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वर्मी कम्पोस्ट इकाई पर मिलेगा 50 हजार रुपये का अनुदान

श्रीगंगानगर, 31 अगस्त (मुखपत्र)। आधुनिक युग में खेती में रासायनिक उर्वरक का अंधाधुंध प्रयोग हो रहा है, जिससे मृदा की उर्वरकता में कमी आ रही है। मृदा की उर्वरकता को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्थान सरकार द्वारा वर्मी कम्पोस्ट इकाई निर्माण की शुरुआत की गई है। इससे मृदा की जैविक व भौतिक स्थिति में सुधार लाया जा सकेगा। इससे मृदा की उर्वरकता एवं पर्यावरण संतुलन बना रहेगा।

रासायनिक उर्वरक से खेती की बढ़ती हुई लागत को कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पारंपरिक खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इससे फसलों को उचित पोषण मिलने पर उनकी पूर्ण वृद्धि होगी एवं किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन करने पर पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किसान को अनुदान मिलेगा। आवेदन अधिक होने की स्थिति में लॉटरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
कृषि अनुसंधान अधिकारी जगजीत सिंह का कहना है कि स्थायी वर्मी कम्पोस्ट इकाई निर्माण जिले में जैविक खेती करने वाले किसानों को वरदान साबित होगी। इसे किसानों का जैविक खेती के प्रति रूझान बढ़ेगा।

श्रीगंगानगर जिले को इस बार वर्मी कम्पोस्ट की 100 स्थाई ईकाई निर्माण के लक्ष्य आवंटित किए गए हैं। स्थायी वर्मी कम्पोस्ट इकाई की स्थापना करने पर किसानों को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 50 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। इसके लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। वर्मी कम्पोस्ट को जैविक खेती के लिए उपयोग में लिया जा सकेगा। वर्मी कम्पोस्ट उपयोग से मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरा शक्ति को बढ़ावा मिलेगा।

वर्मी कम्पोस्ट इकाई के लिए निर्धारित नियम

राज्य सरकार की बजट घोषणा में वर्मी कंपोस्ट इकाई स्थापना कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए कृषि विभाग की ओर से दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। स्थाई वर्मी कम्पोस्ट इकाई पर अनुदान के लिए किसान के पास एक स्थान पर न्यूनतम कृषि योग्य 0.4 हैक्टेयर भूमि होनी चाहिए। यह इकाई स्थापित करने के लिए किसानों को नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर या स्वयं के स्तर पर राज किसान पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन कर सकेंगे। ऑफलाइन आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा।

जैविक आदान उत्पदान के लिए 30 फीट & 8 फीट & 2.5 फीट आकार के पक्के निर्माण के साथ वर्मी कम्पोस्ट इकाई स्थापना के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 50 हजार रुपये प्रति इकाई आकार अनुसार यथानुपात किसानों को अनुदान दिया जाएगा। जिला अधिकारी या प्रतिनिधि कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी द्वारा इकाई के भौतिक सत्यापन के बाद ही अनुदान जारी किया जाएगा।

एक इकाई में 60 किलोग्राम केंचुए

वर्मी कम्पोस्ट इकाई की स्थापना के लिए 30 फीट & 8 फीट & 2.5 फीट आकार के पक्के निर्माण के साथ वर्मी कंपोस्ट इकाई स्थापना पर अनुदान देय होगा। पक्के शेड की ऊंचाई बीच में कम से कम 10 फीट और किनारे से 8 फीट हो। एक इकाई के लिए कम से कम 60 किलोग्राम केंचुए एटीसी, रजिस्टर्ड गैर सरकारी संस्थान, गौशाला, कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि अनुसंधान केन्द्र, कृषि कॉलेज आदि से किसान खरीद सकते हैं। प्रत्येक बेड में 400-400 ग्राम ट्राइकोडर्मा, पीएसबी, एजोटोबेवाटर कल्चर एवं 1.0 किलो नीम की खली उपयोग में ली जावे।

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