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मुकेश शाह की रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स को सहकारिता विभाग का नोटिस, बैंक के नाम रहन दर्ज कृषि भूमि खरीदने का आरोप

सहकारिता विभाग ने रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स के नाम दर्ज रजिस्ट्री को शून्य घोषित करवाने की प्रक्रिया शुरू की

श्रीगंगानगर, 31 अगस्त (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग ने रिद्धि-सिद्धि होम डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (डायरेक्ट मुकेश शाह) द्वारा गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक के डिफाल्टर ऋणी से खरीदी गयी कृषि भूमि को पुन: बैंक के नाम रहन दर्ज कराने की कार्यवाही आरम्भ कर दी गयी है। हालांकि, इस भूमि का इंतकाल रिद्धि-सिद्धि होम डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड जरिये डायरेक्ट मुकेश शाह के नाम दर्ज हो चुका है, तथापि, राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम के प्रावधान के अनुसार, रजिस्ट्री को निरस्त करवाकर, शून्य घोषित कराने एवं पुन: बैंक के नाम रहन दर्ज करवाने के लिए मुकेश शाह सहित जमीन बेचान करने वाले कर्जदार मां-पुत्र को नोटिस जारी कर, अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। यह भूमि चक 6 जैड में स्थित है, जिस पर मुकेश शाह अपनी नई आवासीय कालोनी विकसित कर रहे हैं।

सहकारिता विभाग के खंडीय अतिक्ति रजिस्ट्रार, बीकानेर की ओर से रिद्धि-सिद्धि होम डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्ट मुकेश शाह के अलावा, कृषि भूमि का बेचान करने वाले दो ऋणियों – सर्वजीत कौर और उसके पुत्र जगमन सिंह निवासी 6 जैड को राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 की धारा 39(ग) के तहत नोटिस जारी किया गया है। 12 सितम्बर 2024 तक अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। यह मामला गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की सुखाडिय़ा सर्किल ब्रांच से जुड़ा है।

गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक प्रबंधन द्वारा 10 जून 2024 को एक पत्र द्वारा खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार को प्रकरण से अगवत कराया गया था। सुखाडिय़ा सर्किल ब्रांच द्वारा जगमन सिंह पुत्र सतनाम सिंह एवं श्रीमती सर्वजीत कौर पत्नी सतनाम सिंह निवासी 6 जैड, श्रीगंगानगर को जिस कृषि भूमि पर 20 लाख रुपये का कर्ज दिया गया था, उस भूमि का दोनों कर्जदार मां-पुत्र ने, बैंक का कर्ज चुकाये बिना मुकेश शाह की रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया था। यह नहरी कृषि भूमि चक 6 जैड, पटवार हल्का रामनगर, भू.अभि. नि. क्षेत्र रामनगर, तहसील श्रीगंगानगर में खाता संख्या 71/9 के मुरबा नम्बर 81 किला नम्बर 01, 02, 09, 10, 11, 12, 19, 20, 21, 22 में कुल रकबा 2.579 है, जिस पर मुकेश शाह नई कालोनी डवल्प करने वाले हैं।

नोटिस के अनुसार, उक्त भूमि बैंक को पक्ष में प्रत्याभूति निष्पादन करते हुए सहकार किसान कल्याण योजनान्तर्गत कृषि ऋण उपलब्ध करवाया गया था। बैंक द्वारा सर्वजीत कौर और जगमन सिंह द्वारा 20 लाख रूपये का ऋण 12 जुलाई 2017 को स्वीकृत किया गया। इस भूमि को बैंक द्वारा 10 जुलाई 2017 को उप पंजीयक, श्रीगंगानगर की पुस्तक संख्या 1 जिल्द संख्या 1349 में पृष्ठ संख्या 113, क्रम संख्या 201703103103195 पर पंजीबद्ध किया गया तथा अतिरिक्त पुस्तक सख्या 1 जिल्द संख्या 8886 के पृष्ठ संख्या 89 से 92 पर चस्पा किया गया, के अनुसार बतौर रहन दर्ज किया गया। समय पर लोन की किश्त का चुकारा नहीं करने के कारण, कर्ज की रकम बढ़कर 35 लाख 61 हजार 446 रुपये (ब्याज एवं अन्य खर्च अतिरिक्त) बकाया चल रही हैं।

नोटिस में कहा गया कि रहन दर्ज होने के उपरान्त भी उपरोक्त कृषि भूमिका का खाता संख्या 71/9 मुरबा नम्बर 81, किला नम्बर 01 का पूर्वी उत्तरी भाग लगभग 0.001867 हैक्टेयर, दक्षिणी पूर्वी भाग 0.02545 हैक्टेयर, किला नम्बर 2 का दक्षिणी पूर्वी हिस्सा 0.038 हैक्टेयर छोड़कर शेष 0.215 हैक्टेयर, किला नम्बर 11 का 0.253 हैक्टेयर, किला नम्बर 12/1 का 0.250 हैक्टेयर, 19/2 का 0.250 हैक्टेयर, किला नम्बर 20 का 0.253 हैक्टेयर, कुल रकबा 2.007 हैक्टेयर रकबा नहरी का बेचान रिद्धि सिद्धि होम डवलपर्स प्रा.लि. जरिए डायरेक्टर मुकेश शाह को कर दिया है, जो कि उप पंजीयक श्रीगंगानगर के पंजीयन रजिस्टर में 11 अगस्त 2020 को पुस्तक संख्या 1 जिल्द संख्या 1476 में पृष्ठ संख्या 192 क्रम संख्या 202003103103477 पर पंजीबद्ध किया गया तथा अतिरिक्त पुस्तक संख्या जिल्द संख्या 3395 के पृष्ठ संख्या 440 से 450 पर चस्पा किया गया है।

उक्त पंजीकृत दस्तावेज विक्रय संलेख्य पत्र के पृष्ठ संख्या 3 में उल्लेखित किया गया है कि हमारे द्वारा बेचान किये जा रहे 2.007 हैक्टेयर रकबा पर किसी भी बैंक, सरकार, वित्तीय संस्था न्यायालय, पुलिस विभाग का या अन्य किसी भी प्रकार के सरकारी या गैर सरकारी-निजी विभाग का या किसी भी व्यक्ति विशेष का किसी भी प्रकार का कोई ऋण, रहन, गारण्टी, लिमिट वा प्रत्याभूति भार शेष नहीं है। जबकि उक्त कृषि भूमि केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के पास रहन रखी जा चुकी थी तथा तत्समय उक्त पर ऋण बकाया चल रहा था।
नोटिस में तीनों को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए 12 सितम्बर 2024 तक का समय दिया गया है। नोटिस में कहा गया है कि क्यों न उपर्युक्त वर्णित कृषि भूमि के 10 अगस्त 2020 को किये गये विक्रय पंजीकरण को अधिनियम 2001 की धारा 39(ग) के प्रावधानों के तहत शून्य घोषित कर दिया जाये एवं यह कृषि भूमि पुन: सर्वजीत कौर और जगमन सिंह के नाम चढ़ा दी जाये ताकि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक स्तर पर वसूली की कार्यवाही की जा सके।

यह कहती है धारा 39(ग)

राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2001 की धारा 39(ग) के प्रावधानों के अनुसार – “कोई भी सदस्य खण्ड (क) के अधीन की गई घोषणा में विनिदिष्ट स्थावर सम्पत्ति को पूर्णत: या उसके किसी भाग को तब तक अन्य संक्रांत नहीं करेगा, जब तक सदस्य द्वारा उधार ली गयी सम्पूर्ण रकम का, उस पर के ब्याज सहित संदाय पूर्ण रूप से न कर दिया जाये और इस खण्ड के उल्लंघन में किया गया सम्पत्ति का कोई भी अन्य संक्रामण शून्य होगा।”

क्या बैंक के अधिकारी चार साल से सो रहे थे

 

मुकेश शाह

दूसरी ओर, रिद्धि सिद्धि डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर मुकेश शाह का कहना है कि उनके द्वारा जगमन सिंह और सर्वजीत कौर से साल 2020 में जमीन क्रय करके, उसकी रजिस्ट्री करवा ली गयी थी। उस समय उपरोक्त जमीन पर किसी प्रकार का ऑनलाइन रहन दर्ज नहीं था। इस भूमि का इंतकाल भी दर्ज हो चुका और 90-बी की कार्यवाही भी पूर्ण हो चुकी है। मुझे इस नोटिस से ही जानकारी मिली है कि ऐसा भी कोई प्रकरण है। क्या बैंक के अधिकारी चार साल से सो रहे थे। शाह ने दावा किया कि जमीन की खरीद-फरोख्त होने के बाद भी बैंक द्वारा जगमन सिंह और सर्वजीत कौर के ऋण खाते को रिन्यू किया गया, यह कैसे संभव है। उन्होंने कहा कि वे अपने वकील के माध्यम से अपना पक्ष अवश्य प्रस्तुत करेंगे।

(नोट : समाचार में प्रस्तुत चित्र प्रतीकात्मक है, जो कि रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड की कालोनी रिद्धि सिद्धि एन्क्लेव-1 का है।)

 

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