ऑडिटर को रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराने वाली सहकारी सोसायटियों के विरूद्ध होगी कार्रवाई : रजिस्ट्रार
झुंझुनूं की पैक्स का शत-प्रतिशत ऑडिट, सारी ऑडिट विभागीय ऑडिटर्स ने की
जयपुर, 3 दिसम्बर (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग की शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल ने बताया कि प्रदेश की सभी 8207 ग्राम सेवा सहकारी समितियों (पैक्स) का वर्ष 2023-24 तक की अवधि का ऑडिट पूर्ण कराना विभाग की प्राथमिकता है और अब तक 6871 पैक्स का ऑडिट पूर्ण हो चुका है। झुंझुनूं जिला एकमात्र ऐसा अनूठा जिला है, जहां की समस्त 242 पैक्स का ऑडिट पूर्ण करवा लिया गया है और सभी पैक्स का ऑडिट विभागीय सहकारी निरीक्षकों द्वारा सम्पादित किया गया है।
रजिस्ट्रार ने सहकारी सोसायटियों की ऑडिट की समीक्षा बैठक के बाद बताया कि जयपुर (शहर), बूंदी, सीकर, टोंक, अजमेर, कोटा, चूरू और झालावाड़ जिला इकाइयों द्वारा 95 प्रतिशत से अधिक पैक्स का ऑडिट लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। उन्होंने बताया कि ऐसी ऑडिटर चार्टर्ड अकाउण्टेंट फर्म या विभागीय निरीक्षक द्वारा 30 नवम्बर तक सम्बंधित सोसायटियों के ऑडिट का कार्य प्रारम्भ नहीं किया है, उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी तथा ऐसी सोसायटियों में ऑडिट कार्य पूर्ण करने की समय सीमा निर्धारित करते हुऐ नये ऑडिटर नियुक्त करने के लिये निर्देशित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि सहकारी कानून के तहत यह प्रत्येक सोसायटी के प्रबंधन एवं कार्मिकों के लिये बाध्यकारी है कि वे ऑडिटर को अपेक्षित पुस्तकें, रिकार्ड एवं जानकारी उपलब्ध करावें। उन्होंने बताया कि समीक्षा बैठक में सभी विशेष लेखा परीक्षक एवं क्षेत्रीय अंकेक्षण अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि जिन सोसायटियों का रिकार्ड और सूचनाओं के अभाव में ऑडिट नहीं हो पाया है, ऐसे प्रकरणों में तत्काल सहकारी कानून के तहत कार्रवाई की जावे।
ऑडिट पूर्ण होने पर ही पैक्स कम्प्यूटराइजेशन सम्भव
शासन सचिव ने बताया कि पैक्स कम्प्यूटराइजेशन के प्रथम एवं दूसरे फेज में चिह्नित प्रदेश की 6781 पैक्स में से 4000 पैक्स का डीसीटी (डेटा केप्चरिंग टूल) का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 1950 पैक्स को गो-लाइव किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पैक्स के डीसीटी के लिये पहली आवश्यकता उसका ऑडिट होता है ताकि उसके अंतिम लेखों की समस्त जानकारी एवं आंकड़ों को सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जा सके। पैक्स की डीसीटी पूर्ण होने पर सोसायटी अपने दैनिक कार्यों को सॉफ्टवेयर के माध्यम से करने सक्षम बन जाती है। पैक्स कम्प्यूटराइजेशन की प्रक्रिया पूर्ण होने पर सभी सोसायटियों में पारदर्शिता बढ़ेगी और बैंकिंग सहित ई-मित्र जैसी अन्य सुविधायें गांव के स्तर पर मिल सकेंगी।