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ये चार्टर्ड अकाउंटेंट्स अब कभी सहकारी संस्थाओं की ऑडिट नहीं कर पायेंगे, सहकारिता विभाग ने किया प्रतिबंधित

को-ऑपरेटिव डिपार्टमेंट ने ऑडिट रिपोट्र्स में सहकारी सोसाइटी में गबन और वित्तीय अनियमितता को उजागर नहीं करने का दोषी माना

जयपुर, 3 अगस्त (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग ने, सहकारी सोसाइटी की लेखा परीक्षा में लापरवाही बरतने एवं कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करने पर, सोसाइटी द्वारा नियुक्त एक अंकेक्षक चार्टर्ड अकाउंटेंट (C.A.) को ब्लेक लिस्टेड करने के पश्चात तीन और चार्टर्ड अकाउंटेंट को सहकारी संस्थाओं की ऑडिट के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। ये चार्टर्ड अकाउंटेंट भविष्य में कभी सहकारी संस्थाओं की ऑडिट नहीं कर पायेंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य के हनुमानगढ़ जिले में स्थित एवं हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड (HKSB) की टिब्बी शाखा के अधीन तलवाड़ा झील ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड में पिछले साल करोड़ों रुपये के गबन और वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया था। प्रकरण की प्रारम्भिक जांच उपरांत सोसाइटी के वित्तीय स्थिति के कार्यकलापों की जांच कर स्पष्ट वित्तीय दायित्वों के निर्धारण करने हेतु उप रजिस्ट्रार, हनुमानगढ़ द्वारा 16 अगस्त 2023 को राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा-55 के तहत जांच का आदेश पारित किया गया।

जांच रिपोर्ट के आधार पर 16 नवम्बर 2024 को धारा 55 (5) व (6) जांच परिणाम जारी किये गये, जिसमें समिति में हुए गबन व अनियमितता के लिए सम्बंधित चार्टर्ड अकाउंटेंट मैसर्स दीपिका सिंगला एंड कम्पनी (वर्ष 2017-18 एवं 2019-20), चार्टर्ड अकाउंटेंट मैसर्स अंकुश गर्ग एंड एसोसिएट्स (ऑडिट वर्ष 2018-19) एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट मैसर्स डीएसपीजी एंड एसोसिएट्स (ऑडिट वर्ष 2020-21 एवं 2021-22) को ऑडिट कार्य में लापरवाही का दोषी मानते हुए उक्त तीनों चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्मों को ऑडिट पैनल से ब्लेक लिस्ट करने की कार्यवाही की अनुशंसा की गयी।

सहकारिता रजिस्ट्रार द्वारा उक्त जाँच परिणाम एवं निर्देश के आधार पर आगामी आदेशों तक चार्टर्ड अकाउन्टेंट मै. दीपिका सिंगला एण्ड कम्पनी, चार्टर्ड अकाउन्टेंट मै. अंकुश गर्ग एण्ड एसोसिएट्स एवं चार्टर्ड अकाउन्टेंट मै. डी.एस.पी.जी. एण्ड एसोसिएट्स को सहकारी सोसायटियों की लेखापरीक्षा हेतु गठित एवं भविष्य में गठित किये जाने वाले पैनल में शामिल किये जाने पर रोक लगाई जाती है।

सहकारिता विभाग द्वारा नियमित अंतराल पर तीन साल की अवधि के लिए चार्टर्ड अकाउंटेट एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट्स फर्म के इंपेनलमेंट के लिए आवेदन प्राप्त किये जाते हैं, जिनके आधार पर सी.ए. और सी.ए. फम्र्स को सहकारी संस्थाओं की लेखा परीक्षा के लिए पैनल में शामिल किया जाता है। प्रदेश की सहकारी संस्थाओं को इन्हीं पैनल में से किसी एक को अपनी संस्था के वैधानिक अंकेक्षण के लिए नियुक्त किया जाता है। इंपैनलमेंट की विज्ञप्ति की शर्त संख्या 13 व 14 के अनुसार ‘यदि पैनल की पंजीयन अवधि में सक्षम अधिकारी को यह ज्ञात होता है कि लेखा परीक्षक द्वारा लेखा परीक्षा कार्य में नियम व प्रक्रिया विरुद्ध आचरण को छुपाया है तथा सोसायटी के क्रियाकलापों, अनियमितता, गबन, कपटपूर्ण आचरण को छुपाया है या छुपाने में सहायक रहा है, तो उक्त लेखा परीक्षक का नाम सम्बन्धित पैनल से हटाते हुए अपेक्षित कार्यवाही की जावेगी।’ उपरोक्त फर्मों ने भी वर्ष 2018-2021 एवं 2021-2024 के लिए इंपैनलमेंट की इस शर्त को स्वीकार किया था, जिसके आधार पर सहकारिता विभाग ने इन्हें सहकारी संस्थाओं की लेखा परीक्षा के लिए गठित वर्तमान पैनल से डी-बार करते हुए, लेखा परीक्षा के लिए भविष्य में गठित होने वाले पैनल में शामिल किये जाने पर रोक लगा दी है।

 

 

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