सहकारिता

सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद आरबीआई ने कोऑपरेटिव बैंकों के महत्व को स्वीकार किया : लक्ष्मीदास

मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव बैंकिंग समिट एण्ड अवाड्र्स 2024 सम्पन्न

जयपुर, 14 दिसम्बर (मुखपत्र)। दि राजस्थान अरबन को-ऑपरेटिव बैंक्स फैडरेशन लि. एवं क्रीस्ट इन्फोमीडिया के संयुक्त तत्वावधान में ’क्रियेटिंग वैल्यूज थ्रू टैक्नोलोजी’ की थीम पर ’मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव बैंकिंग समिट एण्ड अवार्ड्स 2024’ का आयोजन 12 दिसम्बर 2024 को होटल के.के.रॉयल में सम्पन्न हुआ, जिसमें राजस्थान राज्य के 20 बैंकों एवं अन्य राज्यों के अरबन बैंकों सहित 200 से अधिक बैंक प्रतिनिधियों एवं तकनीकी क्षेत्र की 14 कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने सार्थक भागीदारी निभाई।

आयोजन के मुख्य अतिथि लक्ष्मीदास, अध्यक्ष नेशनल फैडरेशन ऑफ अरबन को-ऑपरेटिव बैंक्स के साथ ओ.पी.शर्मा, श्रीमती अल्का श्रीवास्तव, संचालक एवं योगेश शर्मा मुख्य कार्यकारी अधिकारी नेफकब, मोहन पाराशर, अध्यक्ष राजस्थान फैडरेशन, नवीन गौतम फाउंडर, क्रीस्ट इन्फोमीडिया, सुमित फडऩीस, कार्यकारी निदेशक-सर्वत्र टैक्नोलोजीज, एम. एल. शर्मा, सीईओ, राजस्थान फैडरेशन द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू हुए समिट में राजस्थान फेडरेशन के अध्यक्ष मोहन पाराशर ने सभी उपस्थित प्रतिभागियों का अभिनंदन किया।
सम्मेलन में राजस्थान से अरबन बैंकों के अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन, के.के.टॉक, विवेकानंद पाण्डेय, कृष्णावतार शर्मा, राहुल पारीक, तौसीफ हुसैन, वीर दिग्वेन्द्र राणा, हरगोविंद जैन, योगेश शर्मा, श्रीमती नंदिता राज सहित बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

नेशनल फैडरेशन के अध्यक्ष लक्ष्मीदास ने कहा कि नेशनल फैडरेशन द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में राजस्थान फैडरेशन पहला राज्य है, जहां सभी अरबन बैंकों के निदेशकों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हो गये है। उन्होंने कहा कि कई बंधनों के बीच अरबन बैंकों के कार्यों में वृद्धि हुई है। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भारत सरकार में पृथक से सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के पश्चात भारतीय रिजर्व बैंक की सोच में भी परिवर्तन आया है एवं देश के केन्द्रीय बैंक ने इन बैंकों की महत्वता स्वीकार की है।

उन्होंने कहा कि नेशनल फैडरेशन समस्त राज्यों के फैडरेशन के साथ अरबन बैंकों की छवि निखारना चाहते हैं। उन्होंने बैंकिंग कार्य में टैक्नीकल कर्मचारी की आवश्यकता और उनके प्रशिक्षण पर जोर देते हुए छोटे-बड़े सभी बैंकों में समान टैक्नोलोजी एवं एकसमान सीबीएस की आवश्यकता बताई। उन्होंने आईटी कंपनियों को सभी तरीके एवं सही सौल्यूशन देने की बात कही। बैंको से भी तकनीकी की समावेश सतर्कता एवं जरूरत अनुसार करने का आग्रह किया और उन्होंने बैंकों में टैक्नोलोजी टीम को मजबूत बनाने की आवश्यकता दोहराई। उन्होंने कहा कि देश के सहकारी बैंक केवल लाभार्जन के लिये काम न कर, समाज के सभी वर्गों को उच्च सेवाएं प्रदान करते हुए, अपने सदस्यों को अर्जित लाभ में से लाभांश भी वितरित करते हैं। सम्मेलन को नेशनल फैडरेशन के संचालक ओ.पी.शर्मा एवं अल्का श्रीवास्तव ने भी सम्बोधित किया।

एक दिवसीय इस आयोजन में महत्वपूर्ण विषयों पर पैनल डिस्कसन्स हुए एवं विभिन्न कंपनियों ने प्रजेंटेशन प्रस्तुत किये। अंत में राजस्थान राज्य के बैंकों को विभिन्न मानदंडों में वर्ष 2023-24 में किये गये उत्कृष्ट कार्यों के लिये अवार्ड्स दिये गये।

इससे एक दिन पूर्व, 11 दिसंबर को अरबन बैंकों के लिये नेशनल फैडरेशन की पहल पर स्थापित अम्ब्रेला आर्गेनाईजेशन के सीईओ प्रभात चतुर्वेदी एवं मुख्य तकनीकी अधिकारी पदम्भूषण बहादुरे ने अम्ब्रेला आर्गेनाईजेशन की आवश्यकता व उससे बैंकों को होने वाले लाभ एवं अब तक हुई प्रगति की जानकारी दी। नेफकब के अध्यक्ष लक्ष्मीदास ने सभी बैंकों को इसका सदस्य बनने का आह्वान किया एवं चर्चा के दौरान लाभकारी सुझाव दिये।

 

 

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