं, जिन पर सहकारिता राज्यमंत्री को विधानसभा में उत्तर पेश करना है।

अब तक कोई एक्शन नहीं

यहां उल्लेखनीय है कि पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त के डबल भुगतान के मामले को ठीक एक माह बीत गया है, लेकिन सरकार, अपेक्स बैंक या सहकारिता विभाग की ओर से अभी तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। यहां तक कि राज्य सरकार, सहकारिता विभाग या बैंक प्रबंधन ने अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि जिन 70 हजार किसानों के बैंक खातों में 14 करोड़ रुपये का डबल भुगतान हो गया है, उनमें से कितने किसानों से कितनी राशि वसूल की जा चुकी है और शेष राशि की वसूली के लिए बैंक स्तर पर क्या प्रयास हो रहे हैं। इस प्रकरण की रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, राजस्थान के आदेश पर एक जांच भी करवायी गयी है, हालांकि, जांच टीम में अपेक्स बैंक में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत, कार्यवाहक प्रबंध निदेशक धन सिंह देवल भी शामिल किया गया, जो कि मूल रूप से अपेक्स बैंक में ही महाप्रबंधक (आई.टी.) के पद पर प्रतिनियुक्त हैं। आईटी सैल के मोनेटरिंग लैप्स के कारण ही इतना बड़ा बखेड़ा खड़ा हुआ है।

जांच रिपोर्ट भी ठण्डे बस्ते में

सहकारिता रजिस्ट्रार द्वारा करवायी गयी जांच की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किये सप्ताह भर का समय हो गया है, लेकिन इस पर भी अब तक कोई डिसिपलिनरी एक्शन नहीं हुआ। आईटी सैल के सभी बड़े अधिकारी, जीएम, डीजीएम, एजीएम आदि जस के तस कार्यरत हैं। पक्ष-विपक्ष के विधायकों के तीखे सवाल भी देवल या अन्य अफसरों की कुर्सी डिगा नहीं पाये हैं। फिलहाल सहकारिता विभाग और अपेक्स बैंक प्रबंधन का सारा ध्यान डबल भुगतान के दोषियों को दंडित करने और करोड़ रुपये की रिकवरी करने की अपेक्षा, किसानों पर भारी-भरकम प्रीमियम का बोझ डालने वाली राज सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजना और राज सहकार दुर्घटना बीमा योजना के टेंडर फाइनल करने में लगा है। विभाग का मानस है कि ये टेण्डर, प्रतिनियुक्ति पर अपेक्स बैंक में कार्यरत, कार्यवाहक प्रबंध निदेशक धन सिंह देवल के रहते फाइनल करवा लिये जायें, जो कि 31 जुलाई 2024 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। हालांकि, नियमानुसार, सेवानिवृत्त होने वालेेेेेेेेेेेेेेेेे अधिकारी को सेवानिवृत्ति से कम से कम एक माह पहले, प्रतिनियुक्ति रद्द कर, मूल विभाग में वापिस बुला लेना चाहिये था।

जिम्मेदारों के पास कोई उत्तर नहीं

इधर, ‘मुखपत्र’ की ओर से अपेक्स बैंक की प्रशासक एवं सहकारिता विभाग की शासन सचिव शुचि त्यागी, अपेक्स बैंक में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कार्यवाहक प्रबंध निदेशक एवं मूलरूप से जीएम (आई.टी.) धन सिंह देवल और डीजीएम (आई.टी.) पीयूष जी. नारायण से वर्तमान स्थिति को लेकर सवाल पूछने के लिए उनके मोबाइल फोन पर सम्पर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। इसके उपरांत तीनों को सवाल व्हाट्सएप द्वारा मैसेज से भेजे गये, लेकिन किसी ने कोई उत्तर नहीं दिया। सवालों के स्क्रीन शॉट ‘मुखपत्र’ के पास सुरक्षित हैं। सहकारिता मंत्री के विधानसभा की कार्यवाही में व्यस्त होने के कारण, उनसे सम्पर्क स्थापित नहीं हो पाया।

 

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