राज्यसहकारिता

कर्ज चुकाने की अंतिम तिथि गुजर जाने के डेढ़ माह बाद नींद से जागी सरकार, किसान हित में लिया ये फैसला

जयपुर, 16 अगस्त (मुखपत्र)। सहकारी फसली ऋण चुकाने की अंतिम तिथि गुजर जाने के डेढ़ माह बाद, कुम्भकर्णी नींद से जागी राजस्थान की भजनलाल सरकार ने अपने हिस्से का वित्तीय भार जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) पर डाल दिया है। सरकार ने अवधिपार ऋणी किसानों को राहत देते हुए किसानों को रबी सीजन का फसली कर्ज के चुकाने के लिए 31 अगस्त 2024 तक का समय दिया है। सहकारी बैंकों द्वारा ब्याजमुक्त फसली ऋण का वितरण राजस्थान सरकार की घोषणा के अनुरूप किया जाता है, लेकिन अब सरकार ने दो माह की अवधि का ब्याज अनुदान देने से पल्ला झाड़ लिया है और 1 जुलाई से 31 अगस्त तक का ब्याज अनुदान केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को भुगतना होगा। रबी सीजन के फसली ऋण का चुकारा हर साल 30 जून तक करना होता है।

सहकारिता विभाग के संयुक्त शासन सचिव दिनेश कुमार जांगिड़ की ओर से 13 अगस्त को जारी आदेशानुसार, रबी, 2023-24 के लिए फसली ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 30 जून 2024 को दो माह बढ़ाकर 31 अगस्त अथवा ऋण लेने की तिथि से 12 माह, जो भी पहले हो, की जाती है। आदेशानुसार, 1 जुलाई से 31 अगस्त तक की विस्तारित अवधि का ब्याज अनुदान केंद्रीय सहकारी बैंक अपने संसाधनों से वहन करेंगे। सहकारिता विभाग, अल्पकालीन फसली ऋण हेतु नाबार्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पूर्ण पालना सुनिश्चित करेगा ताकि नाबार्ड द्वारा पुनर्वित्त प्राप्त किये जाने पर किसी प्रकार का विपरीत प्रभाव नहीं पड़े।

उल्लेखनीय है कि फसली ऋण का वितरण, प्रदेश के 29 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा 7500 से अधिक ग्राम सेवा सहकारी समितियों (पैक्स, लैम्पस) के माध्यम से किया जाता है और ये समितियां ही किसानों से वसूली प्राप्त कर बैंक में जमा कराती हैं। ब्याजमुक्त फसली वितरण की एवज में सहकारी बैंकों को केंद्र सरकार एवं राजस्थान सरकार से कुल 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान मिलता है। यदि समय रहते अंतिम तिथि में बढोतरी का निर्णय ले लिया जाता, तो जैसे के पूर्व का अनुभव है, बैंकों द्वारा अवधिपार हो चुके ऋण की वसूली अधिकतम 7 से 10 दिन में कर ली जाती। उस स्थिति में बैंकों को अधिकतम 10 दिन के ब्याज अनुदान का भार उठाना पड़ता, लेकिन अब बैंकों को दो माह की अवधि का ब्याज भोगना होगा।

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