बेटी के जन्म पर राज्य सरकार देगी एक लाख रुपये
श्रीगंगानगर, 27 अगस्त (मुखपत्र)। गरीब परिवार में जन्म लेने वाली बालिकाओं के पालन-पोषण की चिंता अब माता-पिता को करने की जरूरत नहीं होगी। यह जिम्मेदारी अब मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने अपने कंधों पर उठा ली है। बालिका जन्म को प्रोत्साहित करने, जन्म से लेकर वयस्क होने तक बालिकाओं के समग्र विकास के लिएए राज्य में बालिका के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने एवं उनके स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए सम्पूर्ण प्रदेश में “लाडो प्रोत्साहन योजना” लागू की गई है। इस योजना में बालिकाओं के जन्म पर एक लाख रुपये के “संकल्प पत्र” राज्य सरकार द्वारा दिए जाएंगे।
महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक विजय कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने संस्थागत प्रसव के दौरान बेटी के जन्म पर माता-पिता को खुशी देने व बेटी के उज्ज्वल भविष्य के लिए “लाडो प्रोत्साहन योजना” शुरू की गई है। बालिका के जन्म से लेकर 21 वर्ष आयु पूरी करने तक 1 लाख रुपये राशि का भुगतान 7 किश्त में डीबीटी के माध्यम में ऑनलाइन किया जाएगा। पहली छह किश्तें बालिका के माता-पिता अथवा अभिभावक के बैंक खाते में तथा 7वीं किश्त बालिका के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ऑनलाइन हस्तांतरित की जाएगी। “राजश्री योजना” को “लाडो प्रोत्साहन योजना” में समाहित किया गया है।
बेटियों को ऐसे मिलेगी आर्थिक सहायता
– पात्र चिकित्सा संस्थानों में बालिका का जन्म होने पर पहली किश्त 2500 रुपये।
– बालिका की आयु एक वर्ष पूर्ण होने एवं समस्त टीकाकरण होने पर दूसरी किश्त 2500 रुपये।
– राजकीय विद्यालय या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर तीसरी किश्त 4 हजार रुपये।
– छठी कक्षा में प्रवेश लेने पर चौथी किश्त 5 हजार रुपये।
– 10वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर पांचवीं किश्त 11 हजार रुपये।
– 12वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर छठी किश्त 25 हजार रुपये।
– राजकीय अथवा राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने एवं 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर 7वीं किश्त 50 हजार रुपये।
सभी किश्तों की राशि डीबीटी के माध्यम से ऑनलाइन हस्तांतरित की जायेगी।
लाडो प्रोत्साहन योजना की पात्रता एवं प्रक्रिया
– बालिका का जन्म राजकीय चिकित्सा संस्थान अथवा जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के लिए अधिस्वीकृत निजी चिकित्सा संस्थान में होना आवश्यक है।
– प्रसूता का राजस्थान की मूल निवासी होना आवश्यक है।
– गर्भवती महिला की एएनसी जांच के दौरान राजस्थान की मूल निवासी होने का प्रमाण-पत्र अथवा विवाह पंजीयन प्रमाण-पत्र, बैंक खाते का विवरण इत्यादि दस्तावेज प्राप्त कर उनका चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संधारण किया जाएगा और पीसीटीएस पोर्टल पर विवरण दर्ज किया जाएगा।
– संस्थागत प्रसव के तहत बालिका का जन्म होने के बाद प्रथम किश्त का लाभ बालिका की माता को तथा माता के नहीं होने पर पिता के बैंक खाते में देय होगा। माता-पिता दोनों नहीं रहें तो अभिभावक के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ऑनलाइन हस्तांतरण होगा।
– प्रत्येक बालिका को जन्म के समय ही यूनिक आईडी अथवा पीसीटीएस आईडी नंबर दिया जाएगा। इसके पश्चात, निर्धारित चरणों में राशि का बैंक खाते में ऑनलाइन हस्तांतरण किया जायेगा।
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