मुखपत्र

व्यवसाय विविधिकरण से ही सहकारी समितियों की आर्थिक सक्षमता सम्भव

बाड़मेर, 21 मार्च (मुखपत्र)। राजस्थान सहकारी शिक्षा एवं प्रबंध संस्थान (RICEM) जयपुर द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अंतर्गत शुक्रवार को बाड़मेर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के प्रधान कार्यालय में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप रजिस्ट्रार राजकुमार शर्मा ने ग्राम सेवा सहकारी समितियां को अल्पकालीन ऋण के अलावा कॉमन सर्विस सेंटर, जन औषधि केंद्र, किसान समृद्धि केंद्र, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, डेयरी कार्य, मसाला पैकिंग सहित विभिन्न प्रकार के कार्यों को अपना कर व्यवसाय विविधकरण के लिए प्रेरित किया, जिससे समितियों के लाभदेयता में वृद्धि की जा सके।

उप रजिस्ट्रार, बाड़मेर पताराम ने कहा कि पैक्स कंप्यूटरकरण अंतर्गत सभी समितियां गो लाइव के लक्ष्य पूरे करें तथा दैनिक रूप से डाटा एंट्री पूर्ण कर वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक ऑनलाइन ऑडिट कार्य पूर्ण करें। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक महेंद्र सिंह उमट ने कहा कि सरकार से समृद्धि अंतर्गत समितियां विभिन्न प्रकार के नवाचारों को अपना कर व्यवसाय विविधिकरण करें जिससे लाभदेयता को बढ़ाने के साथ-साथ कृषकों, पशुपालकों आदि को समिति स्तर पर विभिन्न सेवाओं व उत्पादों का लाभ मिल सके।

बैंक के अधिशासी अधिकारी हरिराम पूनिया, मुख्य प्रबंधक अमराराम चौधरी ने बताया कि व्यवसाय विविधिकरण से ही सरकारी समितियां आर्थिक रूप से सक्षम हो सकती है। सभी समितियां नवाचारों को अपनाकर सक्षम बने। सभी समितियां ऋण वसूली के शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण करें। कार्यक्रम का संचालन प्रबंधक दिनेश बंसल ने किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में बैंक से सम्बद्ध 100 से अधिक ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापक/सहायक व्यवस्थापक सम्मिलित हुए।

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