राज्यसहकारिता

सहकारिता विभाग ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना में अपात्र लाभार्थी किसानों से वसूली शुरू की

जयपुर, 5 अगस्त (मुखपत्र)। चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने सोमवार को राज्य विधान सभा में बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अपात्र आवेदकों का अवैध सत्यापन कर राशि हस्तांतरण के प्रकरण में सहकारिता विभाग द्वारा वसूली की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही, इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए विभाग ई-केवाईसी के माध्यम से एक नया सिस्टम भी शुरु कर रहा है।

शून्यकाल में शाहपुरा विधायक मनीष यादव द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाये गए मामले पर जवाब देते हुए खींवसर ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) ने 9 जुलाई 2024 को पुलिस अधीक्षक, जयपुर ग्रामीण को इस केस को वापस खोलने के निर्देश दिए हैं और मामले की पुन: जांच करवाई जा रही है

इससे पहले, चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना वर्ष 2019 में लॉन्च की गई थी। योजना के अंतर्गत किसानों को 6000 रुपये प्रतिवर्ष दिए जाने का प्रावधान है। इसके लिए ई-मित्र और कस्टमर सर्विस सेंटर के जरिये ऑनलाइन आवेदन होते थे तथा आरआई और तहसीलदार इनका सत्यापन करते थे। वर्ष 2020 में 2442 किसानों ने अवैध सत्यापन के जरिए राशि प्राप्त की। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जनवरी, 2022 में इस सम्बन्ध में शाहपुरा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी, जिसमें पुलिस ने 27 फरवरी 2023 को एफआर लगा दी।

खींवसर ने बताया कि 19 अक्टूबर 2020 को सहकारिता विभाग द्वारा जिला कलक्टर को पत्र लिखा गया था, जिसके बाद दिल्ली से आई पीएम किसान सम्मान निधि योजना की तकनीकी टीम ने माना था कि प्रकरण में हैकिंग नहीं हुई है, बल्कि ओटीपी का गलत उपयोग किया गया है। उन्होंने बताया कि 15 दिसम्बर 2021 को सभी तहसीलदारों को जिला कलक्टर द्वारा रिकवरी के लिए पत्र लिखा गया था।

error: Content is protected !!