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भारत सरकार किसानों को नहीं देगी 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान?

ब्याज अनुदान क्लेम का डाटा अपलोड करने में रुचि नहीं ले रही सहकारी समितियां, 8 माह में प्रगति शून्य

श्रीगंगानगर, 25 अगस्त (मुखपत्र)। ब्याजमुक्त अल्पकालीन फसली ऋण के सम्बंध में भारत सरकार से मिलने वाली 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी एवं ब्याज सहायता अब डाटा अपलोड होने पर ही प्राप्त होगी, अन्यथा नहीं। इससे किसानों के साथ-साथ जिला केंद्रीय सहकारी बैंक एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों (प्राथमिक कृषि ऋण समितियां/पैक्स) को भी आर्थिक नुकसान होने की आशंका है। इसे लेकर गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक प्रबंधन द्वारा बार-बार सोसाइटियों को चेताया जा रहा है। केंद्र सरकार ने डाटा अपलोड करने की समय सीमा भी निर्धारित कर दी है। भारत सरकार द्वारा दो वित्त वर्ष से सहकारी बैंक/सहकारी सोसाइटीज को ब्याज अनुदान एवं ब्याज सहायता नहीं दी जा रही।

गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड (जीकेएसबी) के प्रबंध निदेशक संजय गर्ग ने बताया कि किसानों को दिये जाने वाले ब्याजमुक्त अल्पकालीन फसली ऋण वितरण की एजव में भारत सरकार से 3 प्रतिशत एवं राजस्थान सरकार ने 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान प्राप्त होता है। भारत सरकार ने ब्याज अनुदान और ब्याज सहायता का क्लेम जारी करने के लिए एक पोर्टल केसीसी-आईएसएस (केआरपी) बनाया है, जिस पर क्लेम से सम्बंधित सूचनाएं अपलोड की जानी हैं। चूंकि, अल्पकालीन फसली ऋण का वितरण ग्राम सेवा सहकारी समितियों (पैक्स) के माध्यम से होता है, इसलिए समितियों को ही, ऋणी किसानों की सूचनाएं पोर्टल पर अपलोड करनी हैं।

श्री गर्ग के अनुसार, भारत सरकार और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान क्लेम और ब्याज सहायता के लिए डाटा अपलोड करने की समय सीमा निर्धारित कर दी है। तय समय सीमा में यदि क्लेम से सम्बंधित सूचनाएं अपलोड नहीं होती हैं, तो ऋणी कृषक को ब्याज अनुदान से वंचित होना पड़ सकता है, साथ ही, ग्राम सेवा सहकारी समिति एवं केंद्रीय सहकारी बैंक को ब्याज सहायता के रूप में बड़ी आर्थिक क्षति होगी।

प्रबंध निदेशक के अनुसार, बैंक द्वारा 11 जनवरी 2024 से लेकर 21 अगस्त 2024 तक 8 बार पत्र लिखकर, सोसाइटियों को 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान एवं ब्याज सहायता क्लेम का डाटा अपलोड करने हेतु निर्देशित किया जा चुका है, लेकिन इसमें प्रगति लगभग नगण्य है।

ये है अंतिम तिथि

पत्रानुसार, वर्ष 2022-23 के फसली ऋण का ब्याज अनुदान (इंटरेस्ट सब्वेंशन) एवं समय पर ऋण का चुकारा करने वाले किसानों से सम्बन्धित ब्याज सहायता (पीआरआई) के डाटा/क्लेम किसान ऋण पोर्टल पर अपलोड किये जाने की अंतिम तिथि 15 सितम्बर 2024 है। इसी प्रकार वर्ष 2023-24 के डाटा/क्लेम अपलोड करने की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर 2024 है। निर्धारित तिथि तक समिति से सम्बन्धित समस्त ऋणी कृषकों का डाटा एवं क्लेम अपलोड नहीं किये जाने की स्थिति में भारत सरकार से प्राप्त होने वाली ब्याज अनुदान राशि से वंचित होना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में सम्बन्धित समिति क्लेम की पूर्ण राशि के लिए वित्तीय एवं प्रशासनिक रूप से उत्तरदायी होगी।

बैंक से अधिक समिति का नुकसान

बैंक प्रबंधन की मानें तो ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से ऋण वितरण किया जाता है। फसली ऋण प्राप्त करने वाले किसान, सोसाइटी के सदस्य होते हैं। बैंक सोसाइटी को वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिससे सोसाइटी अपने सदस्य को ऋण वितरण करती है। इसी की एवज में सोसाइटी को 2 प्रतिशत आर्थिक सहायता मिलती है। ब्याज अनुदान का क्लेम भी ऋणी किसानों के नाम से मिलता है। यदि सोसाइटी 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान क्लेम का डाटा अपलोड नहीं करती है, तो इसका नुकसान सोसाइटी को ही होगा। क्लेम नहीं मिलने की स्थिति में बैंक द्वारा सोसाइटी को देय 2 प्रतिशत अनुदान में से, अनक्लेम्ड ब्याज अनुदान की वसूली की जा सकती है।

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