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सहकारी सोसाइटी के मिनी बैंक में लाखों रुपये की वित्तीय अनियमितता, अधिनियम अंतर्गत जांच होगी

श्रीगंगानगर, 20 सितम्बर (मुखपत्र) । सहकारिता विभाग ने श्रीगंगानगर जिले के श्रीकरणपुर क्षेत्र की 4-ओ ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड के मिनी बैंक में 91 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता/गबन के आरोपों की अधिनियम अंतर्गत जांच करवाने का निर्णय लिया है। रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, राजस्थान, जयपुर की ओर से इस मामले में प्राप्त तथ्यात्मक शिकायत की जांच कराने के लिए बीकानेर जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार राजेश टाक को निर्देशित किया गया, जिसके उपरांत टाक ने आरोपों की गंभीरता को देखते हुए इस प्रकरण की राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम के अंतर्गत जांच करने का आदेश दिया है। खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, बीकानेर द्वारा उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, श्रीगंगानगर को प्रकरण की राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम की धारा 55 के तहत जांच करने/करवाने के लिए आदेशित किया गया है।

4-ओ ग्राम सेवा सहकारी समिति की गिनती गंगानगर जिले की बड़ी ग्राम सेवा सहकारी समितियां में होती है। समिति के अध्यक्ष लखियां निवासी लखविंद्रसिंह बराड़ हैं, जो लगभग तीन दशक से इस सोसाइटी के अध्यक्ष पद को सुशोभित कर रहे हैं। लखविंद्र सिंह श्रीकरणपुर क्रय विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष भी हैं और डेयरी सहकारिता से भी जुड़े हुए हैं। बराड़ ने कॉनफैड के चुनाव को लेकर सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल के खिलाफ जोधपुर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर रखी है।

91 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता का आरोप

उल्लेखनीय है कि बीकानेर निवासी विजयकुमार ने मुख्यमंत्री, प्रमुख शासन सचिव और रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां को शिकायत प्रस्तुत कर, 4 ओ ग्राम सेवा सहकारी समिति के मिनी बैंक में लगभग 91 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता/गबन का आरोप लगाया है। शिकायत के साथ साक्ष्य के रूप में 4ओ ग्राम सेवा सहकारी समिति की 9 साल की ऑडिट रिपोर्ट संलग्न की गयी है।,

हालिया निरीक्षण में भी 74 लाख रुपये का अंतर

यह भी उल्लेखनीय है कि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा फरवरी-मार्च, 2025 में गंगानगर जिले की ग्राम सेवा सहकारी समितियों में संचालित मिनी बैंकों का निरीक्षण करवाया गया था। इसमें 50 लाख रुपये से अधिक डिपोजिट वाले मिनी बैंकों में सबसे अधिक ऋणात्मक अंतर भी 4ओ ग्राम सेवा सहकारी समिति में सामने आया था। तब बैंक के निरीक्षण में यह तथ्य सामने आया कि उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार, मिनी बैंक में कुल जमा राशि में से 74 लाख 53 हजार रुपये की राशि कम है। (प्रदर्शित चित्र प्रतीकात्मक, सोशल मीडिया से साभार)

 

 

 

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