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खराब CIBIL रेटिंग वाले बैंक कर्मचारी की नियुक्ति रद्द करना उचित – हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने प्रतिकूल क्रेडिट रिकार्ड वाले कार्मिक की नियुक्ति रद्द करने का एसबीआई का निर्णय बरकरार रखा

चेन्नई, 28 जून। मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा पारित उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें सिबिल रिपोर्ट में प्रतिकूल क्रेडिट इतिहास के आधार पर एक व्यक्तिकी नियुक्ति रद्द कर दी गई। जस्टिस एन माला ने कहा कि बैंकिंग व्यवसाय में वित्तीय अनुशासन की आवश्यकता होती है, क्योंकि कर्मचारी सार्वजनिक धन से संबंधित होते हैं। खराब वित्तीय अनुशासन वाले व्यक्तिपर सार्वजनिक धन से संबंधित कार्य करने का भरोसा नहीं किया जा सकता, इसलिए बैंक का यह मानना सही था कि प्रतिकूल सिबिल वाले व्यक्तिनियुक्तिके लिए अयोग्य हैं।

न्यायालय ने कहा, ‘यहां एक और पहलू जिसका उल्लेेख किया जाना चाहिए, वह यह है कि बैंक ने यह विवेकपूर्ण निर्णय लिया कि ऋण चुकाने में चूक करने वाले और प्रतिकूल सिबिल तथा अन्य बाहरी एजेंसियों की रिपोर्ट वाले उम्मीदवार अयोग्य हैं। उक्त मानदंड के पीछे संभावित तर्क यह हो सकता है कि बैंकिंग व्यवसाय में कर्मचारी सार्वजनिक धन से संबंधित कार्य करते हैं। इसलिए वित्तीय अनुशासन को सख्ती से बनाए रखने की आवश्यकता है। इसके अलावा सार्वजनिक धन से संबंधित कार्यकुशलता होनी चाहिए। जाहिर है कि खराब/या बिना वित्तीय अनुशासन वाले व्यक्ति पर सार्वजनिक धन से संबंधित कार्य करने का भरोसा नहीं किया जा सकता है।

प्रतिकूल क्रेडिट रिपोर्ट के आधार पर रद्द की गयी नियुक्ति

अदालत एक ऐसे उम्मीदवार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसकी नियुक्ति प्रतिकूल क्रेडिट रिपोर्ट के आधार पर रद्द कर दी गई। उन्होंने प्रस्तुत किया कि उन्होंने सर्किल बेस्ड ऑफिसर (सीबीओ)के पद के लिए आवेदन किया और आवश्यक मानदंडों को पूरा किया। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि उन्होंने परीक्षा, इंटरव्यू, मेडिकल जांच, सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन और सिबिल और अन्य दस्तावेज़ सत्यापन को सफलतापूर्वक पास कर लिया था। 16 मार्च, 2021 को नियुक्ति पत्र जारी किया गया था।

याचिकाकर्ता ने दिये ये तर्क

याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि उनकी सिबिल रिपोर्ट 12 मार्च, 2021 को ली गई, 16 मार्च, 2021 को अधिकारियों द्वारा सत्यापित की गई और उन्हें सिबिल रिपोर्ट पर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। हालांकि उन्होंने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया और बैंक से उन्हें ड्यूटी जारी रखने की अनुमति देने का अनुरोध किया, बैंक ने उनकी नियुक्ति रद्द करते हुए रद्दीकरण आदेश जारी कर दिया।

उन्होंने तर्क दिया कि अधिसूचना की तिथि पर उनके पास लोन/क्रेडिट के पुनर्भुगतान में कोई बकाया या प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं थी और उन्होंने सभी ऋण चुका दिए। उन्होंने कहा कि उन्हें सिबिल रिपोर्ट या किसी अन्य एजेंसी द्वारा डिफॉल्टर घोषित नहीं किया गया। इस प्रकार, क्लॉज 1(ई) (पात्रता मानदंड) का हवाला देकर उनकी नियुक्तिरद्द करने का आदेश अवैध था और इसे रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिसूचना की तिथि पर डिफॉल्ट करने वाले समान उम्मीदवारों को नियुक्तिदी गई, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसमें भेदभाव था।

खराब सिबिल वाले उम्मीदवार नियुक्ति के पात्र नहीं

बैंक ने प्रस्तुत किया कि पात्रता मानदंड के अनुसार, लोन चुकाने में चूक करने वाले सिबिल और अन्य बाहरी एजेंसियों की प्रतिकूल रिपोर्ट वाले उम्मीदवार नियुक्तिके लिए पात्र नहीं थे। बैंक ने तर्क दिया कि चूंकि याचिकाकर्ता की सिबिल रिपोर्ट में लोन चुकाने और क्रेडिट कार्ड के उपयोग में प्रतिकूल क्रेडिट इतिहास का पता चला है, इसलिए उन्हें पात्रता मानदंड के क्लॉज 1(ई) के तहत अयोग्य पाया गया।

यह दावा करते हुए कि याचिकाकर्ता ने महत्वपूर्ण जानकारी को दबाया था, बैंक ने तर्क दिया कि उसे सेवा जारी रखने का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है। भेदभाव के संबंध में बैंक ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता का मामला अलग है, क्योंकि उसने एक से अधिक किस्तों का भुगतान नहीं किया। न्यायालय ने कहा कि पात्रता मानदंड के अनुसार, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि बिना किसी चूक के लोन के पुनर्भुगतान का स्पष्ट रिकॉर्ड बनाए रखना आवश्यक है।

भेदभाव का आरोप भी खारिज

बैंक द्वारा प्रस्तुत सिबिल रिपोर्ट को देखते हुए न्यायालय ने पाया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ 9 अनियमित ऋण सुविधाएं और 10 से अधिक लोन जांच थीं। न्यायालय ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने लोन के पुनर्भुगतान में चूक करने की बात भी स्वीकार की है। न्यायालय ने भेदभाव के तर्क को भी खारिज कर दिया और कहा कि केवल उन्हीं उम्मीदवारों को नियुक्तिदी गई, जिन्होंने आवश्यक मानदंड पूरे किए हैं। इस प्रकार, कोई योग्यता नहीं पाते हुए, न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया। (केस : पी. कार्तिकेयन विरुद्ध जनरल मैनेजर एवं अन्य)(साभार: लाइवलॉ)

 

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