सहकारिता

केंद्रीय बजट में सहकारिता के लिए कर लाभ की घोषणा

नई दिल्ली, 4 फरवरी। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में केन्द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए सहकारिता क्षेत्र के लिए कई उपायों की घोषणा की। उन्होंने अपने बजट भाषण में प्रधानमंत्री के लक्ष्य ‘सहकार से समृद्धि’ और ‘अमृतकाल की भावना के साथ सहकार की भावना’ को जोडऩे के उनके संकल्प का उल्लेख किया।

वित्त मंत्री ने कहा कि 31 मार्च 2024 तक जो नई सहकारी समितियां उत्पादन गतिविधि शुरू करेंगी, उन्हें 15 प्रतिशत की कम कर दर का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि आकलन वर्ष 2016-17 से पहले की अवधि के लिए गन्ना किसानों को किए गए भुगतान का दावा करने के लिए गन्ना सहकारिता समितियों को एक अवसर उपलब्ध कराया जाएगा, इससे लगभग 10,000 करोड़ रुपये की राहत मिलने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक में सदस्यों को नकद जमा करने और नकद उधार लेने की उच्च सीमा प्रति सदस्य 2 लाख रुपये है। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों को नकद निकासी पर टीडीएस के लिए 3 करोड़ रुपये की उच्च सीमा उपलब्ध कराई जा रही है।

पैक्स कम्प्यूटराइजेशन और सहकारिताओं की मैपिंग

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया कि ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने और किसान एवं उपेक्षित वर्ग के लिए सहकारिता आधारित विकास मॉडल को बढ़ावा देने के लिए एक नया सहकारिता मंत्रालय बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस विजन को साकार करने के लिए सरकार ने 25,16 करोड़ रुपये से 63,000 प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों का कम्प्यूटरीकरण करने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि सहकारिता समितियों की देशभर में मैपिंग के लिए एक राष्ट्रीय सहकारिता डेटाबेस तैयार किया जा रहा है।

विकेन्द्रीकृत भंडारण क्षमता की स्थापना की जाएगी

वित्त मंत्री ने कहा कि विकेन्द्रीकृत भंडारण क्षमता की स्थापना की जाएगी, जिससे किसानों को अपनी उपज का भंडारण करने और सही समय पर उसकी बिक्री के माध्यम से आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार, अगले 5 वर्ष में शेष रह गई पंचायतों और गांवों में बड़ी संख्या में बहुद्देशयीय सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और दुग्ध सहकारी समितियों का गठन करने में मदद करेगी।

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