राज्यसहकारिता

जालोर सहकारी बैंक के पूर्व एमडी केके मीना के खातों में अवैध लेनदेन की जांच के लिए कलेक्टर ने बनायी कमेटी

जयपुर, 3 फरवरी (मुखपत्र)। जालोर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के निवर्तमान प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार मीना उर्फ केके मीना और उसके परिजनों सहित अन्य व्यक्तियों के खातों में, संविदा कर्मियों के खातों से रुपये ट्रांसफर किये जाने की जांच आरम्भ हो गयी है।

जालोर जिला कलेक्टर निशांत जैन ने इस प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसमें रोहित कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, जालोर, सुनील वीरभान, उप रजिस्टार, सहकारी समितियां जालोर और सुनित देव आर्य, लेखाधिकारी, कलेक्ट्रेट, जालोर को शामिल किया गया है। कमेटी को पूरे प्रकरण की जांच कर, दो दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। संयुक्त शासन सचिव, सहकारिता विभाग द्वारा इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट चाहे जाने पर, कलेक्टर ने कमेटी का गठन किया है।

उल्लेखनीय है कि जालोर सीसीबी के दो संविदा कर्मियों -जसाराम मीणा, जो कि बैंक का ही सेवानिवृत्त कार्मिक है, और उसके पुत्र प्रवीण के खातों से, बैंक के पूर्व एमडी केके मीना, उसकी पत्नी, पुत्र, पुत्री सहित अन्य व्यक्तियों के खातों में 40 लाख रुपये ट्रांसफर किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। जालोर सीसीबी के एक कार्मिक की शिकायत के बाद, प्रारम्भिक जांच में केकेे मीना के खातों में अवैध लेनदेने की पुष्टि होने पर, सहकारिता विभाग द्वारा मीना को निलम्बित कर दिया गया है। मीना, उस समय उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, जयपुर शहर के पद पर कार्यरत था। निलम्बन काल में उसका मुख्यालय उदयपुर रखा गया है।

इस सम्बंध में ‘मुखपत्र’ द्वारा 31 जनवरी 2024 को “शुक्र है, किसी मंत्री ने सहकारिता के पुराने पापों को धोना शुरू तो किया” शीर्षक से विस्तृत समाचार प्रसारित किया था।

 

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