राज्यसहकारिता

जांच परिणाम खारिज करने के लिए निगरानी दायर की तो संचालक मंडल को धारा 125 का नोटिस थमाया

संचालक मंडल ने जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार, अजमेर द्वारा जारी जांच परिणाम को “असंगत, अपूर्ण एवं तथ्यों से परे” बताया

अजमेर, 5 जुलाई (मुखपत्र)। अजमेर संभाग से सहकारिता विभाग को लेकर एक रोचक जानकारी आ रही है। अजमेर जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार पूनम भार्गव द्वारा बीएनके सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार लिमिटेड, ब्यावर के संचालक मंडल को रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, राजस्थान जयपुर के समक्ष निगरानी याचिका दायर करने पर, इससे सम्बंंधित प्रस्ताव को अपखंडित करने का नोटिस जारी किया गया है। संचालक मंडल ने जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार, अमजेर द्वारा भंडार की ऑडिट के मामले में धारा 55 (5) व (6) के तहत जारी जांच परिणाम को असंगत, अपूर्ण एवं तथ्यों से परे मानते हुए, इसे खारिज करने के लिए धारा 107 के तहत निगरानी प्र्रस्तुत की गयी है, जिसकी सुनवाई, न्यायालय, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (द्वितीय) सहकारी समितियां, राजस्थान में विचाराधीन है।

यह मामला बीएनके सहकारी भंडार में सहकारी निरीक्षक यशपाल सिंह के महाप्रबंधक रहते ऑडिट आक्षेप के अअनुपालन से जुड़ा है। दरअसल, क्षेत्रीय अंकेक्षण अधिकारी, अजमेर द्वारा अजमेर संभाग की सहकारी संस्थाओं की ऑडिट रिपोट्र्स की स्कूटनी के दौरान, बीएनके भंडार की वर्ष 2019-20 की ऑडिट रिपोर्ट पर 38 गंभीर आक्षेप लगाये गये थे। यशपाल के स्थानांतरण के पश्चात, 3 जनवरी 2022 को आयोजित भंडार की प्रशासकीय बैठक में एक प्रस्ताव लेकर, उक्त आक्षेपों की राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 55 के तहत जांच करवाये जाने का प्रस्ताव लिया गया।

भंडार के अनुशंसा पत्र के आधार पर, तत्कालिन खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार ने 21 ऑडिट आक्षेप को गंभीर मानते हुए, सहकारी सोसाइटी अधिनियम की धारा 55 केे तहत जांच का आदेश जारी कर, अजमेर सहकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड की तत्कालिन सचिव शानू खन्ना को जांच सौंपी गयी, लेकिन खन्ना ने एक साल तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की, जिसके आधार पर जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार पूनम भार्गव ने शानू खन्ना को जांच से हटाकर ब्यावर के उप रजिस्ट्रार हीरालाल जीनगर को जांच का जिम्मा सौंप दिया।

जीनगर ने जांच में शामिल 21 बिन्दूओं को दरकिनार कर, गोलमोल रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिस पर धारा 55(5)(6) के अंतर्गत जांच परिणाम जारी करते हुए पूनम भार्गव ने तत्कालिन महाप्रबंधक यशपाल सिंह को दोषमुक्त करार दे दिया जबकि ऑडिट आक्षेप में भंडार में कार्मिकों की अवैध नियुक्ति, भंडार में आग लगने की घटना का उत्तरदायित्व, आग की घटना में हुए नुकसान का विवरण नहीं होना, आग की घटना के उपरांत बीमा क्लेम का उल्लेख नहीं होना, सुपर मार्केट का प्रभार बार-बार बदलना, भंडार के पुराने सदस्यों को हटाना, प्रशासनिक बैठकों में लिये गये निर्णयों का विवरण नहीं होना, रजिस्ट्रार के आदेश का अनुपालन नहीं होने, स्टाफ स्ट्रेंथ से अधिक कार्मिकों की नियुक्ति, रोकडिय़ों, गोदाम कीपरों व विक्रेताओं से समुचित सिक्योरिटी, माल खरीद में गड़बड़ी, बोनस, ओवरटाइम व प्रोत्साहन राशि के विवरण व प्रक्रिया का ब्यौरा नहीं होना, भविष्य निधि की राशि के भुगतान का ब्यौरा अंकित नहीं होना, निवेश का मदानुसार विवरण नहीं होना, बकायेदारों की सूची नहीं होना, स्टॉक का भौतिक सत्यापन नहीं कराया जाना जैसे कई गंभीर आक्षेप थे।

गत 7 दिसम्बर 2023 को आयोजित बीएनके सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार के संचालक मंडल की बैठक में, जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार द्वारा जारी जांच परिणाम को “असंगत, अपूर्ण एवं तथ्यों से परे” मानते हुए, जांच परिणाम को खारिज करवाये जाने के लिए सहकारी सोसाइटी अधिनियम की धारा 107 के तहत रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां के समक्ष निगरानी दायर करने का निर्णय लिया गया। इसी बात को लेकर अब खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, अजमेर सुश्री पूनम भार्गव द्वारा राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 यथासंशोधित 2016 की धारा 125 एवं राजस्थान सहकारी सोसाइटी नियम 2003 का नियम 102 के अंतर्गत, संचालक मंडल की उक्त बैठक में शामिल अध्यक्ष रतन सिंह मेहता, उपाध्यक्ष किशोर सिंह सहित तथा सात सदस्यों के नाम, उक्त प्रस्ताव को अपखंडित करने का नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि आप द्वारा इस प्रकार की ऑडिट रिपोर्ट को अस्वीकार करना, जांच रिपोर्ट एवं जांच परिणाम को “असंगत, अपूर्ण एवं तथ्यों से परे” मानना, अधिनियम की धारा 125 में वर्णित शक्तियों के आधिक्य की श्रेणी में आता है। इसलिए क्यों न आप द्वारा लिये गये प्रस्ताव का अपखंडन किया जाये? नोटिस में इस मुद्दे पर 8 जुलाई 2024 को प्रात: 11.30 बजे संचालक मंडल के उपरोक्त सदस्यों को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिये पाबंद किया गया है।

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