पैक्स कम्प्यूटराइजेशन प्रोजेक्ट की धीमी गति पर शासन सचिव ने जतायी चिंता, कलेक्टरों को लिखा अर्द्धशासकीय पत्र
जयपुर, 3 अगस्त (मुखपत्र)। भारत सरकार द्वारा प्रवर्तित पैक्स कम्प्यूटरीकरण परियोजना (PACS computerization project) की राजस्थान में धीमी गति पर सहकारिता विभाग की शासन सचिव (Government Secretary) शुचि त्यागी (Shuchi Tyagi IAS) ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। राज्य में 5476 पैक्स (Pacs) यानी ग्राम सेवा सहकारी समितियों का कम्प्यूटरीकरण किया जाना है, परन्तु साल भर से जारी यह परियोजना अपेक्षा के अनुकूल प्रगति नहीं कर पायी है। नोडल बैंक (राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड, जयपुर) के तकनीकी अनुभाग की पर्यवेक्षणीय उदासीनता के कारण, पिछले दो महीने से पैक्स कम्प्यूटरीकरण की रफ्तार मंद पड़ गयी है। भारत सरकार, राजस्थान सरकार और नाबार्ड के वित्तीय सहयोग से देशभर में 60 हजार प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटीज (Pacs) का कम्प्यूटराइजेशन कराया जा रहा है।
शासन सचिव शुचि त्यागी ने, प्रदेश के उन समस्त जिला कलेक्टर्स, जो जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) के प्रशासक की जिम्मेदारी का निर्वहन भी कर रहे हैं, को अर्द्धशासकीय पत्र (D.O. Letter) लिख कर, पैक्स कम्प्यूटरीकरण में सहयोग की अपेक्षा की है।
पत्र में बताया गया है कि भारत सरकार के निर्देशानुसार, 31 अगस्त 2024 तक हर हाल में समस्त पैक्स को गो-लाइव (Go-Live) किया जाना है जबकि राजस्थान में अंतिम समीक्षा बैठक तक केवल 1268 समितियों को ही गो-लाइव किया जा सका है, जो कि कुल लक्ष्य का एक चौथाई से भी कम है।
शासन सचिव की ओर से जिला कलेक्टरों (प्रशासक, डीसीसीबी) को प्रेषित अर्द्धशासकीय पत्र में उनके क्षेत्राधिकार वाली पैक्स के एफएचआर, एफपीआर, लॉगिन रिसीवड, डीसीसी कम्प्लीट, ईआरपी ट्रायल रन और ईआरपी सॉफ्टवेयर पर गो-लाइव के आंकड़ों के साथ, जिले में पैक्स कम्प्यूटरीकरण की स्थिति से अवगत कराते हुए यह अपेक्षा की है कि वे भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप, इस महत्ती कार्य को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करवाने के लिए सम्बंधित को आदेशित करें। पत्र में इस बात पर अफसोस व्यक्त किया गया कि जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक को बार-बार निर्देशित किये जाने के बावजूद भी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अपेक्षित प्रयास एवं प्रभावी कार्यवाही नहीं की गयी।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में राज्य की कुल 7783 पैक्स, लैम्पस (Lamps) हैं। साल 2022-23 में इनमें से 5476 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को कम्प्यूटरीकरण के लिए चिहिन्त किया गया था। यह परियोजना पूर्ण होने के पश्चात, देश के समस्त पैक्स सीधे सम्बंधित जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड (DCCB), राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (StCB) और नाबार्ड (NABARD) से जुड़ जायेंगे। ये तीनों संस्थान, ऑनलाइन ही किसी भी पैक्स की मोनेटरिंग कर सकेंगे। इससे पैक्स के कामकाज में एकरूपता के साथ-साथ पारदर्शिता आयेगी और सहकारी सोसाइटियों में होने वाले गबन-घोटालों व वित्तीय अनियमितताओं पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाया जाना संभव हो सकेगा।