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अपेक्स बैंक और 14 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में बैंकिंग सेवाएं ठप रही, न किसानों को फसली ऋण मिला, न चेक क्लियर हुए

15 अन्य डीसीसीबी में भी RTGS, NEFT, NPCI की सर्विस बाधित रही

जयपुर, 30 जुलाई (मुखपत्र)। राज्य के शीर्ष सहकारी बैंक – राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (RSCB), जयपुर के आई.टी. सैल की पर्यवेक्षणीय लापरवाही का क्रम अनवरत जारी है। आईटी सैल के मोनेटरिंग लैप्स के चलते, एक बार फिर अपेक्स बैंक इमेज बिल्डिंग को गंभीर धक्का पहुंचा है। पिछले एक माह में तीसरा घटनाक्रम है, जब बैंक के आई.टी. अनुभाग में मोनेटरिंग लैप्स के चलते, प्रबंधन को शर्मिंदगी का और ग्राहकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। यह स्थिति तब है, सहकारिता विभाग की शासन सचिव शुचि त्यागी के पास ही अपेक्स बैंक की प्रशासक की जिम्मेदारी है और केंद्रीय सहकारी बैंकों की सम्पूर्ण तकनीकी मोनेटरिंग (सर्वर मेंटिनेंस और सॉफ्टवेयर) अपेक्स बैंक (APEX BANK) के हाथ में है।

आईटी सैल के डीजीएम (DGM)-एजीएम (AGM), सहकारिता विभाग की शासन सचिव और सहकारिता रजिस्ट्रार के समकक्ष वेतन वेतन प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन उनकी जिम्मेदारी और जवाबदेही शून्य है। पिछले 40 दिन का घटनाक्रम बता रहा है कि ये अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करने में पूरी तरह से नाकाम हो रहे हैं। यदि बैंक प्रबंधन ने, आईटी सैल के मोनेटरिंग लैप्स के पूर्व में घटित दो घटनाक्रमों – 70 हजार किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का 14 करोड़ रुपये का डबल भुगतान और हजारों किसानों के एटीएम कार्ड एक्सपायर होने मामले में, जिम्मेदारों पर त्वरित एक्शन लिया होता तो सोमवार को तीसरा घटनाक्रम नहीं होता।

जानकारी मिली है कि शनिवार और रविवार के दो अवकाश के बावजूद सोमवार को सप्ताह के पहले वर्किंग-डे के दिन ही राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड सहित प्रदेश के 14 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) में बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह से ठप रही। अपेक्स बैंक का प्रधान कार्यालय, समस्त शाखाएं और 14 डीसीसीबी (अजमेर, अलवर, बाड़मेर, बांसवाड़ा, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौडग़ढ़, चूरू, डूंगरपुर, जयपुर, जालौर और झालावाड़) की 300 से अधिक शाखाओं में किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण वितरण, चेक क्लियरिंग, लेन-देन सहित सामान्य बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह से बाधित रही। इनके अलावा शेष 15 केंद्रीय सहकारी बैंकों (बारां, दौसा, हनुमानगढ़, जैसलमेर, झुंझुनूं, जोधपुर, कोटा, नागौर, पाली, सवाईमाधोपुर, सीकर, सिरोही, श्रीगंगानगर, टोंक और उदयपुर) के हजारों ग्राहक दूसरे बैंकों के साथ बैंकिंग व्यवहार नहीं कर पाये। इन 15 बैंकों में आरटीजीएस, एनईएफटी और एनपीसीआई की सेवाएं ठप रही। हालांकि, इन बैंकों में ग्राहकों द्वारा अपने खातों में धनराशि जमा करने और निकासी करने जैसी सेवाएं सामान्य रही।

तकनीकी फाल्ट को दूर कर, सेवाएं बहाल करने में अपेक्स बैंक के आईटी सैल के फेलियॉर से क्लियरिंग हाउस भी ठप रहा, जिससे सायंकाल तक लगभग 30 करोड़ रुपये के चेक अटक गये। उल्लेखनीय है कि राज्य में समस्त जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में सीबीएस सिस्टम को लाने के लिए अपेक्स बैंक ही नोडल बैंक है। राज्य सहकारी बैंक एवं डीसीसीबी का केंद्रीय सर्वर और सॉफ्टवेयर, दोनों ही अपेक्स बैंक के नियंत्रण में है और तकनीकी खराबी होने पर, वेंडर के साथ समन्वय स्थापित कर, सेवाएं बहाल करने की जिम्मेदारी अपेक्स बैंक के आईटी सैल की है।

वर्तमान में भारत सरकार द्वारा राजस्थान सरकार के वित्तीय सहयोग से प्रायोजित पैक्स कम्प्यूटराइजेशन का जिम्मा भी अपेक्स बैंक के ही पास है। जब अपेक्स बैंक का आईटी सैल, अपनी 16 शाखाओं और डीसीसीबी की लगभग 550 शाखाओं में ही सुचारू तकनीकी सेवाएं देने में सफल नहीं हो पा रहा, जबकि बैंक के आईटी सैल के साथ-साथ डीसीसीबी में दक्ष स्टाफ उपलब्ध है, तो हालात ऐसे हैं, तो यह सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि 6000 से अधिक ग्राम सेवा सहकारी समितियों में पैक्स कम्प्यूटराइजेशन का क्या अंजाम होने वाला है, क्योंकि पैक्स में तो अपेक्स बैंक एवं डीसीसीबी की भांति तकनीकी रूप से दक्ष मानव-श्रम का नितांत अभाव रहेगा।

पैक्स कम्प्यूटराइजेशन के वेंडर का ठिकाना भी अपेक्स बैंक के प्रधान कार्यालय में ही है।

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